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डायस्टेसिस रेक्टी (पेट की मांसपेशियों का अलग होना) की समस्या होने पर जरूर करें ये 5 एक्सरसाइज, मिलेगा फायदा

डिलीवरी के बाद महिलाओं में डायस्टेसिस रेक्टी आम समस्या है, जिसमें पेट की मांसपेशियां अलग हो सकती है, जिससे निपटने के लिए आप ये मूवमेंट्स कर सकती हैं।
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डायस्टेसिस रेक्टी (पेट की मांसपेशियों का अलग होना) की समस्या होने पर जरूर करें ये 5 एक्सरसाइज, मिलेगा फायदा


प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के सेहत में कई तरह के बदलाव आते हैं। बच्चा पैदा होने के बाद भी महिलाओं को कई तरह के स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। डिलीवरी के बाद महिलाएं शारीरिक के साथ मानसिक बदलावों से भी गुजरती हैं। इस समय महिलाओं का वजन बढ़ना एक आम बात है, जिसमें कम करने के लिए महिलाएं काफी मशक्कत करती हैं। ऐसे में वे अपनी खान-पान और शारीरिक गवितिधियों में कई तरह के बदलाव करती हैं। कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं, जिन्हें डिलिवरी के बाद डायस्टेसिस रेक्टी की समस्या होती है, जिसमें पेट की मांसपेशियों के बीच दूरी बढ़ने लगती है। महिलाओं में यह समस्या प्रसव के बाद आम होती है। डायस्टेसिस रेक्टी के कारण, पेट की मांसपेशियां अलग हो जाती हैं और पेट में एक उभार आ सकता है। ऐसे में आप डायस्टेसिस रेक्टिफिकेशन कोच ईशव मेहता लांबा के बताएं इन मूवमेंट्स की मदद से डायस्टेसिस रेक्टी की समस्या से निपट सकते हैं। 

डायस्टेसिस रेक्टी होने पर जरूर करें ये 5 मूवमेंट्स

1. डायाफ्राम से सांस लेना 

यह मूवमेंट आपके डायाफ्राम और कोर की मांसपेशियों को एक्टिव करती है, जिसमें पेल्विक फ्लोर भी शामिल है। अपने डायाफ्राम से गहरी सांस लेने पर ध्यान दें और इन मांसपेशियों को एक साथ एक्टिव करने की कोशिश करें, जिससे कोर की ताकत और स्थिरता बढ़ती है।

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2. कोहनी और घुटने से सांस लेना 

कोहनी और घुटनों को जमीन पर रखकर मॉडिफाइ प्लैंक स्थिति में शुरू करते हुए, निचले पेट को लक्षित करें। यह कोर स्थिरता निचले पेट की मांसपेशियों को एक्टिव और मजबूत करने के लिए बढ़ावा देता है। 

3. साइड प्लैंक और बदलाव 

साइड प्लैंक और उनके बदलाव तिरछी मांसपेशियों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करती हैं, जो कोर को स्थिर करने के लिए जरूरी हैं। साइड प्लैंक में एक हाथ या पैर को उठाकर धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाने से मांसपेशियां एक्टिव होंगी और इसकी टोन बढ़ेगी।

4. डेडबग वेरिएशन्स 

डेडबग एक्सरसाइड में पुलओवर से हील टच करके, आप गहरी कोर की मांसपेशियों, खासकर एब्डोमिनिस को एक्टिव करते हैं। यह भिन्नता कोर के ऊपरी और निचले दोनों हिस्सों को एक साथ चुनौती देती है, जिससे पेट का क्षेत्र ज्यादा मजबूत बनता है।

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5. क्रॉस बॉडी एक्टिवेशन 

इस एक्सरसाइज में, आप उल्टे हाथ और बांह के रेजिस्टेंस का उपयोग करते हैं, जो तिरछी मांसपेशियों को लक्षित करता है। यह क्रॉस-बॉडी मूवमेंट आपके पेट के किनारों पर मांसपेशियों को बढ़ावा देकर कोर की स्थिरता को बढ़ाता है।

 

 

 

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ये मूवमेंट्स कोर स्थिरता, ताकत और एलाइनमेंट को बेहतर बनाने में मदद करते हैं, जो डायस्टेसिस रेक्टी को ठीक करने के लिए जरूरी हैं।

Image Credit: Freepik 

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