Why Should Parents Not Shout on Kids Before Sleeptime: बच्चों का मानसिक और भावनात्मक विकास उनके माता-पिता और आसपास रहने वाले लोगों के व्यवहार पर निर्भर करता है। पेरेंट्स होने के नाते आप दिनभर बच्चे के साथ कैसा व्यवहार करते हैं यह तो मानसिक और भावनात्मक विकास में मदद करता ही है। साथ ही, रात को सोने से पहले आप बच्चे को किस तरह से ट्रीट कर रहे हैं, यह भी उनके विकास में मदद करते हैं।
आपने देखा होगा कई बार रात को सुलाते समय पेरेंट्स बच्चों पर चिल्लाते हैं, गुस्सा करते हैं और आखिर में उन्हें रुलाकर सुलाने की कोशिश करते हैं। पेरेंट्स की डांट सुनने के बाद बच्चे डर से सो भी जाते हैं, लेकिन इससे उनके दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ता है। लखनऊ के गोमतीनगर स्थित आनंद केयर क्लीनिक के बाल एवं शिशु रोग विशेषज्ञ का कहना है कि अगर रात को सुलाते समय बच्चों पर गुस्सा किया जाए, तो इसका उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। आज इस लेख में हम इसी विषय पर बात करने वाले हैं कि आखिरकार रात को सोने से पहले बच्चों को डांटना, उन पर चिल्लाना और गुस्सा क्यों नहीं करना चाहिए।
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सोने से पहले बच्चों पर चिल्लाना क्यों नहीं चाहिए?- Why Should Parents Not Shout on Kids Before Sleeptime
डॉ. तरुण आनंद का कहना है कि सोने का समय बच्चों के लिए बहुत खास होता है। यह वह समय होता है जब वे अपने दिन के रोमांच से रात के शांत समय में प्रवेश करते हैं। सोने से पहले रात को बच्चों पर चिल्लाया जाए, तो यह उन्हें तनावग्रस्त , मानसिक तौर पर परेशान और चिंतित कर सकता है।
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सोने का समय शांत क्यों मायने रखता है?- Why a Calm Bedtime Matters
इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए वीडियो में डॉ. तरुण आनंद ने इस बात की भी जानकारी दी है आखिरकार बच्चों के लिए रात को सोने से पहले शांत समय क्यों जरूरी होता है। आइए आगे जानते हैं इसके बारे में...
1. भावनात्मक सुरक्षा : बच्चों को सोने से पहले सुरक्षित और प्यार महसूस करने की जरूरत होती है। ऐसे में पेरेंट्स बच्चों को चिल्लाते हैं, तो यह उनकी सुरक्षा की भावना को परेशान करती है। इसलिए रात को सोने से पहले बच्चों का डांटना और उन पर गुस्सा नहीं करना चाहिए।
2. बेहतर नींद की गुणवत्ता :सोने से पहले गुस्से करने से बच्चे असहज महसूस करते हैं, जिससे उन्हें गहरी और शांतिपूर्ण नींद नहीं मिल पाती। नींद की कमी बच्चों के शारीरिक विकास और दिमागी क्षमता पर नेगेटिव असर पड़ता है। एक शांत मन गहरी, आरामदायक नींद को बढ़ावा देता है, जो उनके विकास के जरूरी होता है।
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3. मजबूत बॉन्ड : दिन को सकारात्मक तरीके से समाप्त करने से आपके और आपके बच्चे के बीच विश्वास और संबंध मजबूत होता है। ऐसे में आप उन पर चिल्लाते या गुस्सा करते हैं, तो यह बच्चों के साथ आपकी बॉन्डिंग को खराब कर सकता है।
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4. डर की भावना : सोने से पहले बच्चों पर गुस्सा करने से उनके मन में डर और असुरक्षा की भावना पैदा हो सकती है। यदि वे डांट-फटकार के साथ सोने जाते हैं, तो उनके मन में यह धारणा बन सकती है कि वे अपने माता-पिता से दूर रहेंगे, तो ज्यादा बेहतर रहेगा।
5. सपनों पर असर : ऐसा कहा जाता है कि रात को सोने से पहले बच्चा जो कुछ भी महसूस करता है, उसी से संबंधित सपना भी देखता है। अगर आप रात को डांटकर और चिल्ला के बच्चों को सुलाते हैं, तो उन्हें डरावने सपने आ सकते हैं।
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बच्चों को शांतिपूर्वक सुलाने के तरीके- Ways to put your baby to sleep peacefully
- अगर आपका बच्चा रात को सोने में परेशान करता है और इसके कारण आपको गुस्सा आता है, तो आप नीचे बताए गए तरीकों को अपना सकते हैं।
- बच्चों को प्यार से समझाएं। बिस्तर में लेट कर उनकी बातों को और दिनभर की कहानियों को जरूर सुनें।
- कहानियां, गले लगना या हल्का संगीत बच्चों का मूड सेट कर सकता है। जिससे उन्हें अच्छी नींद आ सकती है।
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निष्कर्ष
बच्चों का मानसिक और भावनात्मक विकास माता-पिता के व्यवहार से जुड़ा होता है। इसलिए रात को सोने से पहले बच्चे के साथ बात करें, उनकी कहानियों को जानें और तब उन्हें सुलाएं, ताकि वह अच्छा महसूस कर सकें।
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