जब महिलाएं नेचुरल तरीके से कंसीव नहीं कर पाती हैं, तब आईयूआई प्रक्रिया की मदद ली जा सकती है। इस प्रक्रिया को डॉक्टर द्वारा ही अंजाम दिया जाता है। इस प्रक्रिया के तहत वीर्य को सीधे गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है। आमतौर पर यह प्रक्रिया सरल लगती है और इसके सफल होने की संभावना भी काफी होती है। इसके बावजूद, यह देखने में आता है कि कई महिलाएं जो पहली बार आईयूआई प्रक्रिया से गुजर रही हैं, वे इस बारे में सतर्क नहीं होती हैं। नतीजतन, उन्हें आईयूआई के फेलियर से गुजरना पड़ता है। किसी के साथ ऐसा न हो, इसके लिए आवश्यक है कि आप इसके बारे में जरूरी बातें जानें। इस लेख में आपको बता रहे हैं कि आईयूआई साइकिल से गुजरने से पहले किन बातों के बारे में पर्याप्त जानकारी होनी चाहिए। इस बारे में हमने Mumma's Blessing IVF और वृंदावन स्थित Birthing Paradise की Medical Director and IVF Specialist डॉ. शोभा गुप्ता से बात की।
पहली बार IUI करवाते वक्त किन बातों का ध्यान रखें- How Do I Prepare For My First IUI
समझें आईयूआई प्रोसेस को
आईयूआई प्रक्रिया में कुछ चीजों का ध्यान रखा जाता है, जैसे ओव्यूलेशन मॉनिटर करना, स्पर्म प्रीपेयरेशन, इंसेमिनेशन और पोस्ट प्रोसीजर मॉनिटर करना। इसका मतलब है कि ओव्यूलेशन को मॉनिटर इंसेमिनेशन का सही समय पता लगाया जा सकता है। इंसेमिनेशन यानी स्पर्म को सीधे महिला के गर्भाशय में इंजेक्ट करना और स्पर्म प्रीपेयरेशन का अर्थ होता है स्पर्म को पार्टनर से कलेक्ट करके उसे वॉश और कंसंट्रेटेड करना।
इसे भी पढ़ें: गर्भधारण की समस्या को दूर करती है IUI प्रक्रिया? डॉक्टर से जानें इसे सफल बनाने के 6 टिप्स
करें आईयूआई कंसल्टेशन
जब भी आप आईयूआई प्रक्रिया के बारे में सोचें, तो सबसे पहले आईयूआई कंसल्टेंट से मिलें यानी एक्सपर्ट से मिलें। उनसे इस प्रक्रिया के बारे में सभी जरूरी बातें जानें-समझें। इस दौरान आप उन्हें अपनी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में बताएं और अगर पहले कभी फर्टिलिटी ट्रीटमेंट करवाया है, तो इस बारे में डॉक्टर को सूचति करें। इस कंसल्टेशन के दौरान आपके कई ब्लड टेस्ट, अल्ट्रासाउंड और पार्टनर का सीमन टेस्ट किया जा सकता है।
पीरियड ट्रैक करें
आईयूआई प्रक्रिया सफल हो, इसके लिए बहुत जरूरी है कि आप पीरियड ट्रैक करें। इससे आपको अपने ओव्यूलेशन पीरियड के बारे में सटीक जानकारी मिल सकेगी। वैसे इन दिनों मार्केट में ओव्यूलेशन प्रेडिक्टर किट्स भी आती हैं। इसके अलावा, आपकी इंफर्टिलिटी एक्सपर्ट ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड के जरिए आईयूआई प्रक्रिया के लिए सही समय का चयन करते हैं।
इसे भी पढ़ें: आईयूआई (IUI) से गर्भवती होने की कितनी संभावना होती है? पढ़ें आज इस बारे में सबकुछ
समय पर लें दवा
आईयूआई प्रक्रिया के दौरान डॉक्टर आपको कई तरह की दवा दे सकते हैं। कुछ हार्मोन रिलीज करके ओव्यूलेशन को स्टिमुलेट करने के लिए होती हैं। इससे महिला का एग डेवेलपमेंट होता है। वहीं, अगर किसी को पीसीओएस जैसी दिक्कते हैं, तो उन्हें भी कुछ समय के लिए दवा पर निर्भर रहना पड़ सकता है।
लाइफस्टाइल में बदलाव करें
अगर कोई महिला आईयूआई के जरिए कंसीव करना चाहती हैं, तो उन्हें इस संबध में जरा भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए। उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और अपनी जीवनशैली में किस तरह के बदलाव कर सकते हैं, इस पर चर्चा करनी चाहिए। जैसे कॉफी का सेवन कम करें, स्मोकिंग और शराब का सेवन बिल्कुल न करें, हेल्दी वेट मेंटेन करें यानी वजन बढ़ने न दें। साथ ही, तनाव के स्तर को भी संतुलित रखें, ताकि इसका बुरा असर आईयूआई प्रक्रिया पर न पड़े।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, समझने की बात ये है कि आईयूआई प्रक्रिया में आपको जरा भी लापरवाही नहीं करनी है। अगर अपनी डाइट से लेकर लाइफस्टाइल तक सभी जरूरी बातों पर अमल करना है। साथ ही, आईयूआई में किस-किस तरह की सावधानी बरतनी है और यह प्रक्रिया किस तरह अंजाम दी जाती है, इस बारे में भी इंफर्टिलिटी एक्सपर्ट से सुझाव लेना है।
FAQ
आईयूआई करने से पहले क्या करना चाहिए?
आईयूआई एक सामान्य प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया से गुजरने से पहले आपको ओव्यूलेशन का ध्यान रखना चाहिए ताकि आईयूआई की सफलता दर को बढ़ाया जा सके। इसके अलावा, आईयूआई से पहले कुछ मेडिकल प्रोसीजर से गुजरना होता है, जैसे ब्लड टेस्ट किया जाता है और स्पर्म एनालिसिस किया जाता है।मुझे कैसे पता चलेगा कि मेरा आईयूआई सफल है?
कुछ लक्षणो के जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि आईयूआई सफल है या नहीं। जैसे मासिक धर्म का न आना, मतली, शरीर के तापमान में वृद्धि और ब्रेस्ट टेंडरनेस आदि इसमें शामिल हैं।आईयूआई के कितने दिन बाद सेक्स कर सकते हैं?
डॉक्टरों की मानें, तो आईयूआई प्रक्रिया के करीब 18 से 24 घंटे तक यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए। आईयूआई के तुरंत बाद यौन संबंध बनाने से यह प्रक्रिया असफल हो सकती है।