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नींद की अवधि से ज्यादा नियमितता पर ध्यान देना है जरूरी, डॉक्टर से जानें वजह

आजकल लोग इतना बिजी रहते हैं कि नींद लेने का उनके पास समय ही नहीं होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि 7-8 घंटे की नींद लेने से ज्यादा जरूरी होता है कि लोग तय समय पर नींद लें। आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं। 
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नींद की अवधि से ज्यादा नियमितता पर ध्यान देना है जरूरी, डॉक्टर से जानें वजह


आजकल लोग काम में इतने बिजी रहते हैं कि अच्छी तरह से नींद नहीं ले पाते हैं। जबकि हेल्दी जीवन जीने के लिए लोगों को रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद लेने की सलाह दी जाती है, लेकिन अगर हम कहें कि हेल्दी जीवन जीने के लिए नींद की अवधि से ज्यादा नींद की नियमितता जरूरी होती है, तो आप क्या कहेंगे? जी हां, डॉ. हरीश भाटिया का कहना है कि व्यक्ति के लिए सोने की समय अवधि से ज्यादा जरूरी है कि वह रोजाना एक फिक्स समय पर सोया करे। इससे नींद की क्वालिटी में सुधार होता है और सेहत पर ज्यादा अच्छा असर होता है। अब आप कहें कि जब हम सालों से यही सुनते आए हैं कि हेल्दी लाइफस्टाइल के लिए व्यक्ति को रोजाना 7-8 घंटे की नींद लेनी चाहिए, तो एकदम से हम इस बात को कैसे मान सकते हैं कि समय सोने की अवधि पर नहीं बल्कि नियमितता पर ध्यान देना है। ऐसे में आइए इस आर्टिकल में विस्तार से जानते हैं कि स्लीप शेड्यूल को सुधारने के लिए आपको किस बात पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए।

सोने की अवधि या नियमितता क्या है जरूरी?

sleep schedule

डॉ. हरीश ने इंग्लैंड की एक स्टडी का रेफरेन्स देते हुए बताया कि स्लीप टाइम से ज्यादा जरूरी स्लीप रेगुलेरिटी है। इस स्टडी के हिसाब से अगर कोई व्यक्ति रात में 2 बजे सोने के बाद अगले दिन 10 बजे तक उठता है, तब भी हो सकता है कि उसकी नींद पूरी न हो। दरअसल, अपने कई महसूस किया होगा कि आप 7- 8 घंटे की नींद लेने के बाद भी थकान महसूस करते हैं। इसके पीछे की वजह सोने के समय की अनियमितता होती है। दरअसल, इंसान के शरीर में एक प्राकृतिक घड़ी (सर्केडियन वॉच) होती है, जो शरीर के रूटीन को मैनेज करने में मदद करती है। ऐसे में अगर आप अपने शेड्यूल से बाहर जाकर कोई काम करते हैं, तो आपकी बॉडी को वह काम करने की इच्छा नहीं होती है या फिर आप बहुत थकान महसूस करते हैं। इसी तरह अगर आप रोजाना 11 बजे सोते हैं, तो आपको अपने रूटीन का सख्ती से पालन करना चाहिए। इससे आपकी नींद पूरी होगी और आप ऊर्जावान महसूस करेंगे।

सोने की नियमितता पर ध्यान नहीं देने से क्या होगा?

अगर आप सोने की अवधि पर ध्यान देते हैं और नियमितता को नजरअंदाज कर देते हैं, तो शरीर को कई गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे कि हाइपरटेंशन, डायबिटीज और कार्डियोवैस्कुलर डिजीज आदि। बता दें कि नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी एंड इनफार्मेशन में प्रकाशित स्टडी के हिसाब से भी व्यक्ति को सोने की समय अवधि नहीं, बल्कि सोने के समय की नियमितता पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए। इससे नींद की क्वालिटी व्यक्ति की फिजिकल और मेंटल दोनों हेल्थ को फायदा होता है।

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स्लीप शेड्यूल बनाने से व्यक्ति को होते हैं ये फायदे

शारीरिक स्वास्थ्य होता है बेहतर

रोजाना एक ही समय पर नींद लेने से हृदय रोग, डायबिटीज, डिप्रेशन और मोटापे जैसी बीमारियों के खतरे को कम किया जा सकता है। वहीं, अच्छी नींद से दिल और ब्लड वेसल्स को भी फायदा होता है। इससे इम्यूनिटी भी बूस्ट होती है।  

मानसिक स्वास्थ्य होता है बेहतर

रोजाना समय पर नींद लेने से ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलती है। नींद का शेड्यूल बनाकर सोने से तनाव कम होता है और शांत रहने में मदद मिलती है।

 
 
 
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शरीर में एनर्जी बनी रहती है

अच्छी नींद लेने से दिनभर शरीर में बनी एनर्जी रहती है। नींद पूरी न होने पर चिड़चिड़ापन रहता है और काम करने की शक्ति नहीं महसूस होती।

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अगर आप सोने की अवधि से ज्यादा सोने के समय की नियमितता पर ध्यान देंगे, तो शरीर को ऊपर बताए लाभ हो सकते हैं। ऐसे में अगर आप दिन की एनर्जेटिक शुरुआत करना चाहते हैं, तो रोजाना एक ही समय पर सोएं। इससे आपकी नींद पूरी भी होगी और आपकी नींद की क्वालिटी में सुधार भी होगा।

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