Is Frequent Urination A Sign Of Damage Kidney: अक्सर हम देखते हैं कि कुछ लोगों को बार-बार पेशाब आता है। आमतौर पर लोग इस तरह की स्थिति को किडनी रोगों से जोड़ते हैं। क्योंकि ऐसा माना जाता है कि बार-बार पेशाब तब आता है, जब आपकी किडनी को गंभीर नुकसान पहुंचता है। इसके किडनी खराब होने के प्रमुख लक्षणों में से एक माना जाता है। लेकिन क्या वाकई ऐसा है? क्या हर बार यह स्थिति किडनी खराब होने के कारण होती है? इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने सनर इंटरनेशनल हॉस्पिटल के डॉक्टर सुमित शर्मा (डायरेक्टर एंड एचओडी- यूरोलॉजी, यूरो-ऑन्कोलॉजी, एंड्रोलॉजी, यूरो-रोबोटिक्स) से बात की। चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।
क्या ज्यादा पेशाब आना खराब किडनी का संकेत है- Is Urinating Frequently Sign Of Kidney Damage In Hindi
डॉ. सुमित शर्मा के अनुसार, "यह सही है कि जब आपकी किडनी को नुकसान पहुंचता है, तो इससे किडनी फंक्शन प्रभावित होती है और आपको बार-बार पेशाब आता है। इसलिए इसे किडनी से जुड़ी समस्याओं का एक प्रमुख लक्षण भी माना जाता है। लेकिन हर बार थोड़े-थोड़े समय में पेशाब आना किडनी रोगों से जुड़ा नहीं हो सकता है। इसके अलावा भी कई अन्य कारण भी इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।" इनमें शामिल हैं...
- सामान्य स्थिति में पानी का अधिक सेवन
- गंभीर मामलों में डायबिटीज या डायबेटिक नेफ्रोलॉजी
- ऑटोसोमल डोमिनेंट पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज (एडीपीकेडी), ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस
- यूरिन इन्फेक्शन
- ब्लैडर का ज्यादा सक्रिय होना
- कुछ विशेष दवाओं का सेवन
- 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग जो प्रोस्टेट की समस्या
- कुछ तरल पदार्थों का अधिक सेवन जैसे सोडा, कोल्ड ड्रिंक, अन्य कार्बोनेटेड ड्रिंक्स, कोला आदि
इनमें कुछ स्थितियां भले ही किडनी रोगों से जुड़ी हो सकते हैं, लेकिन कई ऐसे मामले भी जिनका किडनी रोगों से कोई संबंध नहीं है। ऐसे में यह मानना सही नहीं है कि आपको किडनी खराब होने की वजह से बार-बार पेशाब आ रहा है।
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डॉ. क्या सलाह देते हैं?
अगर आप लंबे समय से बार-बार पेशाब आने की समस्या से जूझ रहे हैं, तो ऐसे में आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। वह कुछ सरल टेस्ट की मदद से आपकी यह जानने में मदद कर सकते हैं कि आपके साथ ऐसा होने के क्या कारण हैं। इससे आपको किडनी रोगों से बचाव और उनके जोखिम को कम करने में भी मदद मिलेगी।
(With Inputs: डॉक्टर सुमित शर्मा, डायरेक्टर एंड एचओडी, यूरोलॉजी, यूरो-ऑन्कोलॉजी, एंड्रोलॉजी, यूरो-रोबोटिक्स)
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