Scleroderma Causes in Hindi : हमारी स्किन बेहद ही कोमल और संवेदनशील होती है। लेकिन, इसके बावजूद स्किन को प्रदूषण, तेज धूप और गंदगी का सामना करना पड़ता है। ऐसे में यदि आप त्वचा का ध्यान नहीं देते हैं तो इससे आपको त्वचा से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस वजह से त्वचा पर मुंहासे, रैशेज और पिग्मेंटेशन की समस्या हो सकती है। स्किन से जुड़ी एक ऐसी समस्या होती है जिसमें व्यक्ति की स्किन मोटी और कठोर हो जाती है। इस समस्या को स्कलेरोडर्मा के नम से जाना जाता है। यह एक ऑटोइम्यून रोग है औ इसे सिस्टमिक स्कलेरोसिस भी कहते हैं। इस रोग में व्यक्ति का इम्यून सिस्टम खुद की ही स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है। इसमें त्वचा के साथ ही कनेक्टिव टिश्यू में भी कोठरता आ जाती है। इस लेख में कॉस्मेटोलॉजिस्ट डॉक्टर राहुल जोशी से जानते हैं कि स्कलेरोडर्मा होने के क्या कारण होते हैं। साथ ही, स्कलेरोडर्मा के लक्षण के बारे में भी विस्तार से बताया गया है।
स्क्लेरोडर्मा कितने प्रकार के होते हैं?
लोकलाइज़्ड स्क्लेरोडर्मा
इसमें त्वाच के अंदर की परत प्रभावित होती है। मॉरफिया और लीनियर स्कलेरोडर्मा को इसका हिस्सा माना जाता है। मॉरफिया में त्वचा पर मोटे धब्बे दिखाई देता है। जबकि लीनियर स्कलेरोडर्मा में स्किन में पतली पट्टी या लाइन दिखाई देती है।
सिस्टमिक स्क्लेरोडर्मा
यह प्रकार त्वचा के साथ-साथ आंतरिक अंगों को भी प्रभावित करता है, जैसे कि हृदय, लंग्स, किडनी, और आंत आदि। यह अधिक गंभीर होता है और इसके कारण अंगों की कार्यक्षमता में कमी आ सकती है।
स्क्लेरोडर्मा के क्या कारण हो सकते हैं? - Causes of Scleroderma In Hindi
स्क्लेरोडर्मा का सही कारणों का अभी तक पता नहीं लगाया है, लेकिन इसे एक ऑटोइम्यून रोग माना जाता है। इसका मतलब है कि शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से स्वस्थ टिश्यू पर हमला करती है, जिससे टिश्यू में सूजन और कठोरता आ जाती है। इसके जोखिम कारक के बारे में जानते है।
- जेनेटिक कारण - कुछ लोगों में यह रोग उनके परिवार से प्राप्त हो सकता है। हालांकि, यह आवश्यक नहीं है कि यदि किसी के परिवार में स्क्लेरोडर्मा है तो उन्हें भी होगा।
- पर्यावरणीय कारक - कुछ केमिकल कम्पाउंड और विषाक्त पदार्थों (टॉक्सिन) के संपर्क में आने से स्क्लेरोडर्मा का जोखिम बढ़ सकता है।
- प्रतिरक्षा प्रणाली की असामान्यता - जब प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से शरीर के टिश्यू पर हमला करती है, तब यह रोग उत्पन्न हो सकता है।
स्क्लेरोडर्मा के लक्षण क्या दिखाई दे सकते हैं? - Symptoms of Scleroderma in Hindi
- त्वचा का मोटा और कठोर होना और त्वचा पर धब्बे होना।
- उंगलियों और चेहरे पर विशेष रूप से कठोरता दिखाई देती है।
- रेनॉड्स फिनोमेनन में हाथ और पैर की उंगलियों का ठंडे या तनाव के कारण सफेद या नीला हो जाना।
- गठिया और मांसपेशियों में दर्द बना रहना। जोड़ो और मांसपेशियों में दर्द, सूजन और कठोरता हो सकती है।
- पाचन तंत्र की समस्याएं जैसे निगलने में कठिनाई, पेट में एसिडिटी, कब्ज, या दस्त हो सकती हैं।
- सांस लेने में कठिनाई, सूखी खांसी, और फेफड़ों की कार्यक्षमता में कमी हो सकती है।
- हृदय की समस्याएं जैसे हृदय की धड़कन में अनियमितता, छाती में दर्द, और हृदय की कार्यक्षमता में कमी हो सकती है।
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स्क्लेरोडर्मा एक जटिल और दुर्लभ रोग है जो जीवन को प्रभावित कर सकता है। इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन समय पर निदान और उचित उपचार से इसके लक्षणों को नियंत्रित किया जा सकता है। यदि किसी को स्क्लेरोडर्मा के लक्षण दिखाई देते हैं, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए ताकि समय पर उपचार शुरू किया जा सके।
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