Periods Tracking: महिलाओं में मासिक धर्म यानी पीरियड्स महीने में एक बार आते हैं। या यूं कहना भी गलत नहीं होगा कि हर 25 से 28 दिनों में पीरियड्स की तिथि एक बार आती है। पीरियड्स 5 से 7 दिनों तक होते हैं। वैसे तो अलग-अलग उम्र में पीरियड्स की शुरुआत होती है लेकिन ज्यादातर लड़कियों में किशोरावस्था के दौरान पीरियड्स की शुरुआत हो जाती है। ये समय 11 से 17 साल की उम्र के बीच हो सकता है। पीरियड्स आने वाले हैं इसके बारे में पहले से पता लगाया जा सकता है। पीरियड्स को ट्रैक करने से सेहत को कई फायदे मिलते हैं। अगर आपको पहले से पीरियड्स के बारे में पता होगा, तो आप लक्षणों को मैनेज कर पाएंगी। पीरियड्स ट्रैक करने के फायदों के बारे में आगे जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ की झलकारीबाई अस्पताल की गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
पीरियड्स ट्रैक करने के फायदे- Benefits of Tracking Periods
पीरियड्स को ट्रैक करने के कई फायदे होते हैं-
1. पीरियड्स को ट्रैक करने से आप लक्षणों की पहचान पहले से करके सही डाइट और हेल्दी लाइफस्टाइल अडॉप्ट कर सकती हैं।
2. ऐसा करने से आप पीरियड्स के लिए तैयार होंगी, और इस दौरान होने वाला दर्द कम होगा।
3. पीरियड्स को ट्रैक करने से ये भी पता चलता है कि मासिक धर्म नियमित हैं या नहीं।
4. पीरियड्स अनियमित आना बीमारी का एक लक्षण होता है। पीरियड्स ट्रैक करने से आपको बीमारी का पता सही समय पर लग सकता है।
5. अगर आप पीरियड्स ट्रैक करेंगी, तो प्रेगनेंसी की संभावना का पता भी लगा सकती हैं।
6. अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए भी पीरियड्स को ट्रैक करना फायदेमंद होता है।
7. पीरियड्स में स्वभाव चिड़चिड़ा हो जाता है, पहले से तारीख का पता होगा, तो आप मूड को आसानी से मैनेज कर पाएंगी।
टॉप स्टोरीज़
पीरियड्स को ट्रैक करने का तरीका- How to Track Periods
पीरियड्स की दो तारीखों के बीच का समय 28 से 30 दिनों का होता है। इस अंतराल में 5 से 6 दिनों का फर्क आना सामान्य है। आप कैलेंडर की मदद से पीरियड्स को ट्रैक कर सकती हैं। अपने आखिरी पीरियड्स की पहली और आखिरी तारीख कैलेंडर पर मार्क कर लें। पीरियड्स की आखिरी तारीख से 28 दिन गिनें और उस दिन को पहली तारीख से मार्क कर लें। इस अनुमान में कुछ दिन आगे या पीछे हो सकते हैं।
इसे भी पढ़ें- ऊनी कपड़े पहनने से पीठ पर हो गए हैं लाल दाने? ऐसे करें इलाज
तारीख का सटीक अनुमान नहीं लग सकता
डॉक्टर से मानते हैं कि पीरियड डेट की अगली तारीख तय करने के एकदम सटीक तरीका नहीं पता लगाया जा सकता है, लेकिन इस तरीके से आप खुद को अपने अगले पीरियड डेट के लिए तैयार कर सकती हैं। इसके अलावा, पीरियड डेट आने से पहले अधिकतर महिलाओं को कुछ तरह की शारीरिक अवस्थाएं और बदलाव भी नजर आ सकते हैं, जिनके लक्षणों से भी आप अपने अगले पीरियड डेट को आसानी से ट्रैक कर सकती हैं।
पीरियड्स ट्रैक करने के लिए लक्षणों पर गौर करें- PMS Symptoms
पीरियड्स को ट्रैक करने के लिए उसके लक्षणों को समझना जरूरी है। हालांकि डॉक्टर ये भी मानते हैं कि महिला के अगले पीरियड्स की तिथि कब आएगी इसका सटीक अंदाजा नहीं लगाया जा सकता लेकिन काफी हद तक तारीख सही ही होती है। कुछ लक्षणों को समझकर आप पीरियड्स आने का अनुमान लगा सकती हैं। इन लक्षणों को पीएमएस यानी प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (Premenstrual Syndrome) यानी माहवारी होने से पहले का समय कहा जाता है। ये लक्षण पीरियड्स से 5 से 10 दिन पहले नजर आने लगते हैं। जैसे-
- पीरियड्स से पहले ब्रेस्ट में सूजन
- ब्रेस्ट कठोर महसूस होना
- योनि से सफेद डिस्चार्ज
- पैर या पीठ में दर्द होना
- सिर दर्द होना
- कमर के निचले हिस्से में दर्द होना
- जांघों में दर्द होना
पीरियड्स ट्रैक करने के लिए एप्स की मदद भी ले सकती हैं। लेख पसंद आया हो, तो शेयर करना न भूलें।