आज के समय में स्वास्थ्य और फिटनेस को लेकर जागरूकता तेजी से बढ़ रही है, इसी के साथ लोगों के खान-पान में भी बड़े बदलाव देखने को मिल रहे हैं। एक ऐसा ही बदलाव है ग्लूटेन-फ्री डाइट को अपनाना। सोशल मीडिया, हेल्थ ब्लॉग्स और सेलिब्रिटीज द्वारा प्रचारित किए जाने के कारण यह डाइट प्लान एक ट्रेंड बन चुका है। बहुत से लोग बिना सोचे-समझे इसे अपनाते हैं, यह मानकर कि यह वजन घटाने, स्किन निखारने और पाचन सुधारने में मदद करेगी। लेकिन वास्तव में, ग्लूटेन-फ्री डाइट की जरूरत किन लोगों को होती है? क्या हर व्यक्ति को गेहूं और उससे बनी चीजों से परहेज करना चाहिए? क्या यह डाइट बिना किसी चिकित्सकीय सलाह के अपनाई जानी चाहिए? और सबसे जरूरी सवाल कि क्या ग्लूटेन सभी के लिए नुकसानदायक है? इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने, दिल्ली की क्लिनिकल डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट रक्षिता मेहरा (Rakshita Mehra, Clinical Dietitian and Nutritionist, Delhi) से बात की-
क्या ग्लूटेन-फ्री डाइट सभी के लिए अच्छी है? - Is Gluten Free Good For Everyone
डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट रक्षिता मेहरा बताती हैं कि यह समझना जरूरी है कि अगर आपके शरीर को ग्लूटेन से कोई दिक्कत नहीं है, तो ग्लूटेन-फ्री डाइट अपनाना जरूरी नहीं है। वास्तव में, बिना जरूरत के ग्लूटेन को डाइट से हटाना पौष्टिकता में कमी ला सकता है। गेहूं और अन्य अनाज फाइबर, आयरन, फोलेट और कई अन्य पोषक तत्वों के अच्छे सोर्स होते हैं।
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ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है जो गेहूं, जौ (Barley) जैसे अनाजों में पाया जाता है। यह आटा को लोचदार बनाता है और रोटी, केक, ब्रेड जैसी चीजों को उनकी बनावट देता है। हालांकि, कुछ लोगों के शरीर में ग्लूटेन को पचाने में कठिनाई होती है, जिससे उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं (Should everyone eat a gluten-free diet) हो सकती हैं।
किन लोगों को ग्लूटेन से परेशानी होती है? - Who cannot tolerate gluten
ग्लूटेन से जुड़ी सबसे गंभीर स्थिति सीलिएक डिजीज (Celiac Disease) है। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जिसमें ग्लूटेन खाने पर छोटी आंत को नुकसान पहुंचता है। भारत में भी यह बीमारी धीरे-धीरे सामने आ रही है। इसके अलावा कुछ लोगों को नॉन-सीलिएक ग्लूटेन सेंसिटिविटी या ग्लूटेन एलर्जी हो सकती है, जिनमें गैस, सूजन, सिरदर्द या थकान जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं।
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डाइटिशियन की सलाह
डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट रक्षिता मेहरा का मानना है कि डाइट को किसी भी बीमारी के अनुसार ही बदलना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति को सीलिएक डिजीज, ग्लूटेन सेंसिटिविटी या गेहूं से एलर्जी नहीं है, तो उसे ग्लूटेन-फ्री डाइट की जरूरत नहीं है। हर किसी के शरीर की जरूरतें अलग होती हैं और डाइट का चयन भी उसी अनुसार होना चाहिए।
हेल्दी जीवन के लिए जरूरी है कि हम संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें। सब्जियां, फल, साबुत अनाज, दालें, नट्स और डेयरी जैसे फूड्स हमारी डाइट का हिस्सा होने चाहिए। किसी भी एक चीज को बिना वजह डाइट से निकालना, स्वास्थ्य को बिगाड़ सकता है।
निष्कर्ष
अगर आप हेल्दी रहना चाहते हैं, तो रोजाना संतुलित भोजन, नियमित एक्सरसाइज और पर्याप्त नींद सबसे ज्यादा जरूरी हैं। किसी भी डाइट को अपनाने से पहले डॉक्टर या डाइटिशियन से सलाह जरूर लें। हालांकि जिन लोगों को ग्लूटेन से एलर्जी या सीलिएक डिजीज है वह ग्लूटेन-फ्री डाइट डाइटिशियन की सलाह पर लें।
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