Khushkhabri With IVF: आईवीएफ ट्रीटमेंट को लेकर लोगों के मन अब कई तरह के डर बने हुए हैं। जबकि, हम इस तथ्य को झुठला नहीं सकते हैं कि लाखों की संख्या में अब तक कपल्स पैरेंट्स बने हैं और कई लोग इस ट्रीटमेंट की मदद ले भी रहे हैं। आईवीएफ ट्रीटमेंट उन हजारों-लाखों लोगों के लिए किसी चमत्कार से कम नहीं है, जिनके लिए पैरेंट्स बनना एक सपनाभर रह गया था। इसके बावजूद, अब भी ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो आईवीएफ ट्रीटमेंट करवाने से डरते हैं। खासकर, महिलाओं के मन में इसको लेकर कई तरह के डर बने हुए हैं। जैसे, उन्हें लगता है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट की वजह कैंसर हो सकता है? सवाल है, क्या वाकई ऐसा होता है? कया वाकई आईवीएफ ट्रीटमेंट और कैंसर का आपस में कोई कनेक्शन है? आइए, जानते हैं इस बारे में एक्सपर्ट की क्या राय है।
ऑनलीमायहेल्थ Khushkhabri with IVF नाम से एक स्पेशल सीरीज चला रहा है। लोगों के मन में IVF को लेकर कई तरह के सवाल होते हैं। जो लोग इस प्रक्रिया की मदद से पैरेंट्स बनना चाहते हैं, उन्हें इन सवालों की जवाब जानने के लिए हमारी यह सीरीज मदद कर सकती है। आज इस सीरीज में हम आपको बता रहे हैं कि क्या IVF ट्रीटमेंट के कारण कैंसर जैसी गंभीर बीमारी हो सकती है? इस बारे में हमने नई दिल्ली स्थित शांता फर्टिलिटी सेंटर की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अनुभा सिंह से बात की। अगर आप भी IVF के जरिये प्रेग्नेंसी प्लान करने की सोच रहे हैं, तो इस स्टोरी से आपको जरूर मदद मिलेगी।
क्या आईवीएफ ट्रीटमेंट के कारण कैंसर हो सकता है- Do IVF Treatments Cause Cancer In Hindi
आईवीएफ ट्रीटमेंट को कैंसर से जोड़कर देखना कोई नई बात नहीं है। असल में, आईवीएफ को कई तरह की परेशानियों से इसलिए जोड़कर देखा जाता है, क्योंकि ट्रीटमेंट के दौरान या इसके बाद कई तरह की जटिलताओं से महिलाओं को गुजरना पड़ता है। जैसे, आईवीएफ ट्रीटमेंट में मल्टीपल प्रेग्नेंसी की संभावना नेचुरल तरीके से कंसीव करने वाली महिलआों की तुलना में अधिक होती है। इसी तरह, इसमें प्रीमेच्योर डिलीवरी का रिस्क, एक्टोपिक प्रेग्नेंसी और इमोशनल-फिजिकल स्ट्रेस का बढ़ना जैसी कई समस्याएं आईवीएफ ट्रीटमेंट से जुड़ी होती है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट और कैंसर का क्या कनेक्शन है? इस संबंध में नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक रिपोर्ट से स्पष्ट होता है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान इस्तेमाल होने वाली फर्टिलिटी ड्रग्स का कैंसर के साथ कोई गहरा संबंध नहीं है। हालांकि, आईवीएफ ट्रीटमेंट करवा चुकी कुछ महिलाओं में ट्रीटमेंट के बाद पहले साल में ही ब्रेस्ट और यूटरीन कैंसर का रिस्क बढ़ता देखा गया है। लेकिन, यह संबंध इतना गहरा नहीं है कि यह कहा सके कि आईवीएफ ट्रीटमेंट के कारण महिला को कैंसर जैसी घातक बीमारी हो सकती है। ध्यान रखें कि ब्रेस्ट कैंसर या गर्भाशय के कैंसर के होने के पीछे कई तरह के कारक जिम्मेदार होते हैं। इसमें सिर्फ आईवीएफ ट्रीटमेंट रेस्पॉन्सिबल हो, ऐसा माना नहीं जा सकता है।
इसे भी पढ़ें: Khushkhabri With IVF: आईवीएफ ट्रीटमेंट से पहले महिलाएं जरूर बरतें ये सावधानियां, मिलेगा बेहतर परिणाम
आईवीएफ ट्रीटमेंट के कारण कब बढ़ता है कि कैंसर का रिस्क
जैसा कि यह स्पष्ट है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट के कारण महिला को कैंसर का जोखिम नहीं होता है। लेकिन, कुछ मामलों में यह भी देखा गया है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद महिला में ब्रेस्ट कैंसर का रिस्क बढ़ता है। लेकिन, इसे इतना श्याम-श्वेत नजरिए से देखना या समझना सही नहीं है। ऐसा इसलिए, क्योंकि आईवीएफ ट्रीटमेंट की वजह से ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम उन महिलाओं में बढ़ता है, जिनकी फैमिली हिस्ट्री में ब्रेस्ट कैंसर मौजूद है। इस बात की पुष्टि नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक लेख से होती है। यही कारण है कि जो महिलाएं आईवीएफ ट्रीटमेंट करवा रही हैं, उन्हें अपनी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में पता होना चाहिए और डॉक्टर को भी इस संबंध में सूचित करना चाहिए।
आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद कैंसर के रिस्क को कम कैसे करें
आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद कैंसर का जोखिम बढ़ेगा या नहीं, यह महिला मेडिकल हिस्ट्री से पता चलता है। इसके बावजूद, कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के जोखिम को कम करना है, तो इस संबंध में कुछ टिप्स अपना सकते हैं, जैसे-
- हेल्दी लाइफस्टाइल मेंटेन करें। हर महिला के लिए यह जरूरी है कि आईवीएफ ट्रीटमेंट के बाद हो या इससे पहले, बुरी आदतों को न अपनाएं। बुरी लतों से दूर रहें। साथ ही, सोने का पैटर्न और खाने का सही समय फिक्स करना जरूरी है।
- स्ट्रेस न लें। ध्यान रखें कि तनाव तमाम बड़ी बीमारियों का कारण बन सकता है। असल में स्ट्रेस किसी भी बीमारी के कारण को ट्रिगर करता है, जिससे बीमारी का जोखिम बढ़ जाता है। अगर आईवीएफ ट्रीटमेंट से गुजर रही महिला की मेडिकल हिस्ट्री में कैंसर है, तो उन्हें स्ट्रेस को मैनेज करना आना चाहिए।
- नियमित रूप से चेकअप जरूर करवाएं। यह बात न सिर्फ आईवीएफ ट्रीटमेंट करवा रही महिलाओं के लिए है, बल्कि नेचुरल तरीके से कंसीव करने वाली महिलाओं को भी नियमित रूप से कैंसर टेस्ट करवाना चाहिए। इससे बीमारी का पहले से पता चल जाता है और समय पर इलाज किया जा सकता है।
- इसके अलावा, आईवीएफ ट्रीटमेंट करवा रही महिलाओं को कैंसर और आईवीएफ ट्रीटमेंट के बीच क्या कनेक्शन है, इस बारे में बारीक जानकारी रखनी चाहिए। बेहतर होगा कि इस संबंध में आप डॉक्टर से विस्तार से बात करें। वे आपको जरूरी सावधानी बरतने के लिए भी कह सकते हैं।
All Image Credit: Freepik