Sudden Onset Of Food Intolerance In Hindi: फूड इंटॉलेरेंस का मतलब होता है कि किसी व्यक्ति को किसी खास चीज को खाए जाने पर पचाने में दिक्कत आती है। इसकी वजह से पेट संबंधी समस्या हो सकती है। इसमें उल्टी, पेट दर्द, ब्लोटिंग आदि होना शामिल है। वैसे तो बचपन से ही यह पता होता कि किसी व्यक्ति को फूड इंटॉलेरेंस की दिक्कत है या नहीं। लेकिन, कई बार अचानक यह समस्या भी हो सकती है। तो सवाल यह है कि आखिर अचानक फूड इंटॉलेरेंस की परेशानी क्यों हो जाती है? खासकर, वयस्कों में यह दिक्कत क्यों दिखती है? इस सवाल का जवाब जानना इसलिए भी जरूरी है ताकि भविष्य में इस तरह की परेशानी से बचा जा सके। चलिए, जानते हैं कि वयस्कों में फूड इंटॉलेरेंस की समस्या अचानक क्यों होती है? इस बारे में जानने के लिए हमने Pachouli Aesthetics and Wellness की Biohacking expert and Founder डॉ. प्रीति सेठ से बात की है।
वयस्कों को अचानक फूड इंटॉलेरेंस की समस्या क्यों होती है?- Causes Of Sudden Food Intolerance In Adults In Hindi
पाचन से संबंधित समस्या
खाद्य पदार्थ को पचाने के लिए एक विशेष किस्म के डाइजेस्टिव एंजाइम्स का होना बहुत जरूरी होता है। अगर इनमें कमी आ जाती है, तो फूड इंटॉलेरेंस की दिक्कत हो सकती है। सवाल है, डाइजेस्टिव एंजाइम्स में दिक्कत क्यों आती है? ऐसा तब होता है जब डाइजेस्टिव सिस्ट में सूजन आ जाती है या गट हेल्थ का माइक्रोबायोम चेंज हो जाता है। इस स्थिति में डाइजेस्टिव सिस्टम सही तरह से काम नहीं करता है और वयस्कों को अचान फूड इंटॉलेरेंस की दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
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मेडिकल कंडीशन
कई बार लंबे समय से चल रही बीमारी भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकती है। अगर किसी को क्रोनिक डिजीज है, जैसे इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम, इर्रिटेबल बाउल डिजीज या सीलिएक डिजीज। इस तरह की परेशानी में डाइजेस्टिव सिस्टम में दिक्कत हो सकती है और खाना पचाना मुश्किल हो जाता है। नतीजतन, वयस्कों को फूड इंटॉलेरेंस झेलना पड़ सकता है। इसके अलावा, संक्रमण और न्यूरोएंडोक्राइन ट्यूमर्स भी फूड इंटॉलेरेंस के लिए जिम्मेदार माने जाते हैं।
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खराब जीवनशैली
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि फूड इंटॉलेरेंस के पीछे खराब जीवनशैली भी जिम्मेदार होती है। जैसे अगर आप खराब डाइट फॉलो करते हैं, जिसमें फाइबर और अन्य पोषक तत्वों की कमी होती है, तो भी पाचन से जुड़ी समस्या देखने को मिल सकती है। इसके अलावा, स्ट्रेस और बढ़ती उम्र भी फूड इंटॉलेरेंस के लिए रेस्पॉन्सिबल माने जा सकते हैं। क्योंकि जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाती है, डाइजेस्टिव एंजाइम्स का प्रोडक्शन कम होने लगता है, जिससे फूड इंटॉलेरेंस की दिक्कत बढ़ सकती है। इसके अलावा, आजकल लोगों में तनाव भी बढ़ रहा है। इसकी वजह से शरीर में कॉर्टिसोल का उत्पादन अधिक हो जाता है और गट का माइक्रोबायोम प्रभावित होने लगता है। इसीलिए एक उम्र के बाद ज्यादा तनाव के चलते ये समस्या आम होती जा रही है।
FAQ
लैक्टोज की समस्या कब तक रहती है?
लैक्टोज इंटॉलेरेंस की समस्या तब होती है, जब किसी का शरीर दूध और दूध से बने प्रोडक्ट में मौजूद लैक्टोज नाम के शुगर को पचा नहीं पाता है। अगर कोई गलती से लैक्टोज युक्त चीजें खा ले यानी दूध से बने प्रोडक्ट का सेवन कर ले, तो ऐसे में उन्हें पाचन संबंधी समस्या हो जाती है। इस दौरान पेट दर्द, पेट फूलना, दस्त आदि समस्याएं देखने को मिलती है। लैक्टोज की समस्या करीब 30 मिनट से लेकर दो घंटे तक बनी रह सकती है। हालांकि, यह कंडीशन हर व्यक्ति के स्वास्थ्य स्थिति पर करती है।अगर आप गलती से लैक्टोज खा लें तो क्या करें?
अगर आपको लैक्टोज इंटॉलेरेंस की दिक्कत है, तो आपको दूध और दूध से बने प्रोडक्ट का सेवन नहीं करना चाहिए। इस तरह की चीजें खाने की वजह से कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जैसे पेट दर्द, उल्टी, ब्लोटिंग आदि। दस्त और पेट में सूजन जैसी समस्या भी हो सकती है।फूड एलर्जी क्यों होती है?
फूड एलर्जी, फूड इंटॉलेरेंस से बिल्कुल अलग है। फूड एलर्जी तब होती है जब किसी प्रतिरक्षा प्रणाली किसी खाद्य पदार्थ विशेष को पचा नहीं पाती है। यह स्थिति अधिक गंभीर होती है। इसकी वजह से एक्जिमा, हाइव्स, पेट दर्द जैसी तमाम परेशानियां देखने को मिल सकती हैं।