
कई बार कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखने में भले ही एक जैसी हो, लेकिन वास्तव में वह एक दूसरे से पूरी तरह से अलग होती है। बहुत से लोग डायस्टसिस रेक्टी और हर्निया को लेकर कंफ्यूज रहते हैं। दरअसल, यह दोनों समस्याएं पेट से जुड़ी हैं, लेकिन यह एक दूसरे से काफी अलग होती हैं। हालांकि, दोनों के लक्षण देखने में अलग होते हैं, जिन्हें आसानी से महसूस किया जा सकता है। आइये फिटनेस एक्सपर्ट इशव मेहता लांबा से जानते हैं इन दोनों के बीच क्या अंतर होता है।
क्या है डायस्टासिस रेक्टी?
डायस्टासिस रेक्टी एक प्रकार की ऐसी स्थिति है, जिसमें प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को पेट फैलने की समस्या रहती है। हालांकि, कुछ पुरुषों में भी यह समस्या देखी जाती है। पेट फूलने के दौरान पेट की मांसपेशियों में गैप भी बन जाता है। ऐसी स्थिति में आपको पेट में दर्द होने के अलावां कमर के आसपास के हिस्से में जकड़न भी महसूस हो सकती है। दरअसल, ऐसी स्थिति में रेक्टस की मांसपेशियों पर खिंचाव आता है, जिस कारण डायस्टासिस रेक्टी की समस्या होती है।
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क्या है हर्निया?
हर्निया पेट के निचले हिस्से में होने वाली एक समस्या है। इस स्थिति में कई बार पेट या फिर ग्रोइन एरिया में काफी तेज दर्द महसूस होता है। दरअसल, इस स्थिति में पेरिटोनियम में होने वाली कमजोरी के कारण पेट के अंदरूनी हिस्से में तेज दर्द होता है। आमतौर पर इसे ठीक करने के लिए चिकित्सक सर्जरी कराने की सलाह देते हैं। इस स्थिति में कई बार आंतें बाहर निकलने जैसी महसूस होती हैं साथ ही पेट में असहनीय दर्द भी होता है।
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क्या है दोनों में अंतर?
डायस्टासिस रेक्टी और हर्निया दोनों ही आपके पेट को प्रभावित करती है, जिस कारण इसे पहचाना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। हर्निया में आपका पेट फूला या फिर अंदरूनी हिस्से में कमजोरी आने जैसा महसूस हो सकता है। वहीं, डायस्टासिस रेक्टी की समस्या आमतौर पर प्रेग्नेंसी के दौरान या फिर वजन में ज्यादा बदलाव होने के कारण होती है।
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