हाल में एक स्टडी पब्लिश हुई जिसमें यह बताया गया कि भारतीय डॉक्टर जरूरत से ज्यादा एंटीबायोटिक खाने की सलाह देते हैं, जो कि गलत है। स्टडी में बताया गया कि कई डॉक्टर, बच्चों को दस्त होने पर एंटीबायोटिक खाने की सलाह देते हैं, जबकि उन मामलों में कोई बैक्टीरियल इंफेक्शन नहीं पाया गया। कुछ मामलों में एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल करना बिलकुल जरूरी नहीं पाया गया। रिसर्च में यह पता चला कि डॉक्टर इसलिए एंटीबायोटिक खाने की सलाह नहीं देते क्योंकि उन्हें जानकारी नहीं है या वो पैसा बनाना चाहते हैं, बल्कि एंटीबायोटिक दवाएं इसलिए दी जाती हैं ताकि मरीज के जल्दी ठीक होने की उम्मीद को पूरा किया जा सके।
क्या कहती है स्टडी?- What Study Reveals
अमेरिकन एसोसिएशन फॉर द एडवांसमेंट ऑफ साइंस (AAAS) द्वारा प्रकाशित रिसर्च 'know-do gap' में सामने आया कि 62 प्रतिशत डॉक्टर यह मानते हैं कि बच्चों में दस्त के ज्यादातर मामलों में एंटीबायोटिक की जरूरत नहीं होती है, लेकिन फिर भी उन्हें पर्चे में एंटीबायोटिक लिखनी पड़ती है। स्टडी ने यह भी बताया कि अगर डॉक्टर अपने मेडिकल ज्ञान के आधार पर पर्चा बनाए, तो गलत प्रिस्क्रिप्शन की संख्या 30 प्रतिशत तक घट जाएगी। एंटीबायोटिक का ज्यादा सेवन करने से, एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस बन जाती है जिसमें बार-बार एंटीबायोटिक लेने के कारण, दवाओं का असर जर्म्स पर नहीं होता और दवाएं असर करना बंद कर देती हैं।
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डॉक्टर एंटीबायोटिक क्यों देते हैं?- Why Doctor Prescribe Antibiotics
- एंटीबायोटिक के नुकसान जानते हुए भी डॉक्टर उसे खाने की सलाह इसलिए देते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि माता-पिता चाहते हैं कि उनका बच्चा जल्दी ठीक हो जाए। इस विश्वास के कारण वे दवा लिख देते हैं, भले ही बीमारी वायरस की वजह से हो, जिसमें एंटीबायोटिक काम नहीं करता।
- असल में, ज्यादातर माता-पिता हमेशा एंटीबायोटिक की उम्मीद नहीं करते। कुछ अध्ययन बताते हैं कि जब डॉक्टर समझाते हैं कि दवा जरूरी नहीं है, तो माता-पिता खुश होते हैं। लेकिन कई डॉक्टर डरते हैं कि अगर बिना प्रिस्क्रिप्शन बच्चा घर जाएगा, तो माता-पिता नाराज होंगे।
- पैसे की वजह मुख्य कारण नहीं है। शोध में देखा गया कि एंटीबायोटिक बेचने से डॉक्टरों के फैसले पर ज्यादा असर नहीं पड़ता।
- एक और वजह है दस्त का सही कारण पता न होना। अगर डॉक्टर तुरंत नहीं बता पाते कि समस्या बैक्टीरिया की है या वायरस की, तो वे सुरक्षा के लिए एंटीबायोटिक दे देते हैं। यह खासकर उन क्लीनिकों में होता है जहां अच्छे लैब टेस्ट या उपकरण मौजूद नहीं हैं।
ज्यादा एंटीबायोटिक खाने के नुकसान- Side Effects Of Eating Too Many Antibiotics
- ज्यादा एंटीबायोटिक्स का सेवन करने से बैक्टीरिया मजबूत हो जाते हैं, इससे भविष्य में दवाओं का असर कम हो जाता है।
- ज्यादा एंटीबायोटिक्स खाने से पेट दर्द, दस्त, पेट में गैस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
- ज्यादा दवाएं या एंटीबायोटिक्स खाने से शरीर की प्राकृतिक रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
- ज्यादा एंटीबायोटिक्स खाने से एलर्जी हो सकती है और दाने, खुजली, सिरदर्द या सांस लेने में दिक्कत हो सकती है।
- एंटीबायोटिक्स के ज्यादा सेवन से किडनी और लिवर की सेहत पर बुरा असर होता है।
निष्कर्ष:
सेहत के लिए ज्यादा एंटीबायोटिक का सेवन नुकसानदायक होता है इसलिए इससे बचें। डॉक्टर की सलाह लेते समय कारण का पता लगाएं और तभी दवाओं का सेवन करें।
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