
खुशी के मौके पर आतिशबाजी करना अपने मन की उत्सुकता को दिखाने का एक बेहतरीन तरीका है। दिवाली भारत में मनाए जाने वाला एक ऐसा ही त्योहार है, जो न सिर्फ रोशनी का पर्व माना जाता है, बल्कि इस दिन लोग दिल खोलकर आतिशबाजी करते हैं, तरह-तरह के पटाखे फोड़ते हैं और इस पर्व को मनाते हैं। दिवाली का त्योहारों पर भले ही पटाखे को फोड़कर अपनी खुशियों को जाहिर करते हैं। लेकिन, बड़े पैमाने पर फूटने वाले इन पटाखों की आवाज आपके कानों के लिए नुकसानदायक हो सकती है। तेज आवाज वाले पटाखे हमारे कानों पर सीधा असर डालते हैं और कभी-कभी स्थायी रूप से सुनने की क्षमता को नुकसान पहुंचा सकते हैं। ऐसे में आइए जयपुर के नारायणा अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट- ईएनटी, सिर और गर्दन कैंसर सर्जन डॉ. दीपांशु गुरनानी से जानते हैं कि पटाखों के शोर से कानों को सुरक्षित रखने के लिए क्या करें?
पटाखों के शोर से कानों को कैसे सुरक्षित रखें? - How to protect your ears during fireworks in Hindi?
दीपावली पर पटाखों के शोर से बचने के लिए आप डॉ. दीपांशु गुरनानी के बताएं इन टिप्स को फॉलो कर सकते हैं-
1. कानों की सीमाओं को समझने की कोशिश करें
एक मनुष्य का कान आमतौर पर 60 से 70 डेसिबल तक की आवाज को सहन कर सकते हैं। लेकिन, दिवाली के कई पटाखों की आवाज 140 डेसिबल तक पहुंच जाती है, जो हमारे कानों के लिए बहुत नुकसानदायक होती है। इतनी तेज आवाज से कान के अंदर की नाजुक झिल्ली यानी ईयर ड्रम को नुकसान पहुंच सकता है, जिससे सुनने में मुश्किल या कान में घंटी बजने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए, कम आवाज वाले पटाखे फोड़ने की कोशिश करें।
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2. इयर प्लग या कॉटन का इस्तेमाल करें
अगर आप ऐसी जगह पर हैं, जहां ज्यादा पटाखे फोड़े जाते हैं तो आप अपने कानों को सुरक्षित रखने के लिए कानों में ईयर प्लग या इयर मफ्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। इन चीजों का इस्तेमाल करने से पटाखों की आवाज लगभग 20 से 30 डेसीबल तक कम हो जाती है और कान सुरक्षित रहते हैं। अगर ईयर प्लग न हो तो आप कॉटन बॉल्स का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
3. पटाखों से थोड़ी दूरी बनाए रखें
पटाखे जलाते या देखते समय कम से कम पटाखों से 15 से 20 मीटर की दूरी जरूर बनाए रखें। पटाखों से आपकी दूरी जितनी ज्यादा होगी, शोर का असर उतना ही कम होगा। खासकर बच्चों को पटाखों से दूर रखने की कोशिश करें, क्योंकि उनके कान बड़ों के मुकाबले ज्यादा सेंसिटिव होते हैं।
4. बच्चों और बुजुर्गों का खास ध्यान रखें
छोटे बच्चों और बुजुर्गों की सुनने की क्षमता आमतौर पर कमजोर होती है। इसलिए, उन्हें पटाखों के पास जाने से रोकें और खुद भी न ले जाएं। उनके लिए शांत और सुरक्षित जगह चुनें ताकि वे त्योहार का लुफ्त बिना किसी परेशानी के उठा सकें।
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5. लगातार शोर में रहने से बचें
लगातार शोर में रहने के कारण टेम्परेरी हियरिंग लॉस यानी अस्थायी बहरापन हो सकता है। इसलिए, लगातार फूटते पटाखों के बीच रहने से बचें। बीच-बीच में शांत स्थान पर जाएं ताकि कानों को आराम मिल सके।
6. कानों में दर्द या आवाज होने पर डॉक्टर के पास जाना
अगर पटाखे फोड़ने के बाद कान में दर्द, आवाज गूंजना या सुनाई देने में किसी भी तरह की समस्या महसूस हो तो इन समस्याओं को नजरअंदाज न करें और तुरंत कान के डॉक्टर से कंसल्ट करें। कान से जुड़ी किसी भी समस्या का समय पर इलाज होने से सुनने की क्षमता को बचाने में मदद कर सकता है।
निष्कर्ष
त्योहार मनाना जरूरी है, लेकिन इसके साथ अपनी सेहत का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है। इसलिए, इस दिवाली पटाखों को फोड़ते समय अपने कानों के सुनने की क्षमता को सुरक्षित रखने के लिए इन टिप्स को फॉलो करें।
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Current Version
Oct 18, 2025 18:55 IST
Published By : Katyayani Tiwari