Khushkhabri With IVF: आईवीएफ प्रक्रिया उन लोगों के लिए एक वरदान है, जो नेचुरल तरीके से पेरेंट्स नहीं बन सकते हैं। आईवीएफ प्रक्रिया ने आज तक करोड़ों लोगों पेरेंट्स बनाया है। हालांकि, इस प्रक्रिया में कई तरह के चैलेंजेस भी मौजूद हैं। जैसे आईवीएफ प्रक्रिया के समय महिलाओं को कई तरह के इंजेक्शन लगाए जाते हैं, जो कि हार्मोंस होते हैं। ऐसे में उनके शरीर कई बदलाव होते हैं। कभी यह बदलाव सहनीय होते हैं, तो कभी असहनीय भी होते हैं। इसी प्रक्रिया की वजह से महिला को मानसिक-शारीरिक रूप से समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। यही कारण है कि आज इस प्रक्रिया की सफलता दर बढ़ने के बावजूद कई महिलाओं को इससे डर लगता है। उनके मन में कई तरह के भ्रम भी मौजूद है। ऐसा ही एक सवाल है, क्या आईवीएफ ट्रीटमेंट करवाने के कारण महिलाओं को अर्ली मेनोपॉज हो सकता है? इस बारे में एक्सपर्ट से हमने बात की है। आप भी जानें जवाब।
आईवीएफ को लेकर अक्सर लोगों के मन में कई सवाल होते हैं। इन्हीं सवालों को ध्यान में रखते हुए ऑनलीमायहेल्थ Khushkhabri with IVF नाम से एक स्पेशल सीरीज चला रहा है। इस सीरीज में आपको IVF से जुड़े तमाम विषयों पर आलेख मिल जाएंगे। आज इस लेख में हम आपको बताएंगे कि क्या आईवीएफ ट्रीटमेंट जल्दी मेनोपॉज होने का कारण बन सकता है? इस बारे में जानने के लिए हमने वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की। अगर आप भी IVF के जरिये प्रेग्नेंसी प्लान करने की सोच रहे हैं, तो इस आर्टिकल से आपको अपने डाउट क्लियर करने में मदद मिलेगी।
क्या आईवीएफ ट्रीटमेंट जल्दी मेनोपॉज होने का कारण बन सकता है?- Does IVF Treatment Cause Early Menopause In Hindi
यह सच है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट की मदद से अब तक असंख्य लोग पेरेंट्स बनने के सपने को पूरा कर चुके हैं। लेकिन, इस बात को भी इग्नोर नहीं किया जा सकता है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट के अपने कई चैलेंजेस हैं। इसकी वजह से महिलाओं को फीजिकल-मेंटल परेशानियां झेलनी पड़ती हैं। जहां तक सवाल इस बात का है कि क्या आईवीएफ ट्रीटमेंट जल्दी मेनोपॉज होने का कारण बन सकता है? इस संबंध में डॉक्टर का कहना है, "आईवीएफ ट्रीटमेंट की वजह से किसी भी महिला को जल्दी मेनोपॉज नहीं होता है। ऐसा संभव नहीं है। अर्ली मेनोपॉज के कई अन्य कारण हो सकते हैं। लेकिन, यह कहना सही नहीं होगा कि आईवीएफ ट्रीटमेंट की वजह से अर्ली मेनोपॉज हो रहा है। ऐसा इसलिए भी कहा जा सकता है, क्योंकि आईवीएफ प्रक्रिया में सिर्फ मैच्योर एग्स का यूज किया जाता है।" डॉक्टर का आगे कहना है, "वहीं, अगर हम अर्ली मेनोपॉज के कारणों की बात करें, तो यह स्थिति तब आती है, जब 40 या इससे कम उम्र में महिला की ओवरी में एग्स खत्म हो जाते हैं। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं। लेकिन, आईवीएफ प्रक्रिया को इसके लिए जिम्मेदार ठहराना सही नहीं होगा।"
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आईवीएफ ट्रीटमेंट में मेनापॉज जैसा क्यों फील होता है?
आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान महिलाओं को कई तरह की दवाईयां और इंजेक्शन लगाए जाते हैं। कई बार इसका प्रभाव ऐसा होता है, जिसकी वजह से महिला को मेनोपॉज के लक्षण नजर आ सकते हैं। इसमें हॉट फ्लैशेज, अनियमित पीरियड्स, वजाइनल ड्राइनेस आदि। लेकिन, ध्यान रखें कि प्रेग्नेंसी के दौरान भी महिलाओं को ऐसे ही लक्षण नजर आते हैं। इसलिए, अगर आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान यहां बताए गए संकेत दिख रहे हैं, तो इसे मेनोपॉज के साथ जोड़ना सही नहीं होगा। इसके उलट, इन संकेतों और लक्षणों के माध्यम से आप समझ सकती हैं कि ट्रीटमेंट सही दिशा में काम कर रहा है।
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प्रीमैच्योर मेनोपॉज क्या है?
जो महिलाएं आईवीएफ प्रक्रिया की मदद लेकर कंसीव करना चाहती हैं, तो उन्हें अर्ली मेनोपॉज या प्रीमैच्योर मेनोपॉज के बारे में पता होना चाहिए। ऐसा इसलिए, क्योंकि विशेषज्ञ हमेशा यह सलाह देते हैं कि अगर महिला किसी कारणवश प्राकृतिक तरीके से कंसीव नहीं कर पा रही हैं, तो उन्हें आईवीएफ प्रक्रिया की मदद लेने में देरी नहीं करनी चाहिए। इसके उलट, उन्हें कम उम्र में ही आईवीएफ प्रक्रिया के विकल्प को चुन लेना चाहिए। इससे कंसीव करने और प्रक्रिया के सफल होने की संभावना अधिक होती है। बहरहाल, यहां यह जान लेना आवश्यक है कि आखिर प्रीमैच्योर मेनोपॉज है क्या? अगर महिलाओं की ओवरीज 40 साल की उम्र से पहले ही एग्स प्रोड्यूस करना बंद कर देता है, तो इसे हम प्रीमैच्योर मेनोपॉज के नाम से जानते हैं। जल्दी मेनोपॉज होने के कारण महिला के प्रोडक्टिव ऑर्गन काम करना बंद कर देते हैं यानी अब वह कभी भी कंसीव नहीं कर सकती है। यहां तक कि उनके शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन के स्तर में भी कमी आने लगती है।