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Body Craving Sugar When Sick: आमतौर पर बीमार पड़ने पर लोगों की भूख कम हो जाती है और उन्हें ज्यादतार फूड आइटम्स का स्वाद भी नहीं आता है। ऐसा खासकर, बुखार या सर्दी-जुकाम में होता है। इसके बावजूद, कुछ लोगों को बीमार पड़ने पर मीठे की क्रेविंग हो जाती है। आपने यह तो सुना होगा कि पीरियड्स या प्रेग्नेंसी में महिलाओं को मीठा खाने की क्रेविंग हो जाती है। मगर सवाल उठता है कि क्या बीमार पड़ने पर भी मीठे क्रेविंग होना नॉर्मल है? आइए, जानते हैं इस संबंध में क्या कहते हैं नोएडा सेक्टर 71 स्थित कैलाश अस्पताल में Consultant - Dietetics वंदना राजपूत।
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क्या बीमार होने पर मीठे की क्रेविंग होना नॉर्मल है?- Why Do I Crave Sugar When I am Sick
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बीमार पड़ने पर मीठे की क्रेविंग होना पूरी तरह नॉर्मल है। यहां तक कि बीमार पड़ने पर मीठा खाना कहीं न कहीं स्वास्थ्य में सुधार देखने को मिलता है। यहां सवाल उठता है कि आखिर ऐसा क्यों है? आखिर बीमार होने पर मीठे की क्रेविंग होना नॉर्मल क्यों है? इस संबंध में एक्सपर्ट की मानें, ते बीमार पड़ने पर शरीर के इम्यून सिस्टम को संक्रमण से लड़ने के लिए ऊर्जा की जरूरत होती है। वहीं, मीठा खाने से बॉडी को इंस्टेंट एनर्जी मिलती है। NCBI से भी इस बात की पुष्टि होती है। आपको बता दें कि बीमार होने पर व्यक्ति तनाव से घिर जाता है, जिस वजह से बॉडी में कोर्टिसोल हार्मोन का स्राव ट्रिगर होने लगता है। यह भी एनर्जी को कम करने में अहम रोल अदा करता है। जैसे ही बॉडी में एनर्जी का स्तर कम होता है, मीठे की क्रेविंग बढ़ने लगती है।
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बीमारी में मीठे की क्रेविंग कैसे बढ़ती है?
बढ़ते एनर्जी की डिमांड
जैसा कि हमने कुछ देर पहले भी जिक्र किया है कि बीमारी के कारण शरीर काफी कमजोर हो जाता है। इस स्थिति में शरीर की एनर्जी का स्तर पूरी तरह गिर जाता है। एनर्जी की डिमांड पूरी करने के लिए बॉडी में मीठा खाने की क्रेविंग होने लगती है। वैसे भी बॉडी को इस समय वायरस या बैक्टीरिया से लड़ने के लिए अधिक एनर्जी की जरूरत पड़ती है।
इंस्टेंट एनर्जी का सोर्स
शुगर युक्त खाद्य पदार्थ हमारी बॉडी में जाते ही तेजी से टूटते हैं और शरीर को इंस्टेंट एनर्जी प्रदान करते हैं। इस तरह देखा जाए, तो बीमारी में मीठा खाने से एनर्जी का स्तर बढ़ता है, जिससे इम्यून सिस्टम को बेहतर तरीके से काम करने में मदद मिलती है।
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स्ट्रेस रेस्पॉन्स
बीमारी, तनाव का एक ही रूप है। बीमार होने पर शरीर कोर्टिसोल जैसे तनाव हार्मोन रिलीज करके प्रतिक्रिया करता है। कोर्टिसोल बढ़ने पर बॉडी को अधिक एनर्जी की जरूरत पड़ती है। हाई कैलोरी फूड एनर्जी के डिमांड को पूरा करने में मदद करते हैं।
मूड एन्हैंस
बीमार पड़ने पर कई बार कुछ भी खाने का मन नहीं करता है, क्योंकि स्वाद अच्छा नहीं लगता है। वहीं, मीठा खाने से न सिर्फ स्वाद बेहतर महसूस होता है, बल्कि मूड भी एन्हैंस होने लगात है। विशेषज्ञों की मानें, तो मीठा खाने से डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे फील गुड न्यूरोट्रांसमीटर रिलीज होते हैं, जो कि बीमार पड़ने पर मूड को बेहतर बनाने का काम करते हैं।
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निष्कर्ष
हालांकि, बीमार पड़ने पर मीठा खाने की क्रेविंग बढ़ जाती है। इससे मूड भी अच्छा हो जाता है, लेकिन फिर भी इसे सीमित मात्रा में ही खाना सही होता है। अधिक मात्रा में इसका सेवन करना स्वास्थ्य के लिए नुकसान हो सकता है। वहीं, अगर किसी को डायबिटीज है, तो उन्हें इसका सेवन करने से पहले एक्सपर्ट की सलाह लेना नहीं भूलना चाहिए।
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FAQ
मीठा खाने की क्रेविंग क्यों होती है?
मीठा खाने की क्रेविंग तब होती है, जब ब्लड शुगर के स्तर में असंतुलन, तनाव, नींद की कमी और शरीर में पोषक तत्वों की कमी हो जाती है। इसके अलावा, डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे खुशी देने वाले हार्मोन के रिलीज होने से भी मीठा खाने की चाह बढ़ जाती है।क्या चिंता शुगर क्रेविंग का कारण बनती है?
हां, अगर कोई लंबे समय तक चिंता से ग्रस्त है, तो उनके शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है। ऐसे में उनमें मीठा खाने की क्रेविंग बढ़ने लगती है।मीठे खाने की क्रेविंग कैसे कम करें?
सबसे पहले आप यह जानने की कोशिश करें कि आपको मीठा खाने की क्रेविंग क्यों हो रही है? असल में, कई डायबिटीज जैसी मेडिकल कंडीशन में भी मीठा खाने की क्रेविंग बढ़ जाती है। जहां तक सवाल इसे कम करने की बात है, तो इसके लिए आप रेगुलर एक्सरसाइज और बॉडी में एनर्जी के स्तर को कम न होने दें।
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Nov 18, 2025 18:59 IST
Published By : Meera Tagore