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क्या Bulky Uterus गंभीर समस्या है? डॉक्टर से जानें कारण और बचाव के तरीके

बच्चेदानी का भारीपन यानी Bulky Uterus की समस्या होने पर अक्सर महिलाएं परेशान हो जाती हैं। यहां जानिए, क्या Bulky Uterus गंभीर समस्या है?
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क्या Bulky Uterus गंभीर समस्या है? डॉक्टर से जानें कारण और बचाव के तरीके


बच्चेदानी, जिसे Uterus कहा जाता है, महिलाओं में फर्टिलिटी का एक जरूरी अंग है। यह वह स्थान होता है जहां प्रेग्नेंसी के दौरान भ्रूण का विकास होता है। लेकिन जब बच्चेदानी सामान्य आकार से बड़ी या भारी हो जाती है, तो इसे मेडिकल भाषा में 'Bulky Uterus' कहा जाता है। यह समस्या खासकर 30 वर्ष की उम्र के बाद अधिकतर महिलाओं में देखने को मिलती है। बच्चेदानी के भारीपन को लेकर महिलाओं के मन में अक्सर डर और चिंता उत्पन्न होती है। वे यह सोचने लगती हैं कि कहीं यह कोई गंभीर बीमारी या कैंसर का संकेत तो नहीं है।

हालांकि, हर बार bulky uterus का मतलब गंभीर बीमारी नहीं होता। यह कई कारणों से हो सकता है, जैसे हार्मोनल असंतुलन, फाइब्रॉइड्स (गांठें), ऐडिनोमायोसिस, पेरिमेनोपॉजल परिवर्तन या बार-बार गर्भधारण। कई बार यह स्थिति बिना किसी लक्षण के भी हो सकती है, लेकिन कुछ महिलाओं को अनियमित मासिक धर्म, पेट में भारीपन, ज्यादा ब्लीडिंग या कमरदर्द जैसे लक्षणों का अनुभव होता है। इस लेख में दिल्ली के आनंद निकेतन में स्थित गायनिका: एवरी वुमन मैटर क्लीनिक की सीनियर कंसल्टेंट, ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजिस्ट डॉ. (कर्नल) गुंजन मल्होत्रा सरीन (Dr. (Col.) Gunjan Malhotra Sareen, Senior Consultant, Obstetrics and Gynecologist, Gynecology: Every Woman Matters Clinic, located in Anand Niketan, Delhi) से जानिए, क्या Bulky Uterus गंभीर समस्या है?

क्या Bulky Uterus गंभीर समस्या है? - Is Bulky Uterus A Serious Problem

गर्भाशय (uterus) एक नाशपाती के आकार का होता है, जिसकी आमतौर पर सामान्य लंबाई लगभग 7.5 सेमी और चौड़ाई 5 सेमी होती है। जब यह आकार किसी कारणवश बढ़ जाता है, तो उसे 'Bulky Uterus' कहा जाता है। इस स्थिति में बच्चेदानी सामान्य से बड़ी और भारी हो जाती है। यह आकार में बढ़ोतरी अस्थायी भी हो सकती है लेकिन जब यह लगातार बनी रहे, तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।

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Bulky Uterus हर बार गंभीर नहीं होता, लेकिन यह एक संकेत हो सकता है कि शरीर में कोई असामान्य बदलाव हो रहा है। विशेषकर यदि यह फाइब्रॉइड्स, एंडोमेट्रियोसिस या एडिनोमायोसिस के कारण हो रहा है, तो यह दर्द, इनफर्टिलिटी और अन्य समस्याओं की वजह बन सकता है। अगर इसे समय पर नहीं पहचाना गया, तो यह समस्या बढ़ सकती है।

बच्चेदानी का भारीपन कैसे पता करें - How do you investigate a bulky uterus

  • अल्ट्रासाउंड यूट्रस की स्थिति देखने के लिए प्राथमिक जांच है।
  • MRI फाइब्रॉइड्स या एंडोमेट्रियोसिस के मामलों में करवाया जा सकता है।
  • हिस्टेरोस्कोपी गर्भाशय के अंदर का निरीक्षण करने के लिए।
  • ब्लड टेस्ट हार्मोनल असंतुलन या इंफेक्शन की जांच के लिए।

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is bulky uterus a serious problem

Bulky Uterus के कारण - What is the reason for a bulky uterus

1. फाइब्रॉइड - Fibroids

ये गर्भाशय की दीवारों में होने वाली नॉन-कैंसरस गांठें होती हैं, जो गर्भाशय के आकार को बढ़ा सकती हैं।

2. एंडोमीट्रियोसिस - Endometriosis

इस स्थिति में गर्भाशय की अंदरूनी परत की कोशिकाएं बाहर की जगहों पर उगने लगती हैं, जिससे सूजन और भारीपन महसूस होता है।

3. एडिनोमायोसिस - Adenomyosis

एडिनोमायोसिस की समस्या में भी बच्चेदानी भारी हो जाती है।

4. गर्भावस्था के बाद परिवर्तन

डिलीवरी के बाद कुछ महिलाओं में यूट्रस पूरी तरह से सामान्य आकार में नहीं लौटता, जिससे यह bulky बना रह सकता है।

5. हार्मोनल असंतुलन

एस्ट्रोजन हार्मोन का असंतुलन भी बच्चेदानी को प्रभावित कर सकता है।

5. पेरिमेनोपॉज या मेनोपॉज

मेनोपॉज से पहले के समय में भी यूट्रस में परिवर्तन हो सकता है।

निष्कर्ष

Bulky Uterus यानी गर्भाशय का भारीपन एक आम लेकिन अनदेखी की जाने वाली समस्या है। यह कई बार सामान्य हार्मोनल बदलावों के कारण होता है, लेकिन यह फाइब्रॉइड्स या एंडोमीट्रियोसिस जैसे गंभीर कारणों की वजह से भी हो सकता है। इसलिए जरूरी है कि महिलाएं अपने शरीर के संकेतों को समझें, नियमित जांच कराएं और डॉक्टर की सलाह लें।

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • बच्चेदानी खराब होने का क्या संकेत है?

    बच्चेदानी के खराब होने के संकेत कई प्रकार के हो सकते हैं, जो शरीर में असामान्य बदलाव के रूप में दिखाई देते हैं। इसके प्रमुख लक्षणों में अनियमित पीरियड्स, ज्यादा ब्लीडिंग, पीरियड्स के दौरान तेज दर्द, पेट या कमर में लगातार भारीपन, सेक्स के दौरान दर्द, बार-बार गर्भपात, गर्भधारण में कठिनाई और लगातार थकान शामिल हैं। यदि आपको इन लक्षणों में से कोई भी लगातार महसूस हो रहा है, तो यह बच्चेदानी से जुड़ी किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।
  • बच्चेदानी में गांठ होने पर क्या दिक्कत होती है?

    बच्चेदानी में गांठ होने पर महिलाओं को कई तरह की परेशानियां हो सकती हैं। आमतौर पर यह नॉन-कैंसरस होती है, लेकिन इसके लक्षण परेशान कर सकते हैं। इनमें ज्यादा ब्लीडिंग, लंबे समय तक पीरियड्स, पेट या पेल्विक क्षेत्र में दर्द या भारीपन, पेशाब बार-बार आना, कब्ज, सेक्स के दौरान दर्द और गर्भधारण में कठिनाई शामिल हैं। कुछ मामलों में ये गांठें बिना लक्षण के भी होती हैं और नियमित जांच में पता चलती हैं।
  • बच्चेदानी में सूजन आने से क्या दिक्कत होती है?

    बच्चेदानी में सूजन आने पर महिलाओं को कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। यह सूजन इंफेक्शन, हार्मोनल असंतुलन या अन्य कारणों से हो सकती है। इसके लक्षणों में पेट के निचले हिस्से में दर्द, पीरियड्स में अनियमितता, बदबूदार डिस्चार्ज, बुखार, कमजोरी, सेक्स के दौरान दर्द और पेशाब में जलन शामिल हैं। यदि समय रहते इलाज न किया जाए तो यह स्थिति अन्य प्रजनन अंगों को भी प्रभावित कर सकती है इसलिए समय पर जांच और उपचार जरूरी है।

 

 

 

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