Can Food Intolerance Be Cured In Hindi: फूड इंटॉलेरेंस का मतलब होता है कि किसी विशेष किस्म का फूड आइटम को डाइजेस्टिव सिस्टम पचा नहीं पाता है। फूड इंटॉलरेंस को फूड सेंसिटिविटी के नाम से भी जाना जाता है। इसे सरल शब्दों में समझें, तो आपकी आंत कुछ विशेष किस्म की खाने की चीजों के प्रति सेंसिटिव होती है। ऐसे में जैसे ही आप उस खाद्य पदार्थ का सेवन करते हैं, तो सबसे पहले डाइजेस्टिव सिस्टम प्रभावितत होता है। क्योंकि डाइजेस्टिव सिस्टम खाए हुए आहार को तोड़ नहीं पाता है, जिससे उसे पचाना मुश्किल हो जाता है। बहरहाल, यहां सवाल यह उठता है कि क्या फूड इंटॉलेरेंस की समस्या पूरी तरह ठीक हो सकती है? आइए, जानते हैं इस बारे में एक्सपर्ट की क्या राय है। इस बारे में Divya Gandhi's Diet & Nutrition Clinic की डायटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से बात की। (Kya Food Intolerance Theek Ho Sakta Hai)
क्या फूड इंटॉलेरेंस की समस्या पूरी तरह ठीक हो सकती है?- Can Food Intolerance Be Reversed In Hindi
जैसा कि पहले ही बताया गया है कि फूड इंटॉलरेंस कुछ खास किस्म के फूड आइटम्स की वजह से हो सकती है। इससे डाइजेस्टिव प्रॉब्लम होने लगती है, जैसे ब्लोटिंग, गैस और डायरिया आदि। जहां तक सवाल इस बात का है कि क्या वाकई फूड इंटॉलेरेंस की समस्या पूरी तरह ठीक हो सकती है? इस बारे में एक्सपर्ट का कहना है, ‘फूड इंटॉलेरेंस किसी भी बीमारी की तरह रिकवर नहीं किया जा सकता है। इसका ट्रीटमेंट भी किसी डिजीज की तरह नहीं होता है। हालांकि, इसे मैनेज किया जा सकता है और यह फूड एलर्जी जैसा घातक भी नहीं होता है।’ आपको बता दें फूड एलर्जी की वजह न सिर्फ पेट से जुड़ी प्रॉब्लम क्रिएट करती है, बल्कि इसकी वजह से स्किन प्रॉब्लम, सांस संबंधी समस्या हो सकती है। यहां तक कि यह जानलेवा भी साबित हो सकता है।
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फूड इंटॉलेरेंस के लक्षण
- पेट में दर्द
- डायरिया
- गैस और ब्लोटिंग
- सिरदर्द और माइग्रेन
- हार्टबर्न
- सिर घूमना
- पेट में गड़बड़ी
फूड इंटॉलेरेंस के प्रकार
लैक्टोजः यह समस्याओं उन लोगों को होता है, जिन्हें डेयरी प्रोडक्ट सूट नहीं करता है। लैक्टोज एक तरह का शुगर होता है। जब बॉडी लैक्टॉज इंटॉलेरेंट होती है, जो इसमें मौजूद चीनी लैक्टोज को तोड़ने के लिए पर्याप्त लैक्टेज एंजाइम नहीं बनाते हैं। यह एक तरह का कॉमन फूड इंटॉलेरेंस होता है।
हिस्टामाइनः यह एक तरह का केमिकल है, जो कई तरह के खाद्य पदार्थ में पाए जाते हैं। इसमें पनीर, अनानास, केले, एवोकाडो और चॉकलेट आदि शामिल हैं। जो लोग हिस्टामाइन इंटॉलेरेंस हैं, उनमें इस केमिकल को तोड़ने के लिए पर्याप्त डायमाइन ऑक्सीडेज एंजाइम नहीं बनता है।
ग्लूटेनः ग्लूटेन गेहूं, राई और जौ में पाया जाने वाला एक तरह का प्रोटीन होता है। जिन्हें ग्लूटेन से दिक्कत होती है, वे उक्त खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं कर पाते हैं।
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फूड इंटॉलेरेंस को कैसे मैनेज करें
फूड इंटॉलेरेंस को मैनेज करने के लिए आप यहां बताए गए टिप्स को अपना सकते हैं, जैसे-
- जिन फूड आइटम्स से आपको एलर्जी है, आप उनका सेवन सीमित करें या बिल्कुल न करें।
- अगर आपको पता नहीं है कि किस तरह के फूड आइटम को आपका डाइजेस्टिव सिस्टम टॉलरेट नहीं कर पाता है, तो बेहतर है कि आप जब भी कोई नई चीज खाएं, तो सीमित मात्रा में ही खाएं। अगर डाइजेशन से जुड़ी कोई प्रॉब्लम हो उसे खाद्य पदार्थ को खाने से बचें।
- फूड इंटॉलेरेंस होने पर आपको उसका विकल्प चुनना चाहिए। जैसे अगर आपको डेयरी प्रोडक्ट सूट नहीं करता है, तो ऐसे में आप इसके विकल्प को चुन सकते हैं।
फूड इंटॉलेरेंस के लिए कब जाएं डॉक्टर के पास
- अगर किसी फूड आइटम का सेवन करने की वजह से डायरिया, पेट दर्द जैसी दिक्कतें होने लगे, तो बिना देरी किए डॉक्टर के पास जाएं।
- किसी तरह के भोजन के सेवन के बाद तबियत बिगड़ जाए, तो भी एक्सपर्ट के पास जाने में लापरवाही न करें।
- अगर अचानक आपका वजन कम होने लगे, तो यह भी सही संकेत नहीं है। ऐसी स्थिति में आवश्यक है कि आप तुरंत डॉक्टर से मिलें और अपने वेट लॉस का कारण जानें।
FAQ
फूड एलर्जी का इलाज कैसे करें?
फूड एलर्जी का इलाज आप घर में नहीं कर सकते हैं। इस बारे में आपको डॉक्टर से संपर्क कर अपना इलाज करवाना चाहिए। इसके लिए कुछ मेडिसिन दी जाती है, जिससे फूड एलर्जी का प्रभाव कम हो जाता है।क्या सभी एलर्जी ठीक हो सकती है?
एलर्जी का कोई स्थाई इलाज नीहं है। बिना डॉक्टर की मदद से आप इसे ठीक नहीं कर सकते हैं। हां, आप यह जानकर कि आपको किस चीज से एलर्जी है, उन्हें पूरी तरह एवॉयड कर सकते हैं।कौन सी चीज खाने से एलर्जी होती है?
लोगों को कई तरह की चीजों से एलर्जी होती है, जैसे मूंगफली, शेलफिश, मछली, दूध, अंडे, गेहूं आदि।