यूरिन इंफेक्शन होने पर बच्चेदानी में दर्द क्यों होता है? डॉक्टर से जानें

Urine Infection Cause Pain in Uterus?: यूरिन इंफेक्शन के कारण भी बच्चेदानी में दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है।
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यूरिन इंफेक्शन होने पर बच्चेदानी में दर्द क्यों होता है? डॉक्टर से जानें


Urine Infection Cause Pain in Uterus?: पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की स्वास्थ्य समस्याएं काफी अलग होती है। पीरियड्स की समस्या से लेकर मेनोपॉज जैसी परेशानियां उनके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालती हैं। खासकर यूरिन इंफेक्शन की समस्या। यूरिन इंफेक्शन की चपेट में महिलाएं बहुत आसानी से आ जाती हैं। आपकी थोड़ी सी लापरवाही इस समस्या को बड़ा भी बना सकती हैं, जो धीरे-धीरे आपके बच्चेदानी यानी गर्भाशय तक पहुंच सकती हैं। बच्चेदानी में इंफेक्शन होना, आपके प्रेग्नेंसी में बाधा का सबसे बड़ा कारण बन सकता है। महिलाएं हमेशा ये तो बात करती हैं कि यूरिन इन्फेक्शन होने पर क्या क्या प्रॉब्लम होती है? लेकिन यूरिन इंफेक्शन के दौरान बच्चेदानी में दर्द क्यों होता है और इनका क्या संबंध है? इस बारे में कोई खास जानकारी ही नहीं होती है। ऐसे में आइए बेंगलुरु के फोर्टिस अस्पताल (नगरभवी) में सलाहकार प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ चंद्रिका आनंद से जानते हैं यूरिन इंफेक्शन होने पर बच्चेदानी में दर्द होने के कारण के बारे में।

यूरिन इंफेक्शन होने पर बच्चेदानी में दर्द क्यों होता है? - Why Does Urine Infection Cause Pain in Uterus?

डॉ चंद्रिका आनंद ने बताया कि, “बच्चेदानी और ब्लैडर शरीर के पेल्लिक क्षेत्र में आस-पास ही होते हैं। मूत्राशय (Bladder) एक खोखला अंग है, जो यूरिन को एकत्रित करता है, और ये प्यूबिक हड्डी के ठीक ऊपर होता है। वहीं बच्चेदानी मूत्राशय और मलाशय के बीच स्थित होता है। बच्चेदानी और मूत्राशय के बीच इस संबंध का मतलब है कि इनमें से किसी एक अंग में सूजन, संक्रमण या जलन होने पर संभावित रूप से दूसरा अंग प्रभावित हो सकता है, जिससे असुविधा या दर्द का अनुभव हो सकता है। खासकर जब इसमें सूजन या संक्रमण जैसे लक्षण शामिल हो, जैसे कि यूरिन इंफेक्शन।”

आगे डॉक्टर चंद्रिका आनंद ने यूरिन इंफेक्शन के दौरान बच्चेदानी में इंफेक्शन या असुविधा होने के बारे में बताते हुए कहा कि, “पेल्विक क्षेत्र, जहां ब्लैडर और बच्चेदानी हैं, उस स्थान पर नर्व का एक नेटवर्क बनता है, जिसे पेल्विक प्लेक्सस कहा जाता है। ये नसें खुद तंत्रिका तंत्र का हिस्सा हैं, जिसमें सिम्पैथेटिक और पैरासिम्पेथेटिक घटक शामिल हैं। दोनों अंगों को इन तंत्रिकाओं से संरक्षण मिलता है। इसलिए मूत्राशय के पास से जाने वाली नसें गर्भाशय से जुड़ी नसों को प्रभावित कर सकती हैं, जिससे यूरिन इंफेक्शन होने पर गर्भाशय क्षेत्र में दर्द या असुविधा महसूस होती है। संक्रमण के कारण होने वाली सूजन की प्रतिक्रिया आसपास के क्षेत्रों में असुविधा महसूस करने में योगदान कर सकती है।”

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यूरिन इंफेक्शन से बचाव के टिप्स - Tips To Prevent Urine Infection in Hindi 

  • स्वच्छता का ख्याल रखें। 
  • ज्यादा से ज्यादा पानी पिएं। 
  • कोटन के अंडरगार्मेंट्स का उपयोग करें। 
  • पब्लिक टॉयलेट के इस्तेमाल से बचें। 

अगर आपको यूटीआई (Urine Infection) का संदेह है, तो किसी डॉक्टर से मदद लेना जरूरी है, क्योंकि यूरिन इंफेक्शन किसी गंभीर समस्या का कारण बन सकता है, जो आपके बच्चेदानी और पेट के अन्य अंगों को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। 

Image Credit: Freepik 

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