स्तनपान बच्चे के लिए सबसे अच्छा आहार माना जाता है। मां के दूध में लैक्टोस, जरूरी फैट्स, कॉर्ब्स की अच्छी मात्रा होती है जिससे बच्चे को सभी जरूरी न्यूट्रिएंट्स मिलते हैं। स्तनपान से बच्चे को एंटीबॉडीज मिलते हैं जिससे बच्चा वायरल और बैक्टीरियल जर्म्स से बच सकता है इसलिए हर बच्चे के लिए स्तनपान जरूरी है। शिशु की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए भी मां का दूध फायदेमंद होता है, स्तनपान बच्चे को कई बीमारियों से सुरक्षा देता है इसलिए आपको स्तनपान करवाने का सही तरीका सुनिश्चित करना जरूरी है। अगर बच्चा ठीक ढंग से स्तनपान नहीं कर पा रहा है तो आपको कुछ जरूरी संकेतों पर ध्यान देना चाहिए। इस लेख में हम उन सभी लक्षणों पर चर्चा करेंगे जो बच्चे में नजर आते हैं और जिनसे आप पता लगा सकते हैं कि दूध पीने के बाद शिशु का पेट भरा है या नहीं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के डफरिन अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सलमान खान से बात की।
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1. शिशु एलर्ट और एक्टिव है (Baby is alert and active)
अगर आपका बच्चा एलर्ट है वो एक्टिव नजर आ रहा है तो इसका मतलब है बच्चे का पेट भरा है। जब बच्चा भूखा होता है तो रोता है या उसके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है। आपको ऐसे लक्षणों को नजरअंदाज नहीं करना है। आपको शुरूआत में बच्चे के भूख लगने का समय नोट करना चाहिए और देखना चाहिए कि बच्चे को कितनी बार भूख लग रही है। एक से दो महीने के बच्चे दिन में 7 से 9 बार स्तनपान करते हैं वहीं नवजात शिशुओं को एक दिन में 8 से 12 बार स्तनपान करवाना चाहिए और आपको डॉक्टर से स्तनपान कराने का सही तरीका जान लेना चाहिए। जैसे-जैसे बच्चा बड़ा होता है, स्तनपान करवाने की संख्या घटने लगती है।
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2. स्तनपान करते समय शिशु की आवाज पर ध्यान दें (Notice swallowing sounds while breastfeeding)
स्तनपान से आपके बच्चे का पेट भर रहा है या नहीं ये जानने के लिए आप स्तनपान करवाते समय बच्चे के गले से निकल रही घूंट भरने की आवाज सुनें। जैसे-जैसे दूध बच्चे के गले से नीचे पेट में जाएगा, गले में ठीक वैसी आवाज आएगी जैसी आवाज कुछ भी लिक्विड पीने से आती है। इस संकेत से आप समझ जाएं कि बच्चे का पेट भर रहा है और उसे पर्याप्त दूध मिल रहा है।
3. शिशु का वजन बढ़ना (Baby is gaining weight)
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बच्चे का वजन एक हफ्ते में 4 से 5 ounces बढ़ रहा है तो मतलब बच्चा ठीक ढंग से ब्रेस्टफीडिंग कर रहा है और उसका पेट भी भर रहा है। अगर शिशु ठीक ढंग से स्तनपान कर रहा है तो उसका वजन शुरूआती कुछ दिनों के बाद धीरे-धीरे बढ़ने लगेगा। अगर शिशु का वजन नहीं बढ़ रहा है तो आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और कारण पता लगाएं।
4. ब्रेस्टफीडिंग की अवधि बढ़ना (Duration of breastfeeding)
अगर आप नोटिस कर रही हैं कि बच्चा दूध पीने के लिए एक तरफ कम से कम 10 से 15 मिनट का समय लगा रहा है तो मतलब वो ठीक ढंग से स्तनपान कर पा रहा है। हर बच्चा दूसरे से अलग होता है। नवजात शिशु हर दो से तीन घंटे में स्तनपान करते हैं दो महीने बाद स्तनपान की अवधि बढ़ती है। रात के समय भी कुछ बच्चे सुबह जितना ही दूध कन्ज्यूम करते हैं तो कुछ रात में कम पीते हैं।
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5. शिशु ब्रेस्टफीडिंग के लिए तैयार होता है (Baby is accepting feeds frequently)
अगर शिशु स्तनपान करने से खुश है तो वो स्तनपान करते समय सो भी सकता है, ये एक अच्छा साइन है। शिशु हर दो से तीन घंटे में एक बार स्तनपान करता है। आप बच्चे को स्तनपान करवाएं और बच्चा आसानी से स्तनपान कर रहा है इसका मतलब है बच्चे को भूख लगी है, पेट भर जाने पर बच्चा खुद ही आपके अलग होने की कोशिश करेगा या रोएगा। अगर आपको शिशु का डायपर या पैंटी दिन में दो या दो से ज्यादा बार बदलना पड़ रहा है तो मतलब आपका बच्चा ठीक ढंग से स्तनपान कर रहा है, कुछ हफ्तों बाद स्टूल पैटर्न में बदलाव आएगा।
डॉक्टर से सलाह कब लें? (When to take doctor's advice)
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कुछ संकेत हैं जिनके नजर आने पर आपको डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए-
- अगर आपका बच्चा ज्यादा सोता है और स्तनपान के दौरान भी सोकर नहीं उठता है तो ये आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- स्तनपान करवाते समय बच्चा दूध पीने के लिए तैयार न हो तो इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं पर आपको बच्चे को कटोरी-चम्मच से मां का दूध पिलाने की कोशिश करनी चाहिए।
- अगर बच्चे के यूरीन का रंग बदला हुआ नजर आ रहा है तो मतलब उसे कोई बीमारी हो सकती है या कोई इंफेक्शन है, इस स्थिति में आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
- अगर आपका बच्चा लगातार रो रहा है तो ये भी किसी बीमारी के संकेत हो सकता है इसलिए ऐसे लक्षण नजर आने पर आप डॉक्टर से संपर्क करें।
- इसके अलावा अगर मां स्तनपान करवाने में सहज महसूस नहीं कर रही है तो भी आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
स्तनपान करवाने का सही तरीका क्या है? (Right way to breastfeed baby)
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- शिशु को स्तनपान करवाने के लिए आप आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं और शिशु की गर्दन को सर्पोट देते हुए आप उसे गोद में बिठाएं या बगल में लिटा लें।
- शिशु को हर 24 घंटे में 8 से 12 बार स्तनपान जरूर करवाएं।
- अगर आप एक बार की बात करें तो एक बार में आपको आधे घंटे तक का समय ब्रेस्टफीडिंग में लग सकता है।
- अगर शिशु अपने कानों को सहला रहा है या पैरों में गुदगुदी कर रहा है तो मतलब उसको भूख लगी है और वो स्तनपान करना चाहता है।
- स्तनपान करवाने के बाद आपको शिशु को डकार जरूर दिलवाना है, ऐसा न करने पर बच्चे को गैस या उल्टी हो सकती है।
शिशु को स्तनपान करवाने से न सिर्फ शिशु को इम्यूनिटी मिलती है बल्कि मां भी कैंसर के खतरे से बच सकती है इसलिए आपको स्तनपान जरूर करवाना चाहिए।
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