
हर्निया पेट के निचले हिस्से में होने वाला एक दर्दनाक रोग है। कई बार हर्निया के कारण होने वाला दर्द असहनीय हो जाता है। हर्निया आमतौर पर तब होता है जब पेरिटोनियम में कमजोरी आ जाती है। पेरिटोनियम मांसपेशियों से बनी एक ऐसी दीवार है, जो पेट के अंगों को नियत स्थान पर बनाए रखती है। पेरिटोनियम की कमजोरी के कारण पेट के अंदरूनी अंग बाहर निकल आते हैं और एक गांठ जैसे दिखने लगते हैं। कई बार लेटने के दौरान ये उभार गायब भी हो सकते हैं। आमतौर पर हर्निया के इलाज के लिए सर्जरी (ऑपरेशन) का सहारा लेना पड़ता है। मगर यदि सही समय पर इसका पता चल जाए, तो इससे होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।
लंबे समय तक खांसी या भारी सामान उठाने के कारण मांसपेशियों के कमजोर हो जाने की वजह से हर्निया के होने की संभावना ज्यादा होती है। हालांकि हर्निया के कोई खास लक्षण नहीं होते, लेकिन कुछ लोग में सूजन और दर्द की शिकायद हो सकती है। इस प्रकार का दर्द खड़े होने, मांसपेशियों में खिंचाव होने या कुछ भारी सामान उठाने पर बढ़ सकता है।
हर्निया के प्रकार
हर्निया के कई प्रकार होते हैं और यह स्त्री या पुरुष किसी को भी हो सकता है। हर्निया में निकलने वाले अंगों के अनुसार भी हर्निया का वर्गीकरण किया गया है। सामान्यतः हर्निया के तीन प्रकार होते हैं। -
- वेक्षण हर्निया (इंग्वाइनल हर्निया)
- नाभि हर्निया (अम्बिलाइकल)
- जघनास्थिक हर्निया (फीमोरल हर्निया)
वेक्षण हर्निया (इंग्वाइनल हर्निया)
वेक्षण हर्निया अर्थात इंग्वाइनल हर्निया जांघ के जोड़ में होता है। इस हर्निया में अंडकोष जांघ की पचली नली से अंडकोष में खिसक जाते हैं। ऐसा होने पर अंडकोष का आकार बढ़ जाता है। अंडकोष में सूजन हो जाने के कारण हाइड्रोसिल और हर्निया में अंतर करना मुश्किल हो जाता है। हर्निया का यह प्रकार पुरुषों में पाया जाता है। हर्निया के लगभग 70 प्रतिशत रोगियों को ये हर्निया ही होता है।
नाभि हर्निया (अम्बिलाइकल हर्निया)
नाभि हर्निया अर्थात अम्बिलाइकल हर्निया, हर्निया का ही एक साधारण रूप होता है। इस हर्निया में पेट की सबसे कमजोर मांसपेशी, हर्निया की थैली नाभि से बाहर निकल आती है। यह हर्निया कमजोर मांसपेशियों वाले या मोटे व्यक्तियों को अधिक होता है। हालांकि यह हर्निया के कुल मामलों का 8 से 10 प्रतिशत ही होता है।
जघनास्थिक हर्निया (फीमोरल हर्निया)
फीमोरल अर्थात जघनास्थिक हर्निया, हर्निया के कुल मामलों में से लगभग 20 प्रतिशत ही होता है। इस हर्निया में पेट के अंग जांघ की पैर में जाने वाली धमनी में मौजूद मुंह से बाहर निकल आते हैं। इस धमनी का काम पैर में खून की आपूर्ति करना होता है। फीमोरल हर्नियापुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक होता है।
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हानिया के लक्षण
यूं तो हर्निया के कोई खास लक्षण नहीं होते, लेकिन फिर भी निम्न में से कोई लक्षण हार्निया के कारण हो सकता है।-
- पेट की चर्बी या आंतों का शरीर के बाहर की ओर निकल आना।
- चमड़ी के नीचे फुलापन जैसा महसूस होना।
- फुलावट या सूजन में दर्द और भारीपन महसूस होना।
- खड़े रहने या मल-मूत्र त्यागने में परेशानी होना।
हर्निया होने पर उसका एकमात्र सफल और कारगर उपाय ऑपरेशन ही है। हर्निया के उपचार के लिए कई तरह के ऑपरेशन किया जाते हैं। छोटे बच्चों में या हर्निया के साधारण मामलों में हर्निया की जगह चीरा लगाकर या सूजन वाले भाग को भीतर से धागे से रिपेयर कर दिया जाता है। इसके ऑपरेशन के बाद रोगी को पूरी तरह ठीक होने में 1 से 2 महिने का समय लग सकता है। हर्निया के लगभग 90 प्रतिशत मामलों में दोबारा हर्निया होने की आशंका नहीं रहती, लेकिन 10 प्रतिशत मामलों में वह दोबारा हो सकता है।
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