पेैरेंट्स बनना जितनी खुशी की बात है, यह किसी भी महिला और पुरुष के लिए उतनी ही बड़ी जिम्मेदारी भी है। बच्चा होने के साथ माता-पिता की जिम्मेदारी और उन्हें सही पालन-पोषण देने को लेकर चिंता भी बढ़ जाती है। बढ़ते बच्चों को संभालना काफी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में बच्चे के सोने के समय को निर्धारित करना बहुत मुश्किल है। शिशुओं के सोने या जागने का कोई तय समय नहीं होता है, जिसका असर न सिर्फ शिशु पर बल्कि माता-पिता के स्वास्थ्य पर भी नजर आता है। ऐसे में अगर आप भी अपने शिशु को सुलाने में मुश्किल का सामना करते हैं तो आइए प्रमाणित बेबी स्लीप सलाहकार, साहिबा मदान (Sahiba Madaan, Certified Baby Sleep Consultant) से जानते हैं शिशु को सुलाने के टिप्स के बारे में।
शिशु को सुलाने के लिए क्या करें?
1. निर्धारित सोने का समय
सोने के समय की समस्या को कम करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक पूर्वानुमानित सोने का समय (Predictable Bedtime Routine) निर्धारित करना है। बच्चे स्थिरता से बढ़ते हैं, और जब उन्हें पता होता है कि क्या होने वाला है, तो वे ज्यादा सुरक्षित और तनावमुक्त महसूस करते हैं। हर रात एक ही चीज करने से शुरुआत करें, जैसे गर्म पानी से नहलाना, हल्की मालिश, पजामा पहनना, छोटी कहानी पढ़ना और लोरी गाना। यह रूटीन आपके बच्चे को संकेत देती है कि उनके आराम करने का समय हो गया है और वे मानसिक और शारीरिक रूप से सोने के लिए तैयार होते हैं। इस बात को रोजाना सुनिश्चित करें कि बच्चे के आसपास शांति और सुखदायक वातावरण बना हो।
इसे भी पढ़ें: क्या नींद की कमी से कब्ज की समस्या होती है? एक्सपर्ट से जानें इससे क्यों होता है पाचन-तंत्र प्रभावित
2. देखभाल करने वाले पर निर्भर कम रहे
जो बच्चे की देखभाल करता है, बच्चा बार-बार उसके साथ रहना या उसके साथ ही सोने की कोशिश करता है। इसलिए, आप शिशु को देखभाल करने वाले की मौजूदगी के बजाय सोने के समय के रूटीन से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करना जरूरी है। ऐसा करने से आप बच्चे को बिना किसी बाधा के उसके डेली रूटीन के हिसाब से सुला सकते हैं। अगर आप आज के समय में अपने बच्चे को सुलाने के लिए झुलाते हैं, तो धीरे-धीरे अपने शिशु को झूलाना कम करें।
इसे भी पढ़ें: नींद हमारे शरीर के लिए क्यों जरूरी है? एक्सपर्ट से जानें रात को अच्छी नींद लेने के फायदे
3. सोने के समय पर बारीकी से नजर रखें
सोने के समय की बात करें तो बच्चे के लिए सोने का समय बहुत जरूरी है। अगर आपका बच्चा बहुत थका हुआ है तो यह लंबे समय तक शिशु के सोने में परेशानी का कारण बन सकता है। अपने बच्चे के नींद के संकेतों पर ध्यान दें, जैसे कि आंखें रगड़ना, जम्हाई लेना, या चिड़चिड़ा होना, और जब वे सोने के लिए तैयार होने के संकेत दिखा रहे हों तो उन्हें बिस्तर पर सुलाने की कोशिश करें। इसके अतिरिक्त, एक तय समय पर बच्चे को सुलाने के लिए टिके रहने से आपके बच्चे की इंटरनल क्लॉक को बेहतर बनाए रखने में मदद कर सकती है, जिससे उनके लिए हर रात एक ही समय पर सोना आसान हो जाता है।
View this post on Instagram
इन टिप्स को अपने शिशु को सुलाने के लिए आप उनके रूटीन में शामिल कर सकते हैं, ताकि शिशु एक बेहतर और आरामदायक नींद ले सकें।
Image Credit: Freepik
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version