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गंदे खिलौनों से बच्चे को हो सकता है इंफेक्शन, जानें शिशु को संक्रमण से बचाने के लिए 5 टिप्स

गंदे ख‍िलौनों से भी श‍िशुओं को कई बार संक्रमण हो जाता है, आपको इससे बचने के ल‍िए कुछ खास ट‍िप्‍स को फॉलो करना चाह‍िए 
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गंदे खिलौनों से बच्चे को हो सकता है इंफेक्शन, जानें शिशु को संक्रमण से बचाने के लिए 5 टिप्स


क्‍या आपका बच्‍चा बार-बार बीमार पड़ रहा है? अगर हां तो इसका कारण ख‍िलौने से होने वाला इंफेक्‍शन भी हो सकता है। गंदे ख‍िलौने के कारण श‍िशु के पेट में दर्द, मुंह में इंफेक्‍शन, स्‍क‍िन इंफेक्‍शन या अन्‍य समस्‍या हो सकती है। क‍िसी भी तरह के संक्रमण से बचने के ल‍िए आपको बच्‍चे के ख‍िलौनों को साफ करते रहना चाह‍िए। ख‍िलौने चाहे जि‍स भी मटेर‍ियल या साइज के हों, वो भी गंदे हेाते हैं और उनमें मौजूद धूल या म‍िट्टी आपके श‍िशु को बीमार बनाने के ल‍िए काफी है। ज‍िन बच्‍चों के दांत न‍िकलने वाले होते हैं उन्‍हें ख‍िलौने चबाने की आदत होती है ऐसे में इंफेक्‍शन ख‍िलौने से सीधे श‍िशु के मुंह या शरीर में जा सकता है। इस लेख में हम कुछ आसान ट‍िप्‍स के बारे में चर्चा करेंगे ज‍िन्‍हें फॉलो करके आप संक्रमण से श‍िशु को बचा सकते हैं। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

toys infection

image source:herstepp.com

सॉफ्ट टॉयेज से इंफेक्‍शन का खतरा (Soft toys can cause infection)

सॉफ्ट टॉयेज से इंफेक्‍शन के लक्षण बच्‍चों में ज्‍यादा नजर आते हैं, अगर सॉफ्ट टॉयेज गंदे होते हैं तो बच्‍चे को रैशेज, फुंस‍ियां या रेडनेस की समस्‍या हो सकती है। अगर लंबे समय तक सॉफ्ट टॉयेज को क्‍लीन न क‍िया जाए तो बच्‍चे को स्‍क‍िन इंफेक्‍शन, संक्रमण, अस्‍थमा जैसी बीमारी भी हो सकती है। डॉ सीमा ने बताया क‍ि उनके पास कई केस ऐसे भी आते हैं ज‍िनमें बच्‍चों को ख‍िलौने से हुए संक्रमण के कारण उल्‍टी, दस्‍त, बैचेनी, सांस लेने में समस्‍या या पेट दर्द की समस्‍या हुई है। अगर बच्‍चे को सॉफ्ट टॉयेज दे रहे हैं तो कोश‍िश करें क‍ि हर थोड़े द‍िन पर ख‍िलौना बदलते रहें, एक ही ख‍िलौने से बच्‍चा हर समय खेलेगा तो उससे बच्‍चे को इंफेक्‍शन हो सकता है।

1. बच्‍चों को बहुत छोटे साइज के ख‍िलौने न दें 

आपको बच्‍चों को साइज में छोटे ख‍िलौने देने से बचना चाह‍िए। ऐसे ख‍िलौने बच्‍चों के गले में फंस सकते हैं या उन्‍हें बैक्‍टीर‍ियल इंफेक्‍शन होने का खतरा हो सकता है। ऐसे ख‍िलाने फर या रबर के होते हैं आपको कोश‍िश करनी है क‍ि साइज में थोड़े बड़े ख‍िलौने ही आप बच्‍चों को दें। आपको इस बात का ध्‍यान रखना है ख‍िलौना प्‍लास्‍ट‍िक, रबर या फर या क‍िसी अन्‍य मटेर‍ियल का चाहे क्‍यों न हो उसे समय-समय पर साफ करते रहें। आपको बच्‍चे को ख‍िलौना देने से पहले उस पर लगी धूल को हर बार साफ कपड़े से साफ करना चाह‍िए। अगर आप देख रहे हैं क‍ि श‍िशु ख‍िलौने को मुंह में डाल रहा है तो ख‍िलौने को उसी द‍िन साफ कर दें, ताक‍ि इंफेक्‍शन न पनपने पाए।

2. मुंह के इंफेक्‍शन से बच्‍चे को कैसे बचाएं?

infection toys

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ख‍िलौन से आपके बच्‍चे को मुंह के इंफेक्‍शन का खतरा हो सकता है। ज‍िस उम्र में बच्‍चों के दांत न‍िकलते हैं उस उम्र में बच्‍चों को कई ख‍िलौने द‍िए जाते हैं ज‍िन्‍हें मुंह में रखकर चबाने से बच्‍चों के दांत में हो रही खुजली शांत होती है पर इन ख‍िलौनों से बच्‍चों के दांत में इंफेक्‍शन का खतरा हो सकता है इसल‍िए आपको बच्‍चों को ऐसे ख‍िलौने नहीं देने चाह‍िए जो बहुत ज्‍यादा नरम हों। आपको बच्‍चे को टॉयेज को गरम पानी से साफ करना चाह‍िए। 

  • सबसे पहले आप सभी टॉयेज को गरम पानी के टब में भ‍िगो दें। 
  • अब पानी में सारी गंदगी बैठ जाएगी इसके बाद पानी बदल लें। 
  • साफ पानी में साबुन डालें और टॉयेज को ब्रश की मदद से साफ कर लें। 
  • अब टॉयेज को खुली जगह जैसे धूप या छत पर सुखा दें।
  • खिलौनों को धूप द‍िखाने से उनमें इंफेक्‍शन या बैक्‍टीर‍िया पनपने का डर पूरी तरह से खत्‍म हो जाएगा।

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3. ख‍िलौने की क्‍वॉल‍िटी चेक करके ही बच्‍चे को दें 

आपको अपने बच्‍चे को ख‍िलौने की क्‍वॉल‍िटी चेक करके ही टॉय या सॉफ्ट टॉय देना चाह‍िए, कुछ टॉयेज़ बहुत जल्‍दी टूट जाते हैं या स्‍टफ खराब होने के कारण जल्‍दी गंदे हो जाते हैं। इसल‍िए आपको बच्‍चे को अच्‍छी क्‍वॉल‍िटी के ख‍िलौने द‍िलाने चाह‍िए। आपको ऐसे ख‍िलौने लेने से बचना चाह‍िए ज‍िनमें पानी भरा होता है या क‍िसी तरह का ल‍िक्‍व‍िड मौजूद होता है, ये ल‍िक्‍व‍िड बच्‍चे की त्‍वचा पर लगकर उसे बीमार बना सकता है। कुछ ख‍िलौने आजकल गुणवत्‍ता मापदंड के मुताबिक बनाए जाते हैं आप चाहें तो ब्रांड्स में से अपने लाडले के ल‍िए अच्‍छा ख‍िलौना चुन सकते हैं। 

4. बच्‍चे को ख‍िलौना मुंह में न डालने दें 

अगर आपका बच्‍चा ख‍िलौना मुंह में डालता है तो उसे रोकें, इसकी जगह आप बच्‍चे को आकर्ष‍ित शेप्‍स में सब्‍ज‍ियां काटकर दे सकते हैं। वहीं आपको ये भी चेक करना चाह‍िए क‍ि कोई ऐसा ख‍िलौना न हो ज‍िसकी बैटरी लीक करती हो या टॉय में से किसी तरह का कोई तरल पदार्थ न‍िकलता हो। आपको इस बात का भी ध्‍यान रखना है क‍ि बच्‍चे को बहुत ज्‍यादा रंग-बिरंगे ख‍िलौने देने से बचें। रंग-बिरंगे ख‍िलौनों में आर्ट‍िफ‍िश‍ियल रंग ज्‍यादा मौजूद होते हैं ज‍िससे लंग्‍स में इंफेक्‍शन या त्‍वचा इंफेक्‍शन के लक्षण नजर आ सकते हैं। आपको कोश‍िश करनी है क‍ि प्‍लेन कलर के टॉयेज ही बच्‍चे के ल‍िए खरीदें।

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5. हर दो द‍िन में बच्‍चे के ख‍िलौने साफ करें 

toy of baby

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आपको बच्‍चे के ख‍िलौने हर दो दिन में कम से कम एक बार जरूर साफ करना चाह‍िए। इससे इंफेक्‍शन होने का डर नहीं रहेगा। बच्‍चे ख‍िलौने मुंह में भी डाल लेते हैं खासकर ज‍िस उम्र में बच्‍चे के दांत न‍िकलने वाले होते हैं इसल‍िए जरूरी है क‍ि आप बच्‍चे के ख‍िलौने को समय-समय पर साफ करें।आपको इस बात का भी ध्‍यान रखना है क‍ि नुकीले क‍िनारे वाले ख‍िलौने या तेज रंग के ख‍िलौनों को बच्‍चों से दूर रखें, ऐसे ख‍िलौने बच्‍चे को च‍ोट‍िल कर सकते हैं। आपको बच्‍चों को वर्चुअल गेम्‍स से भी दूर रखना चाह‍िए, इससे बच्‍चों का मानस‍िक स्‍वास्‍थ्‍य ब‍िगड़ सकता है, आपको बच्‍चों को नकारात्‍मक, ह‍िंसा या तनाव भरे वीड‍ियो गेम्‍स से दूर रखना चाह‍िए। 

अगर आपको लग रहा है क‍ि आपका बच्‍चा जरूरत से ज्‍यादा बीमार पड़ रहा है तो आपको एक बार ख‍िलौनों को साफ करना चाह‍िए, ख‍िलौने और बच्‍चे के आसपास का वातावरण साफ रखने से श‍िशु के बीमार पड़ने की आशंका घट जाती है।

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