Is It Normal To Feel Sick After IUI In Hindi: आईयूआई एक तरह की फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है, जिसकी मदद से कृत्रिम तरीके से स्पर्म को सीधे यूट्रस में डाला जाता है। इससे गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। जो महिलाएं नेचुरल तरीके से कंसीव नहीं कर पाती हैं और बार-बार कोशिश करके हार गई हैं, वे इस तकनीक का इस्तेमाल करती हैं। सामान्यतः यह प्रक्रिया ओवुलेश्न के दौरान अंजाम दी जाती है, क्योंकि इस समय एग ओवरी से रिलीज होता है। आपको बता दें कि जो महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस से जूझ रही हैं या जो पुरुष लो स्पर्म काउंट का शिकार हैं, उनके लिए यह तकनीक अधिक उपयोगी मानी जाती है। हालांकि, डॉक्टर मरीज की हेल्थ कंडीशन के अनुसार ट्रीटमेंट का चयन करते हैं। बहरहाल, कई महिलएं आईयूआई करवाने के बाद बीमारी जैसा महसूस होने की शिकायत करती हैं। सवाल यह है कि क्या ऐसा होना सामान्य है? इस बारे में हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बातचीत की।सच्चाई।
क्या फर्टिलिटी ट्रीटमेंट आईयूआई के बाद बुखार जैसा महसूस होना सामान्य है?- Is It Normal To Feel Sick After IUI In Hindi
यह कहने की जरूरत नहीं है कि हर महिला का शरीर अलग होता है। हर महिला का शरीर अलग-अलग ट्रीटमेंट पर अलग-अलग तरह से रिएक्ट कर सकता है। इसलिए, यह कहना कि आईयूआई के बाद हर महिला को बुखार जैसा महसूस होता है, गलत होगा। विशेषज्ञों की मानें, तो आईयूआई के बाद कई महिलाओं को बुखार जैसा महसूस हो सकता है और यह बिल्कुल नॉर्मल है। यह किसी तरह की गंभीर समस्या नहीं है। यहां सवाल यह उठत है कि आखिर आईयूआई के बाद बुखार जैसा महसूस क्यों होता है? दरअसल, आईयूआई प्रोसेस के दौरान महिला के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोजन हार्मोन का स्तर तेजी से बढ़ता है। इस वजह से कई महिलाएं मतली, थकान या उनींदा महसूस कर सकती हैं। ध्यान रखें कि कुछ अन्य लक्षण भी उभर सकते हैं। वहीं, कुछ महिलाएं ऐसी भी होंगी जिन्हें किसी तरह की समस्या नहीं होगी।
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आईयूआई के जरिए कंसीव करने के लक्षण
स्पॉटी ब्लीडिंग
आमतौर पर प्रेग्नेंसी कंसीव करने के बाद महिलाओं को पीरियड्स होने बंद हो जाते हैं। इसे ही प्रेग्नेंसी का पहला लक्षण समझा जाता है। लेकिन, आईयूआई के दो सप्ताह बाद महिलाओं को स्पॉटी ब्लीडिंग हो सकती है। इसके अलावा, इंप्लांटेशन क्रैम्पिंग भी महसूस हो सकती है।
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थकान महसूस होना
आईयूआई करवाने की वजह से महिलाओं के शरीर में प्रोजेस्टेरोन का स्तर बहुत तेजी से बढ़ जाता है। ऐसी स्थिति में महिला थकान और कमजोरी महसूस कर सकती है। यहां तक कि वक्त-बेवक्त महिला को नींद आती रहती है। ठीक इसी तरह के लक्षण प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को महसूस होते हैं। ऐसा तब तक होता है, जब तक कि प्रोजेस्ट्रोन का स्तर ज्यादा बना हुआ रहता है।
स्तन में दर्द होना
प्रेग्नेंसी और ओवुलेशन के दौरान महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रोन का स्तर काफी ज्यादा होने के कारण ब्रेस्ट में टेंडरनेस यानी दर्द का अहसास हो सकता है। यह भी ध्यान रखें कि प्रेग्नेंसी के दौरान ब्रेस्ट में भी कई तरह के बदलाव होते हैं, क्योंकि वह लैक्टेशन के लिए तैयार हो रहे होते हैं, ताकि बच्चे को दूध पिला सकें।
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