टिनिटस एक ऐसी समस्या है, जिसमें लगातार कान बजने लगता है। यानी आपको बिना आवाज कान के अंदर तरह-तरह जैसे- गर्जना, चीं ची और किसी के चिल्लाने जैसी आवाज महसूस होती है। कान बजने की समस्या किसी को लगातार होती है। वहीं, कुछ लोगों में यह समस्या कभी-कभी देखने को मिलता है। ऐसे में इस परेशानी को सहन करना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। लेकिन चिंता की बात नहीं है टिनिटस में होने वाली परेशानियों को आप कुछ योगासन की मदद से कम कर सकते हैं। आज हम इस लेख में आपको कुछ ऐसे योगासन के बारे में बताएंगे, जिससे टिनिटस की परेशानी को कम किया जा सकता है।
भ्रामरी प्राणायाम (Bhramri Yoga)
टिनिटस की समस्या को कम करने के लिए भ्रामरी योग का सहारा लिया जा सकता है। इस योग के दौरान श्वास छोड़ते समय मधुमक्खी की भिनभिनाहट जैसी आवाज निकालनी होती है। इस योग से काने में गूंज उत्पन्न होती है, जो खोपड़ी में भी गूंजती है। नियमित रूप से भ्रामरी प्राणायाम को करने से काफी लाभ मिलता है। आइए जानते हैं कैसे करें भ्रामरी योग -
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- सबसे पहले किसी शांत वातावरण में बैठ जाएं।
- फिर अपनी आंखों को बंद करके कुछ समय के लिए शरीर को पूरी तरह से शिथिल करें।
- इसके बाद अपने होंठो को हल्का सा बंद कर लें और आंखों के रॉ को थोड़ा अलग रखें। ऐसा करने से ध्वनि साफ सुनाई देती है।
- इसके बाद तर्जनी उंगली से अपने कानों को बंद करें।
- फिर लंबी सांस अंदर और बाहर छोड़ें।
- इसके बाद मधुमक्खी की तरह ध्वनि निकालें।
- इस प्रक्रिया को दिन में 2 से 3 तक करने से आपको काफी लाभ मिलेगा।
मछली मुद्रा या मत्स्यासन (Fish Yoga Pose)
टिनिटस की परेशानी को कम करने के लिए मछली मुद्रा का अभ्यास नियमित रूप से किया जा सकता है। यह योग गर्दन क्षेत्र की कठोरता को कम करता है। इससे श्रवण शक्ति में भी सुधार आ सकता है। साथ ही यह योगासन शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को बेहतर करता है। जानते हैं कैसे करें मछली मुद्रा-
- सबसे पहले योगा मैट पर लेट जाएं।
- फिर अपनी हथेरी को हिप्स के नीचे लगाएं। लेकिन इस दौरान हथेरी जमीन की ओर होनी चाहिए।
- अब कोहनियों को एक-दूसरे के पास लाने की कोशिश करें।
- फिर अपने पैरों की पालथी मार लें।
- जांघों और घुटनों को फर्श पर समाट रखें।
- सांस को खीचें और सीने को ऊपर की ओर उठाएं।
- ध्यान रखें कि इस दौरान शरीर का पूरा वजन कोहनियों पर रखें ना कि सिर पर
- फिर अपने सीने को धीरे-धीरे उठां।
- जैसे-जैसे आपका सीना उठेगा, वैसे-वैसे कंधों की मांसपेशियों पर दबाव पड़ेगा।
शून्य मुद्रा - Sunya Mudra
टिनिटस की समस्याओं को शुन्य मुद्रा की मदद से ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा यह वर्टिगो (Vertigo) और श्रवण शक्ति को भी बेहतर करता है। हर दिन 30 से 40 मिनट तक इस मुद्रा को करने से काफी लाभ मिलेगा।
- शून्य मुद्रा को करने के लिए सबसे पहले पद्मासन मुद्रा में बैठ जाएं।
- इसके बाद बीच की उंगली को मोड़ते हुए अंगूठे की उंगली पर लाएं।
- फिर अंगूठे को तब तक धीरे धीरे दबाएं, जब तक कि बीच की उंगली अंगूठे के आधार को न छू ले।
- उंगली को सही स्थान पर रखने के लिए अंगूठे पर हल्का सा दबाव डालें।
- नियमित रूप से इस मुद्रा को करने से टिनिटस की परेशानी में काफी लाभ मिलेगा। अगर संभव हो, तो करीब 30 मिनट तक इस मुद्रा को करें।
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टिनिटस की समस्याओं को दूर करने के लिए योग का सहारा लिया जा सकता है। इसके अलावा आयुर्वेद में कई अन्य थेरेपी उपलब्ध हैं, जिसके जरिए टिनिटस की परेशानी को दूर किया जा सकता है।