International Day of Yoga 2023: पहले के समय में 40 से 45 साल की उम्र के बाद लोगों में प्रोस्टेट की समस्या होती थी, लेकिन इन दिनों खराब लाइफस्टाइल, खानपान और तनाव जैसी वजहों से प्रोस्टेट संबंधी बीमारी युवाओं में देखने को मिल रही है। प्रोस्टेट शरीर का एक ग्लैंड होता है जो द्रव को उत्पन्न करता है। प्रोस्टेट शरीर के मूत्राशय के चारों तरफ फैला होता है। इसके बढ़ने से मूत्र मार्ग में ब्लॉकेज आ जाता है, जिससे मूत्र और किडनी को लेकर कई बीमारियां होती है। प्रोस्टेट की समस्या 40 साल से ज्यादा उम्र वाले व्यक्तियों को ज्यादा होती है। इससे मूत्र विसर्जन करने में परेशानी आती है। इसे हम योग के करने से कम कर सकते हैं। आइए हम जमशेदपुर के बिरसानगर निवासी व सीआरपीएफ, सेना, रैफ, जैफ के जवानों के योग प्रशिक्षक मगन लाल शर्मा से जानेंगे कि कौन से योगासन करने से प्रोस्टेट बढ़ने को कम कर सकते हैं।
प्रोस्टेट की समस्या से निजात पाने के लिए सात आसन देंगे फायदे
एक्सपर्ट मगन लाल शर्मा ने बताया कि प्रोस्टेट को कम करने के लिए सुप्त पादांगुष्ठासन, सिद्धासन, धनुरासन, कपालभाति, गोमुखासन, वीरासन, विपरीतकरणी आसन कारगर होते हैं। इससे बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथि कम हो जाती है। प्रोस्टेट वाली जगह की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इससे प्रोस्टेट वाली जगह पर सूजन नहीं होता है। पेट की मांसपेशियों को यह मजबूत करता है। 40 से ज्यादा उम्र के लोगों को इन आसनों को करना चाहिए और प्रोस्टेट से जुड़ी समस्याओं से निजात पाना चाहिए।
टॉप स्टोरीज़
1. गोमुखासन से प्रोस्टेट से जुड़ी दिक्कतों से मिलता है निजात
योग प्रशिक्षक बताते हैं कि गोमुखासन को करने से मूत्र मार्ग के ब्लॉकेज खुलते हैं। बढ़ी हुई प्रोस्टेट ग्रंथि कम हो जाती है। ऐसे में इस बीमारी से निजात पाने के लिए और ऐसे युवा जो स्वास्थ्य के प्रति सजग हैं उन्हें गोमुखासन करना चाहिए। आप चाहें तो योग प्रशिक्षक से ट्रेनिंग लेकर इसे करना शुरू कर सकते हैं।
ऐसे कैसे करें गोमुखासन
- सबसे पहले सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं
- दाएं पैर को बाएं पैर के ऊपर लाकर बैठें, इसमें दोनों पैर घुटने ऊपर होने चाहिए
- दाएं हाथ को सिर की ओर से पीछे की ओर ले जाएं
- अब बाएं हाथ की कोहनी को मोड़कर पेट की ओर से घुमाते हुए पीठ की ओर ले जाएं
- अब दोनों हाथों को पीछे मिलाते हुए एक सीधी रेखा बनाएं
- कुछ देर तक इसी मुद्रा में रहें
- फिर विश्राम मुद्रा में आ जाएं
- इस मुद्रा को थोड़ा रिलेक्स होने के बाद फिर करें
2. कपालभाति से प्रोस्टेट में सूजन होता है कम
योग प्रशिक्षक बताते हैं कि इस आसन को करने से प्रोस्टेट में सूजन होना कम हो जाता है और इससे शरीर स्वस्थ रहता है। ऐसे में प्रोस्टेट को हेल्दी रखने के लिए आप चाहें तो इस योगासन को डेली रूटीन में शामिल कर हेल्दी रह सकते हैं।
कैसे करें कपालभाति
- सबसे पहले पलथी मारकर बैठ जाएं
- दोनों हाथों से चित्त मुद्रा बनाएं और इसे अपने दोनों घुटनों पर रखें
- इस आसन में नाक से सांस को छोड़ना नहीं है, सांस को तेजी से फेंकना (तेजी से छोड़ना इसे कह सकते हैं ) है
- इसे सात से 10 मिनट तक करना चाहिए।

3. सुप्त पादांगुष्ठासन करने से प्रोस्टेट के आसपास की मांसपेशियां होती है मजबूत
योग प्रशिक्षक बताते हैं कि इस आसन को करने से प्रोस्टेट वाली जगह की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इससे तनाव भी घटता है। इसे करने के लिए आप चाहें तो एक्सपर्ट की सलाह लेकर रह सकते हैं। उनके बताए मार्गों के अनुसार पालन कर स्वस्थ रह सकते हैं।
सुप्त पादांगुष्ठासन को इस तरह करें
- सबसे पहले पंजों के बल पर बैठ जाएं
- दाएं पैर को बाएं पर रख लें
- दोनों हाथों को जोड़े रखें और सांस को सामान्य रखकर कुछ देर तक इसी स्थिति में रहे
इसे भी पढ़ें : प्रोस्टेट कैंसर और कई गंभीर बीमारियों के इलाज में कारगर है रोबोटिक सर्जरी, एक्सपर्ट से जानें इसके बारे में
4. सिद्धासन : मूत्र और किडनी संबंधी बीमारी होती है दूर
योग प्रशिक्षक बताते हैं योग को कर कई बीमारियों से निजात पाया जा सकता है। उसी में सिद्धासन भी आता है। इस आसन को करने से मूत्र और किडनी संबंधी बीमारियों को दूर किया जा सकता है। मांसपेशियों को मजबूत करता है।
जानें सिद्धासन करने का सही तरीका
- सबसे पहले दोनों पैरों को सीधा करके बैठ जाएं
- अब बाएं पैर की एड़ी को दोनों पांव के बीच में रखिए और बायां पैर इस पर रखें
- इस दौरान ये ध्यान रखें कि दोनों पैर टखने एक दूसरे पर टिके हो
- घुटनों को जमीन पर रखें
- अब पीठ को सीधा रखकर ज्ञान की मुद्रा में बैठ जाएं
- कुछ देर तक ओम का जाप करें

5. धनुरासन : इसे करने से नहीं होती है प्रोस्टेट की समस्या
योगा प्रशिक्षक बताते हैं कि यह आसन धनुष की तरह होता है इसलिए इसे धनुरासन कहते हैं। इसे करने से पेल्विस और कमर के नीचे की मांसपेशियां मजबूत रहती है। पेट की मांसपेशियों को यह मजबूत करता है। नियमित तौर पर यदि इसका अभ्यास किया जाए तो प्रोस्टेट की समस्या नहीं होती है।
धनुरासन को करने की विधि
- >पैरों के बीच दूर रखते है हुए पेट के बल लेट जाएं
- दोनों पैरों को ऊपर की तरफ मोड़ लें और हाथों से पैर की एड़ी को पकड़ लें
- अब नाभि पर शरीर को रखें
- अब इस मुद्रा में रहते हुए सामान्य रूप से सांस लेते हुए रहें
6. वीरासन : इसे करने से प्रोस्टेट ग्रंथी होती है मजबूत
योगा प्रशिक्षक बताते हैं कि इस आसन को करने प्रोस्टेट ग्रंथी मजबूत और स्वस्थ बनती है। नियमित तौर पर इस योगासन को किया जाए तो इससे प्रोस्टेट से संबंधित बीमारियां नहीं होती है। इस आसन को करने से पुरुषों के पेल्विक एरिया की मांसपेशियां मजबूत रहती हैं।
वीरासन करने का सही तरीका
- सबसे पहले घुटनों को मोड़कर बैठ जाएं
- एड़ियों को ऐसा रखें जिससे ये कूल्हों को छुए
- इसके बाद दोनों हाथ को घुटनों पर रखकर सामने की ओर सीधा देखें
- इस मुद्रा में कम से कम 50 सेकंड तक रहें
- फिर विश्राम मुद्रा में आकर थोड़ी देर के बाद फिर करें
7. विपरीतकरणी आसन ; इसे करने से प्रोस्टेट में सुधार आता है
योगा प्रशिक्षक बताते हैं कि इस आसन को करने से प्रोस्टेट में सुधार आता है। व्यक्ति की यौन ग्रंथियां की नसें इससे उत्तेजित रहती हैं। पेल्विक हिस्से और कमर की मांसपेशियों इससे मजबूत रहती है।
विपरीतकरणी आसन को इस तरह करें
- सीधा पीठ की बल लेट जाएं
- धीरे-धीरे दोनों पैरों को एक साथ ऊपर की ओर उठाएं
- पैरों को 90 डिग्री पर रख लें
- हाथों को सीधा करें
- अब धीरे-धीरे कमर के हिस्से को हवा में उठाएं पीठ के पीछे दोनों का हाथों से सहारा दें
- कुछ देर तक इसी मुद्रा में रहें
यह तमाम बातें सिर्फ जानकारी के लिए है। अगर आपका प्रोस्टेट बढ़ गया है तो एक डॉक्टर से संपर्क करके इन आसनों को करें। क्योंकि हर आसन शरीर के अनुकूल नहीं होते हैं। इसलिए योग प्रशिक्षक और डॉक्टरी सलाह के बाद ही इन आसनों को करें। ज्यादा स्वास्थ्य लाभ उठाने के लिए कोशिश करें कि आप योग प्रशिक्षक के साथ में करें ताकि योगासन करने में किसी प्रकार की दिक्कत न हो।
Main image credit:YogaUOnline and HammBurg