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क्या मानसून में होने वाली एलर्जी कुछ समय में अपने आप ठीक हो जाती हैं? जानें डॉक्टर से

मानसून की शुरुआत हो चुकी हैं ऐसे में भले ही मौसम सुहावना हो जाता है और गर्मी से राहत मिल जाती है लेकिन मानसून के दौरान कई लोगों को एलर्जी की समस्या हो जाती है। यहां जानिए, क्या मानसून में होने वाली एलर्जी कुछ समय में अपने आप ठीक हो जाती हैं?
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क्या मानसून में होने वाली एलर्जी कुछ समय में अपने आप ठीक हो जाती हैं? जानें डॉक्टर से


मानसून का मौसम हर किसी के लिए सुकून और राहत लेकर आता है। तपती गर्मी के बाद जब ठंडी हवाएं और बारिश की बूंदें धरती को छूती हैं, तो हर किसी का मन प्रसन्न हो उठता है। लेकिन यह मौसम केवल सुकून नहीं लाता, बल्कि अपने साथ कई स्वास्थ्य समस्याएं भी लेकर आता है, जिनमें सबसे आम समस्या है एलर्जी। मानसून में वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे बैक्टीरिया, फंगस एक्टिव हो जाते हैं। यही वजह है कि कई लोगों को इस मौसम में स्किन पर रैशेज, आंखों में जलन, छींकें आना, सांस लेने में तकलीफ या स्किन पर खुजली जैसी एलर्जी की शिकायत होने लगती है।

एलर्जी की यह समस्या खासतौर पर उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करती है, जिनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है या जिन्हें पहले से ही अस्थमा, साइनस या किसी अन्य सांस संबंधी बीमारी है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या यह एलर्जी खुद-ब-खुद ठीक हो जाती है या इसके लिए डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी होता है? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने अमर जैन अस्पताल के पल्मोनरी, स्लीप मेडिसिन और एलर्जी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. शिवानी स्वामी (Dr. Shivani Swami, Head of Department, Dept of Pulmonary, Sleep Medicine and Allergies, Amar Jain Hospital WHC) से बात की-

क्या मानसून में होने वाली एलर्जी कुछ समय में अपने आप ठीक हो जाती हैं? - Do seasonal allergies just go away

मानसून के दौरान वातावरण में नमी का लेवल काफी बढ़ जाता है, जिससे फंगल इंफेक्शन, धूल-मिट्टी के कण, परागकण (pollen) और मोल्ड जैसे एलर्जेन्स एक्टिव हो जाते हैं। इससे नाक बंद होना, छींकें आना, स्किन पर खुजली, आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ जैसी एलर्जी रिएक्शन देखे जाते हैं। डॉ. शिवानी स्वामी बताती हैं कि मानसून में अचानक तापमान में गिरावट और आद्र्रता में बढ़ोतरी शरीर के इम्यून सिस्टम को प्रभावित कर सकती है। यही कारण है कि इस मौसम में एलर्जी के मामले ज्यादा देखे जाते हैं।

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डॉ. शिवानी स्वामी मानती हैं कि मानसून एलर्जी कुछ लोगों के लिए अस्थायी हो सकती है, लेकिन कई मामलों में यह लंबे समय तक बनी रह सकती है, खासकर अगर व्यक्ति को पहले से ही अस्थमा, साइनसाइटिस या स्किन रोग (जैसे एग्जिमा) जैसी समस्याएं हों। हर व्यक्ति का इम्यून रिएक्शन अलग होता है। कुछ लोगों में ये लक्षण केवल मानसून तक सीमित रहते हैं, जबकि कुछ मरीजों में यह एलर्जी पूरे साल तक जारी रह सकती है, अगर इसका सही उपचार न किया जाए।

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Monsoon Allergies

मानसून में एलर्जी क्यों होती है? - Why do we get allergies during monsoon

मानसून में वातावरण में फफूंदी (mold), परागकण और बैक्टीरिया तेजी से पनपते हैं। नमी के कारण घर की दीवारों, कालीनों और बिस्तरों में फंगल ग्रोथ बढ़ जाती है। इसके अलावा, बारिश के कारण कीड़े-मकोड़े भी घरों में प्रवेश करने लगते हैं, जो एलर्जी को और बढ़ा सकते हैं। मानसून में कपड़े और तौलिए देर से सूखते हैं, जिससे उनमें फंगल इंफेक्शन होने की संभावना रहती है। लोग इसे एलर्जी समझ कर नजरअंदाज कर देते हैं, लेकिन अगर सही समय पर इलाज न किया जाए तो यह समस्या बढ़ सकती है।

क्या एलर्जी का इलाज संभव है? - Is it possible to cure allergies

एलर्जी को पूरी तरह से खत्म करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन सही लाइफस्टाइल और चिकित्सकीय देखरेख से इसे कंट्रोल किया जा सकता है।

  • घर की साफ-सफाई पर ध्यान दें और नियमित रूप से पंखों, पर्दों और बेडशीट्स की सफाई करें।
  • नमी से बचाव के लिए डिह्यूमिडिफायर या एग्जॉस्ट फैन का इस्तेमाल करें।
  • एलर्जेन्स से दूरी बनाने के लिए धूल, परागकण और फफूंद वाले स्थानों से बचें।
  • बाहर जाते समय मास्क पहनना एलर्जी से सुरक्षा प्रदान कर सकता है।
  • डॉक्टर की सलाह पर एलर्जी की दवाएं ली जा सकती हैं।

 

यदि एलर्जी केवल मौसम बदलने पर होती है और मौसम के जाते ही ठीक हो जाती है, तो इसे सीजनल एलर्जी कहा जा सकता है जो अस्थायी होती है। लेकिन यदि यह हर साल, या मौसम के बाद भी जारी रहती है, तो यह एक गंभीर समस्या हो सकती है जिसका इलाज जरूरी है। डॉक्टर इस बात पर जोर देते हैं कि एलर्जी को हल्के में न लें। समय रहते सही जांच और उपचार से इसकी गंभीरता को रोका जा सकता है।

निष्कर्ष

मानसून एलर्जी को केवल अस्थायी समझना एक भ्रम हो सकता है। कुछ मामलों में यह केवल मौसम तक सीमित रहती है, लेकिन कई बार यह गहरी स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकती है। यदि लक्षण लगातार बने रहें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • कैसे पता करें कि किस चीज से एलर्जी है? 

    एलर्जी का पता लगाने के लिए सबसे पहले यह देखना जरूरी है कि कौन-सी चीज खाने, छूने, सूंघने या वातावरण में आने के बाद लक्षण जैसे छींक आना, खुजली, सांस लेने में दिक्कत या स्किन पर चकत्ते होते हैं। एलर्जी की पुष्टि के लिए एलर्जी टेस्ट करवाना चाहिए, जैसे कि स्किन प्रिक टेस्ट डॉक्टर आपकी मेडिकल हिस्ट्री लेकर यह भी जान सकते हैं कि संभावित एलर्जन क्या हो सकते हैं।
  • एलर्जी होने का मुख्य कारण क्या है?

    एलर्जी होने का मुख्य कारण शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली (इम्यून सिस्टम) की कुछ सामान्य पदार्थों के प्रति ज्यादा रिएक्शन है। ये पदार्थ, जिन्हें एलर्जन कहा जाता है, आमतौर पर हानिकारक नहीं होते, जैसे धूल, परागकण, पालतू जानवरों के बाल, कुछ फूड्स, दवाएं या कीड़े के डंक। जब कोई एलर्जन शरीर में प्रवेश करता है, तो इम्यून सिस्टम उसे खतरा समझकर हिस्टामिन जैसे रसायन छोड़ता है, जिससे एलर्जी के लक्षण होते हैं। कुछ लोगों को बचपन से ही एलर्जी होने की प्रवृत्ति होती है।
  • एलर्जी होने पर क्या करना चाहिए?

    एलर्जी होने पर सबसे पहले उस चीज से दूर रहना चाहिए जिससे एलर्जी हुई है। हल्के लक्षणों के लिए डॉक्टर की सलाह अनुसार एंटीहिस्टामिन दवा ली जा सकती है, जो खुजली, छींक और आंखों में जलन जैसे लक्षणों को कम करती है। स्किन पर एलर्जी हो तो डॉक्टर द्वारा बताई गई क्रीम या लोशन का उपयोग करें। अगर सांस लेने में दिक्कत हो, सूजन हो या चक्कर आएं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह गंभीर एलर्जिक रिएक्शन हो सकता है। एलर्जी की पुष्टि और इलाज के लिए एलर्जी विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।

 

 

 

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