क्रोनिक पेन एक प्रकार का दीर्घकालिक दर्द है, जो 3-6 महीने या उससे ज्यादा समय तक रहता है। यह दर्द किसी चोट, बीमारी या मांसपेशियों की समस्या के कारण हो सकता है। सामान्य दर्द से अलग, क्रोनिक पेन समय के साथ ठीक नहीं होता और यह व्यक्ति के दैनिक जीवन को प्रभावित कर सकता है। यह कई प्रकार का हो सकता है, जैसे पीठ दर्द, सिरदर्द, गठिया या न्यूरोपैथिक दर्द। क्रोनिक पेन न केवल शारीरिक, बल्कि मानसिक रूप से भी व्यक्ति को प्रभावित करता है। यह अवसाद, नींद की कमी, चिड़चिड़ापन और एनर्जी की कमी का कारण बन सकता है। क्रोनिक पेन के इलाज के लिए दर्द प्रबंधन तकनीकें, योग, फिजियोथेरेपी और दवाओं का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अगर इन उपायों से दर्द दूर न हो, तो ब्रीदिंग तकनीक की मदद ली जा सकती है। ब्रीदिंग तकनीकें विशेष श्वसन अभ्यास हैं जो फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाने और ऑक्सीजन लेवल को सुधारने का काम करती है। इस लेख में हम ऐसी 5 ब्रीदिंग तकनीकों के बारे में जानेंगे। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के रवींद्र योगा क्लीनिक के योगा एक्सपर्ट डॉ रवींद्र कुमार श्रीवास्तव से बात की।
सेहत के लिए ब्रीदिंग तकनीकों के फायदे- Breathing Technique Health Benefits
- ये तकनीकें शरीर के क्रोनिक पेन को कम करने का अच्छा तरीका है।
- इन तकनीकों का नियमित अभ्यास स्ट्रेस और चिंता को कम करता है।
- ये तकनीकें अनिद्रा के लक्षण दूर करने में मदद करती हैं।
- ये तकनीकें, ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का आसान उपाय है।
- गहरी सांस लेने से फेफड़ों की क्षमता बढ़ती है।
- यह मांसपेशियों में खिंचाव को कम करती हैं।
- ब्रीदिंग तकनीक, ध्यान केंद्रित करने और दिमाग को शांत करने में मदद करती हैं।
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1. बेली ब्रीदिंग- Belly Breathing Technique
यह सबसे आसान ब्रीदिंग तकनीकों में से एक है। यह तकनीक स्ट्रेस को कम करने और शरीर को रिलैक्स करने में मदद करती है।
कैसे करें?:
- आरामदायक स्थिति में बैठें या लेट जाएं।
- एक हाथ पेट पर और दूसरा हाथ सीने पर रखें।
- अपनी नाक से गहरी सांस लें और ध्यान दें कि आपका पेट ऊपर उठ रहा है।
- धीरे-धीरे मुंह से सांस छोड़ें।
- इसे दिन में 5-10 मिनट तक दोहराएं।
2. 4-7-8 ब्रीदिंग तकनीक- 4-7-8 Breathing Technique
यह तकनीक गहरी नींद लाने और तुरंत आराम पाने के लिए जानी जाती है। यह शरीर और दिमाग को शांत करती है।
कैसे करें?:
- आरामदायक स्थिति में बैठें।
- अपनी नाक से 4 सेकंड तक गहरी सांस लें।
- सांस को 7 सेकंड तक रोककर रखें।
- फिर 8 सेकंड तक धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- इसे दिन में 4-5 बार दोहराएं।
3. बॉक्स ब्रीदिंग- Box Breathing
बॉक्स ब्रीदिंग तकनीक ध्यान केंद्रित करने और मानसिक शांति लाने में मदद करती है।
कैसे करें?:
- एक आरामदायक स्थिति में बैठें।
- अपनी नाक से 4 सेकंड तक गहरी सांस लें।
- 4 सेकंड तक सांस रोकें।
- 4 सेकंड तक मुंह से धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- 4 सेकंड के लिए सांस रोकें और इस चक्र को 5-7 बार दोहराएं।
4. कोहेरेंट ब्रीदिंग- Coherent Breathing
इस तकनीक में सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया को संतुलित किया जाता है। यह शरीर और मन को स्थिरता देता है।
कैसे करें?:
- गहरी सांस लें और 5 सेकंड तक धीरे-धीरे नाक से सांस भरें।
- 5 सेकंड तक धीरे-धीरे सांस छोड़ें।
- इसे 10 मिनट तक करें।
5. नाड़ी शोधन प्राणायाम- Alternate Nostril Breathing
यह योग आधारित तकनीक है जो शरीर और मन को संतुलित करती है।
कैसे करें?:
- आराम से बैठें और अपनी दाईं नॉस्ट्रिल को अंगूठे से बंद करें।
- बाईं नॉस्ट्रिल से गहरी सांस लें।
- अब बाईं नॉस्ट्रिल को बंद करें और दाईं नॉस्ट्रिल से सांस छोड़ें।
- इसे 5-7 मिनट तक करें।
क्रोनिक पेन से राहत पाने के लिए ब्रीदिंग तकनीकें एक प्राकृतिक और असरदार उपाय हैं। इन तकनीकों को अपनी दिनचर्या में शामिल करें और नियमित अभ्यास करें। यह न केवल आपके शरीर को आराम देगा, बल्कि मानसिक रूप से भी आपको मजबूत बनाएगा।
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