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बच्चेदानी में सूजन होने पर हो सकती हैं ये 5 परेशानियां, जानें डॉक्टर की राय

हेल्दी प्रेग्नेंसी के लिए महिला की बच्चेदानी हेल्दी होनी जरूरी है। ऐसा इसलिए, क्योंकि बच्चेदानी में सूजन होने पर कई अन्य परेशानियां हो सकती हैं।
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बच्चेदानी में सूजन होने पर हो सकती हैं ये 5 परेशानियां, जानें डॉक्टर की राय

वर्तमान समय में लाइफस्टाइल में हो रहे बदलावों, खराब खानपान, तनाव और हार्मोनल इंबैलेंस के कारण महिलाएं बच्चेदानी से जुड़ी परेशानियों का सामना कर रही हैं। आजकल महिलाओं में बच्चेदानी से जुड़ी समस्याएं आम होती जा रही हैं, जिनमें  बच्चेदानी में सूजन, फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्याएं शामिल हैं। जो कि महिलाओं की फर्टिलिटी को बुरी तरह प्रभावित कर सकती हैं। इन समस्याओं के कारण अनियमित पीरियड्स, ज्यादा ब्लीडिंग, पेट और कमर में दर्द और प्रेग्नेंसी में कठिनाई जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं। बच्चेदानी की दिक्कतें केवल शारीरिक परेशानी ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी असर डालती हैं। कई महिलाएं अपनी समस्या के बारे में खुलकर बात नहीं करती हैं, जिससे उनकी समस्या और गंभीर हो सकती है। बच्चेदानी में सूजन की समस्या का समय से इलाज न किया जाए तो यह समस्या बढ़ सकती है। यह सूजन शरीर के अन्य हिस्सों पर भी असर डाल सकती है। इस लेख में लखनऊ के मा-सी केयर क्लीनिक की आयुर्वेदिक डॉक्टर और स्तनपान सलाहकार डॉ. तनिमा सिंघल, बच्चेदानी में सूजन से होने वाली 5 परेशानियों के बारे में बता रही हैं।

बच्चेदानी में सूजन होने पर क्या परेशानियां हो सकती हैं?

1. अनियमित पीरियड्स और दर्द

बच्चेदानी में सूजन के कारण महिलाओं को पीडियड्स के दौरान ज्यादा दर्द की शिकायत हो सकती है। इसके साथ ही अनियमित पीरियड्स की समस्या के साथ बहुत ज्यादा ब्लीडिंग भी हो सकती है। इस समस्या से पीरियड्स के दौरान पेट में ऐंठन की शिकायत भी महिलाओं में देखने को मिलती है। इसके अलावा सफेद पानी की समस्या भी हो सकती है।

समस्या का समाधान: आयुर्वेदिक और एलोपैथिक उपचार दोनों से पीरियड्स के दर्द को कम किया जा सकता है। नियमित जांच और योगासन भी इस समस्या को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। विशेषज्ञ से सही सलाह लेकर उपचार शुरू करें।

2. प्रेग्नेंट होने में समस्या

अगर बच्चेदानी में सूजन है, तो यह महिलाओं की फर्टिलिटी पर भी नेगेटिव प्रभाव डाल सकती है। सूजन के कारण अंडाशय और बच्चेदानी के बीच सही तालमेल नहीं बन पाता, जिससे प्रेग्नेंट होने की संभावना कम हो जाती है। कई महिलाएं इस कारण लंबे समय तक गर्भ धारण करने में असमर्थ रहती हैं।

समस्या का समाधान: फर्टिलिटी बढ़ाने के लिए योग, डाइट और एक्सरसाइज बहुत फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इसके साथ ही डॉक्टर से परामर्श कर सही मेडिकल ट्रीटमेंट लेना जरूरी है, जो आपकी फर्टिलिटी को बेहतर कर सकते हैं।

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3. पेट और कमर में दर्द

बच्चेदानी में सूजन के कारण कई महिलाओं को पेट और कमर में तेज दर्द महसूस होता है। यह दर्द आमतौर पर पीरियड्स के दौरान बढ़ता है, लेकिन कभी-कभी यह दर्द अचानक भी हो सकता है। बच्चेदानी में सूजन के कारण पेट और कमर में खिंचाव और भारीपन भी महसूस हो सकता है।

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समस्या का समाधान: गर्म पानी की बोतल से सिकाई और आयुर्वेदिक तेलों से मालिश करने से इस दर्द में आराम मिल सकता है। इसके अलावा, योग और हेल्दी डाइट से भी पेट और कमर के दर्द को कम किया जा सकता है।

4. पेशाब करने में दिक्कत

बच्चेदानी में सूजन का असर महिलाओं के मूत्र मार्ग पर भी पड़ सकता है। सूजन के कारण मूत्राशय पर दबाव पड़ता है, जिससे पेशाब करने में दिक्कत होती है। कई बार महिलाओं को पेशाब रुक-रुक कर आने की समस्या का सामना करना पड़ता है।

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समस्या का समाधान: इस समस्या के लिए आपको डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए ताकि सूजन का सही कारण पता लगाया जा सके। सही दवाइयों से इस समस्या को ठीक किया जा सकता है।

5. पेट में सूजन और गैस की समस्या

बच्चेदानी में सूजन के कारण कई महिलाओं को पेट में भारीपन और गैस की समस्या का सामना करना पड़ता है। सूजन के कारण पेट में गैस बनती है, जिससे अपच और पेट में असहजता महसूस हो सकती है। यह समस्या खाने-पीने के बाद और ज्यादा बढ़ सकती है।

समस्या का समाधान: गैस की समस्या से राहत पाने के लिए हर्बल चाय का सेवन फायदेमंद होता है। इसके अलावा, अपने खानपान में बदलाव करके और योगासन के जरिए इस समस्या से बचा जा सकता है।

बच्चेदानी में सूजन का इलाज कैसे करें?

बच्चेदानी में सूजन का इलाज इसके कारणों पर निर्भर करता है। कुछ मामलों में, सूजन अपने आप ठीक हो जाती है, जबकि अन्य मामलों में दवाइयों या सर्जरी की जरूरत हो सकती है। आयुर्वेदिक उपचार और होम्योपैथी भी इस समस्या में कारगर हो सकते हैं। नियमित रूप से हरी सब्जियां और फल खाएं, साथ ही पानी का सेवन बढ़ाएं और तनाव से बचें।

निष्कर्ष

बच्चेदानी में सूजन से जुड़ी समस्याएं गंभीर हो सकती हैं, लेकिन सही समय पर इसका इलाज किया जाए तो इससे बचा जा सकता है। महिलाओं को नियमित रूप से डॉक्टर से जांच करानी चाहिए। 

All Images Credit- Freepik

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