अधिकतर लोगों को दांतों की समस्या होती है। दांतों की एक मुख्य समस्या कैविटी है। इसमें आपके दांत खराब होने लगते हैं। जिसकी वजह से आपको कुछ भी खाने में दर्द महसूस होता है। कई बार तो ये दर्द इतना होता है कि आपको केवल लिक्विड डाइट लेना ही पसंद करते हैं। इस स्थिति में डॉक्टर दांत के खराब हिस्से को हटाकर उसमें फिलिंग कर देते हैं। जिससे आप पहले की तरह दांतों को उपयोग करने लगते हैं। लेकिन आपको बता दें कि हर तरह की कैविटी में फिलिंग की आवश्यकता नहीं होती है। ऐसी कई स्थितियां होती है जिसमें आप फिलिंग के बिना भी दांतों के दर्द की समस्या को कम कर सकते हैं। आगे आपको उन समस्याओं के बारे में बताया गया है जिनमें आपको फिलिंग की आवश्यकता नहीं होती है।
राइसेस डेंटल चेन ऑफ क्लीनिक की सीनियर डॉ. धनश्री ने बताया कि दांतों में दर्द व मसूड़ों में सूजन, डेंटल फ्लूओरोसिस, टेड़े मेड़े दांत होना व दांतों के रंग में बदलाव होना कुछ ऐसी स्थितियां होती है जिसमें फिलिंग की आवश्यकता नहीं होती है। इसके अलावा भी कुछ स्थितियों में दांतों में फिलिंग कराने की जरूरत नहीं होती है।
दांतों पर निशान बनना (हाईपोक्लासिफिकेशन)
लोगों में दांतों की समस्या होने पर ये परेशानी को अक्सर देखा जाता है। इसमें व्यक्ति के दांतों का कुछ हिस्से पर एक अलग तरह का निशान होने लगता है, जो आपके अंदर कैल्शियम की कमी को दर्शाता है। लेकिन इस समस्या को गंभीर रूप में नहीं लिया जा सकता। अगर दांतों पर लगने वाले इन निशानों की वजह से आपको प्रॉबल्म हो रही है तो आप इसे हल्का करने के लिए घरेलू उपाय अपना सकते हैं।
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एर्बेशन फेसिट्स (Abrasion facets)
इस स्थिति में दांतों के चबाने वाली स्तह पर एक परत जम जाती है। इससे दांतों में दर्द होने लगता है। दांतों को चबाने पर लगने वाले दबाव के कारण ये समस्या उत्पन्न हो जाती है। ये पूरी तरह से संवेदनशील होती है। इस समस्या के लिए फिलिंग की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें दांंतोंं के द्वारा चबाने की किया को ठीक किया जा सकता है।
कैविटी के न होने पर भी दांतों में सड़न होना
कैविटी में दांत की सतह से दांत टूटने लगते हैं व उनमें बैक्टीरिया की वजह से सड़न होने लगती है। यदि दांतों में दरारे नहीं हुई है और उनका खराब होने का प्राथमिक चरण है तो उसे रोका जा सकता है। इसके साथ ही इसे कम किया जा सकता है। इसके लिए आपको दांतों के डॉक्टर से सलाह लेनी होगी।
एरेस्टेड डिकेय (Arrested Decay)
जब दांतों के खराब नहीं होते या दांतों में बैक्टीरिया के घाव नहीं दिखाई देते तो उस स्थिति में दांतों में फिलिंग की आवश्यकता नहीं होती है। इसमें व्यक्ति को अपने मुंह की स्वच्छता पर पूरा ध्यान देना होता है। यदि व्यक्ति दांतों की सफाई का ध्यान रखते हैं तो इस स्थिति को काफी हद तक कम किया जा सकता है।
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डॉक्टर के पास जानें की कब आवश्यकता होती है
दांतों की किसी भी तरह की समस्या में आपको डॉक्टर से सलाह अवश्य लेनी चाहिए। किसी भी तरह की समस्या का मतलब ये नहीं होता है कि डॉक्टर आपको केवल फिलिंग का ही सुझाव देंगे। आपके दांतों की स्थिति और उनकी समस्या के आधार पर डॉक्टर आपको सही सुझाव देंगे। साथ ही समय रहते आपके दांतों का इलाज शुरू हो जाएगा।
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