एक दिन रीना ने देखा कि उसके 3 साल के बेटे आरव के पेट पर लाल-लाल चकत्ते निकल आए हैं। शुरू में उसने सोचा कि ये मच्छर के काटने से हुए होंगे, लेकिन जब चकत्ते बढ़ने लगे और आरव को बार-बार खुजली होने लगी, तो वह घबरा गई। उसने घर पर एलोवेरा और नारियल तेल लगाया, लेकिन कोई खास फर्क नहीं पड़ा। अगली सुबह कुछ चकत्तों में सूजन भी आ गई। तब रीना आरव को तुरंत डॉक्टर के पास लेकर गई। डॉक्टर ने बताया कि ये एलर्जी, हीट रैश या वायरल इंफेक्शन के कारण हो सकते हैं और घर पर इलाज की बजाय सही कारण जानना और उसी के अनुसार इलाज लेना जरूरी है।
लखनऊ के डफरिन हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ सलमान खान ने बताया कि बारिश के मौसम में बच्चों की त्वचा ज्यादा सेंसिटिव हो जाती है, जिससे उन्हें रैशेज या चकत्तों की समस्या जल्दी हो सकती है। ऐसे में माता-पिता को घबराने के बजाय सावधानी के साथ इस समस्या को समझना चाहिए। इस लेख में जानेंगे कि बच्चों के पेट पर लाल चकत्ते क्यों होते हैं, उनके प्रकार, इलाज और कब डॉक्टर से मिलना जरूरी हो जाता है।
बच्चे के पेट पर लाल चकत्ते होने के कारण- Causes of Red Rashes on Child’s Stomach
- किसी खाद्य पदार्थ, साबुन, कपड़े या दवा से स्किन एलर्जी होने पर चकत्ते हो सकते हैं।
- उमस भरे मौसम में पसीने से रोम छिद्र बंद हो जाते हैं जिससे लाल दाने या हीट रैशेज निकल आते हैं।
- वायरल या बैक्टीरियल इंफेक्शन से भी चकत्ते हो सकते हैं, जैसे चिकनपॉक्स।
- मच्छर, खटमल या चींटी के काटने से जलन और लाल दाने (Insect Bites) हो सकते हैं।
- एक्जिमा या सोरायसिस जैसी त्वचा की बीमारियों में भी चकत्ते दिख सकते हैं।
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डॉक्टर से कब मिलें?- When to Consult a Doctor
- अगर चकत्ते हल्के हों और बच्चा सामान्य व्यवहार कर रहा हो, तो कुछ दिन निगरानी रखें।
- अगर चकत्तों के साथ बुखार हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
- दाने तेजी से फैल रहे हों।
- खुजली या सूजन ज्यादा हो।
- बच्चा चिड़चिड़ा या सुस्त लगे।
- रैशेज से पस या खून निकलने लगे।
बच्चे के पेट पर लाल चकत्ते होने पर क्या करें?- Red Rashes on Child’s Stomach Treatment
- सबसे पहले रैशेज को ध्यान से देखें। क्या चकत्ते उठे हुए हैं? लाल हैं या पपड़ीदार? खुजली हो रही है या बच्चा रो रहा है, इन सभी बातों पर गौर करें।
- डॉक्टर सबसे पहले रैश का विजुअल एग्जामिनेशन करते हैं। चकत्तों का रंग, फैलाव, खुजली, बुखार आदि लक्षणों की जांच करते हैं।
- लाल चकत्तों के इलाज के लिए डॉक्टर एंटी-एलर्जिक सिरप या क्रीम का इस्तेमाल करते हैं।
- फंगल इंफेक्शन होने पर डॉक्टर एंटी-फंगल क्रीम या पाउडर लगाने की सलाह देते हैं।
- बैक्टीरियल इंफेक्शन हो, तो एंटीबायोटिक ट्रीटमेंट किया जाता है।
- डेंगू जैसी बीमारी का शक होने पर ब्लड टेस्ट की सलाह दी जाती है।
- अगर फिर भी वजह पता नहीं चलती है, तो डॉक्टर बच्चे का सीबीसी टेस्ट और एलर्जी टेस्ट करवा सकते हैं।
बच्चों के पेट पर लाल चकत्ते होना आम बात हो सकती है, लेकिन यह नजरअंदाज करने वाली समस्या नहीं है। मौसम के अनुसार सावधानी रखकर आप अपने बच्चे की त्वचा को सुरक्षित रख सकते हैं।
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image credit: healthgrades.com, healthdirect.org.au
FAQ
बच्चों में लाल चकत्ते का इलाज कैसे करें?
डॉक्टर रैश के कारण के अनुसार एंटी-एलर्जिक, एंटी-फंगल या एंटी-बैक्टीरियल दवा देते हैं। जरूरत हो, तो ब्लड टेस्ट या स्किन टेस्ट भी किया जाता है ताकि सही इलाज हो सके।शरीर पर लाल चकत्ते का घरेलू इलाज क्या है?
नीम के पानी से स्नान, एलोवेरा जेल लगाना और ठंडी पट्टी से सिंकाई राहत दे सकती है। साफ-सुथरे, ढीले सूती कपड़े पहनाना और स्किन को सूखा रखना भी जरूरी है।त्वचा पर लाल चकत्ते किसका लक्षण है?
लाल चकत्ते एलर्जी, फंगल इंफेक्शन, वायरल फीवर या डेंगू जैसे रोगों का लक्षण हो सकते हैं। अगर साथ में बुखार, खुजली या पस हो, तो ये गंभीर समस्या का संकेत हो सकता है।