सीओपीडी यानी क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (Chronic Obstructive Pulmonary Disease),ऐसी बीमारी है जिसमें फेफड़ों से जुड़ी कई समस्याएं होती हैं। सीओपीडी वाले लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है, खांसी, सीने में घरघराहट और तमाम प्रकार की दिक्कते होती हैं। ये समस्या क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और फेफड़ों की छोटी-छोटी नलियों में सूजन से जुड़ी हो सकती है। आमतौर पर इसका कारण स्मोकिंग और लंबे समय तक धूल, धुआं और कैमिकल के संपर्क में रहना हो सकता है। ऐसे में डाइट में जुड़ी आदतें इस बीमारी को प्रभावित कर सकती हैं और इससे राहत पाने में भी मददगार है। ऐसे में सवाल उठता है क सीओपीडी का मरीज दूध पी सकता है (Milk for copd patients in hindi)? जानते हैं इस बारे में डॉ. संदीप कटियार, सीनियर कंसलटेंट-पल्मनोलॉजी, अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल, कानपुर।
क्या सीओपीडी का मरीज दूध पी सकता है-Is milk good for copd patients?
डॉ. संदीप कटियार बताते हैं कि सीओपीडी क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज के मरीजों के लिए दूध पीना आमतौर पर सुरक्षित होता है, लेकिन इसका सेवन समझदारी से करना जरूरी है। कुछ मरीजों को दूध पीने से कफ अधिक बन सकता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत हो सकती है, लेकिन यह हर किसी के लिए समान नहीं होता है।
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दूध और सीओपीडी का कनेक्शन-Milk and COPD Connection
NIH की इस स्टडी की मानें तो दूध और डेयरी उत्पादों में विटामिन डी और अन्य पोषक तत्व होते हैं जो फेफड़ों के कार्य के लिए फायदेमंद हो सकते हैं, लेकिन इनमें फैट की मात्रा भी अधिक होती है जिससे कुछ लोगों में जैसे सीओपीडी के मरीजों में फेफड़ों का काम काज प्रभावित हो सकता है। हालांकि, कुछ मामलों में इसे सीओपीडी के दौरान फेफड़ों में होने वाले नुकसान से जोड़ा गया है। जैसे कि
कफ का गाढ़ा होना
कुछ शोध बताते हैं कि सीओपीडी की समस्या में दूध पीना कई बार बलगम बनाता है और कई बार मौजूदा कफ को गाढ़ा कर सकता है। दूध में मौजूद फैट मुंह और गले में एक फिल्मी परत बना सकती है जिससे बलगम की समस्या बढ़ सकती है।
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ऐसे में क्या है डॉक्टर की राय?
दूध पीने के बाद ज्यादा कफ या गला जला जैसा महसूस हो, तो उसे कम करना या हटाना बेहतर होता है। दूध के बजाय आप हल्का या कम फैट वाला दूध चुन सकते हैं या फिर फैट वाले दूध में आप पानी भी मिलाकर पी सकते हैं। इसके अलावा कम मात्रा में दूध पिएं।
इसके अलावा संतुलित आहार और डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाइयां सीओपीडी के प्रबंधन में महत्वपूर्ण हैं। दूध में कैल्शियम और प्रोटीन होते हैं, जो मांसपेशियों की मजबूती और हड्डियों के लिए फायदेमंद हैं, इसलिए इसे पूरी तरह से छोड़ना जरूरी नहीं। अपने शरीर के संकेतों को समझें और किसी भी समस्या पर डॉक्टर से सलाह लें।
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Sep 22, 2025 13:53 IST
Published By : Pallavi Kumari