Crest Syndrome in Hindi: कई बार लोगों के शरीर में कुछ ऐसे बदलाव होते हैं, जिसे वे सामान्य समझकर इग्नोर कर देते हैं, लेकिन ये बदलाव कई बार गंभीर बीमारियों के लक्षण हो सकते हैं। इन्हीं बदलावों में एक बदलाव हाथों या उंगलियों की स्किन सख्त या मोटी हो जाती है। इसे लोग मौसम का बदलाव समझकर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन अगर यह लगातार रहे, तो ध्यान देने की जरूरत होती है। अगर किसी के हाथ या उंगुली में यह लक्षण दिखे, तो उसे इग्नोर करने की बजाय डॉक्टर को दिखाएं। यह Crest सिंड्रोम का लक्षण हो सकता है। Crest सिंड्रोम दुर्लभ ऑटोइम्यून बीमारी होती है, जिसका समय पर इलाज होना जरूरी है। इस बारे में हमने अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट, ऑर्थोपेडिक, जॉइंट रिप्लेसमेंट और आर्थ्रोस्कोपिक सर्जरी, डॉ. (प्रोफेसर) राजू वैश्य (Dr (Prof) Raju Vaishya, senior consultant, orthopaedic, joint replacement & arthroscopic surgery, Apollo Hospital) से बात की। उन्होंने Crest सिंड्रोम के बारे में विस्तार से बताया।
Crest सिंड्रोम क्या है?
डॉ. राजू वैश्य कहते हैं, “दरअसल, Crest सिंड्रोम, 'सिस्टमिक स्केलेरोसिस' बीमारी का एक प्रकार है, जिसे 'लिमिटेड क्यूटेनियस सिस्टमिक स्केलेरोसिस' भी कहा जाता है। अगर आसान भाषा में समझाया जाए, तो यह एक ऑटोइम्यून बीमारी जिसमें मरीज का इम्युनिटी सिस्टम स्किन और उसके कनेक्टिव टिशू को नुकसान पहुंचाने लगते हैं। इससे स्किन में कड़ापन और मोटाई आने लगती है।”
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Crest सिंड्रोम के पांच लक्षण क्या है?
डॉ. राजू वैश्य बताते हैं कि CREST शब्द पांच मुख्य लक्षणों के पहले अक्षरों से मिलकर बना है।
- C - कैल्सिनोसिस - इस स्थिति में स्किन के नीचे उंगलियों, हाथों, कोहनियों या घुटनों के आसपास, कैल्शियम की छोटी-छोटी गांठे बन जाती हैं। इससे दर्द और सूजन हो सकती है।
- R - रेनॉड्स फेनोमेनन - इस स्थिति में ठंड या स्ट्रेस के कारण उंगलियों और पैर की उंगलियों का रंग सफेद या नीला पड़ने लगता है।
- E - एसोफेजियल डिस्मोटिलिटी - इस लक्षण में खाने की नली सख्त और कम लचीली हो सकती है, जिस वजह से खाना निगलने में दिक्कत होना, सीने में जलन और एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है।
- S - स्क्लेरोडैक्टिली - इस लक्षण में हाथ और उंगलियों की स्किन सख्त हो जाती है।
- T - टेलेंजिएक्टेसिया - इस लक्षण में स्किन पर लाल रंग के छोटे-छोटे धब्बे या जाली जैसे निशान दिखाई देने लगते हैं। यह आमतौर पर चेहरे, होंठ और हाथों पर दिखते हैं।
हाथ और उंगुली की स्किन के बदलाव को इग्नोर न करें
डॉ. राजू वैश्य ने बताया, “ CREST सिंड्रोम की पहचान शुरुआती स्टेज पर करना जरूरी है। अगर हाथ की स्किन अचानक से चमकदार, टाइट या मोटी लगे, तो तुरंत डॉक्टर से चेक कराएं क्योंकि यह ऑटोइम्यून डिजीज हो सकती है। अगर शुरुआत में ही इसका इलाज करा लिया जाए, तो बीमारी की गंभीरता से बचा जा सकता है। इसके साथ अगर खाना खाने में दिक्कत हो या स्किन पर लाल रंग के धब्बे दिखाई दें, तो तुरंत किसी रुमेटोलॉजिस्ट (Rheumatologist) या ऑर्थोपेडिक स्पेशलिस्ट से सलाह लें।
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CREST सिंड्रोम की जांच कैसे होती है?
डॉ. राजू ने बताया कि आमतौर पर त्वचा मोटी होने पर ब्लड टेस्ट, एक्सरे या CT स्कैन या एंडोस्कोपी से खाने की नली की जांच की जाती है। हालांकि अभी तक इसका कोई परमानेंट इलाज नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को मैनेज किया जा सकता है। इसके लिए डॉक्टर मरीज को दवाइयां देते हैं ताकि ब्लड फ्लो बेहतर हो सके। इसके साथ लाइफस्टाइल में बदलाव जैसे ठंड में हाथ-पैर गर्म रखना, हेल्दी डाइट, स्मोकिंग न करना और स्ट्रेस को मैनेज करने की सलाह दी जाती है।
निष्कर्ष
डॉ. राजू जोर देते हुए कहते हैं कि लोग स्किन के मोटे होने या चमकदार होने को स्किन की समस्या समझ लेते हैं और उस पर कई तरह के तेल और क्रीम लगाते रहते हैं, लेकिन यह समस्या ऑटोइम्यून भी हो सकती है। अगर मरीज समय पर इलाज कराता है, तो लाइफस्टाइल में बदलाव करके Crest सिंड्रोम को मैनेज किया जा सकता है। इसलिए स्किन पर किसी भी तरह के बदलाव दिखे, तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
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Sep 30, 2025 13:56 IST
Modified By : Aneesh RawatSep 30, 2025 13:56 IST
Published By : Aneesh Rawat