Milk Bottle Cavity in Kids in Hindi: दूध बच्चों की के विकास के लिए सबसे जरूरी होता है। दूध बच्चों की मेंटल और फीजिकल हेल्थ दोनों को हेल्दी रखने में मदद करता है। दूध पीने से बच्चों की हड्डियां मजबूत होने के साथ ही दिमाग भी तेज और एक्टिव होता है। लेकिन, क्या आप जानते हैं दूध पीना कई बार बच्चों के लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकता है? ज्यादा दूध पिलाना कई बार बच्चों में मिल्क बॉटल कैविटी का भी कारण बन सकता है।
आमतौर पर ऐसा तब होता है जब बच्चा रात में सोने से पहले दूध या जूस आदि पीता है। ऐसा करने से बच्चों के दांतों में मिल्क बॉटल कैविटी की समस्या हो सकती है। आइये डेंटिस्ट डॉ. प्रीति अरोड़ा से जानते हैं बच्चों में मिल्क बॉटल कैविटी क्या होता हैं?
बच्चों में मिल्क बॉटल कैविटी क्या होता हैं? (What is Milk Bottle Cavity in Kids in Hindi)
डॉ. प्रीति के मुताबिक जब बच्चा एक साल का हो जाता है तो उसके मुंह में दूध के कुछ दांत आ जाते हैं। ऐसे में जब बच्चा रात में सोने से पहले दूध या किसी भी मीठी ड्रिंक को पीकर सोता है तो ऐसे में दांतों में एक प्रकार की कैविटी बनने लगती हैं। जो आम कैविटी के मुकाबले थोड़ी जिद्दी होती हैं। यह आसानी से नहीं जाती हैं। इस स्थिति को नर्सिंग कैविटी के नाम से भी जान जाता है। इस कैविटी से पीड़ित बच्चों के दांत कई बार सामान्य से अलग नजर आते हैं।
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मिल्क बॉटल कैविटी से बचने के तरीके (How to Prevent Milk Bottle Cavity in Kids in Hindi)
- बच्चों को मिल्क बॉटल कैविटी से बचाने के लिए उन्हें रात में किसी भी प्रकार के मीठे तरल पदार्थों को न दें।
- जब आपका बच्चा एक साल से ज्यादा का हो जाए तो उसे रात में ब्रेस्टफीडिंग न कराएं।
- अगर आप बच्चे को दूध देती हैं तो इसके लिए सिपी कप्स या टंबलर का इस्तेमाल कर सकती हैं।
- बच्चों को मिल्क बॉटल कैविटी से बचने के लिए आपको आमतौर पर भी उन्हें ज्यादा मीठी चीजें देने से परहेज करना चाहिए।