
शरीर को फिट और स्वस्थ रखने के लिए शारीरिक व्यायाम बहुत जरूरी है। इससे शरीर के अंगों और मांसपेशियों में गतिशीलता बनी रहती है। साथ ही इससे वजन को घटाने में भी मदद मिलती है। योगासन की मदद से मन को शांत और तनावमुक्त रखने में भी सहायता मिलती है। ऐसा ही एक योगासन है प्रसारित पादोत्तानासन योगासन। इस योगासन की मदद से आपके पैर और कमर की मांसपेशियों में मजबूती होती है। इससे आपके शरीर में लचीलापन बना रहता है और ब्लड सर्कुलेशन भी सही ढंग से होता है। आइए इस योगासन के फायदे और करने के तरीके के बारे में विस्तार से जानते है।
प्रसारित पादोत्तानासन योगासन के फायदे
1. शरीर को लचीला और संतुलित बनाए रखने में मदद मिलती है। इस दौरान कंधे, कमर, पैर, हाथ और जांघ की मासंपेशियों में खिंचाव आता है। साथ ही रीढ़ की हड्डी में भी लचीलापन बढ़ता है।
2. इस योगासन से थकान और तनाव को कम करने में सहायता मिलती है । साथ ही गर्दन और कंधों के आसपास वाले हिस्से में दर्द को कम करने में मदद मिलती है। इससे मांसपेशियों की थकान भी दूर होती है।
3. इस योगासन में पैरों को फैलाने के दौरान आपके शरीर में संतुलन और संयम बढ़ता है। साथ ही टखने और पैरों की उंगलियों में भी दबाव बढ़ता है, जिससे मजबूती आती है।
4. इस अभ्यास से शरीर का ब्लड सर्कुलेशन का तेज होता है, जिससे माइल्ड डिप्रेशन को कम करने और नर्व्स सिस्टम को रिलैक्स करने में मदद करता है।
5. इस अभ्यास के दौरान आपके सीने और ऊपर वाले हिस्से पर दबाव बढ़ता और सांसों की गति तेज हो जाती है, जिससे आप तेजी से सांस लेते है और ऑक्सीजन का प्रवाह पूरे शरीर में होता है और सांस की तकलीफ में भी राहत मिल सकती है।
6. इस आसन से आत्मविश्वास बढ़ाने और स्थिरता बढ़ाने में मदद मिलती है।
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प्रसारित पादोत्तानासन योगासन करने का तरीका
1. इस योगासन को करने के लिए योग मैट पर ताड़ासन की मुद्रा में खड़े हो जाएं।
2. सांस लेते हुए दांए पेर को पीछे की तरफ ले जाएं और हाथों को कंधे की ऊंचाई तक स्ट्रेच करने की कोशिश करें।
3. हाथों को हिप्स की तरफ ले जाएं।
4. लंबी सांस लें और सीने की ऊपर की तरफ खींचें। इस दौरान ऊपर वाले हिस्से में खिंचाव बनाए रखें।
5. अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर झुकें और आगे झुकने पर उंगलियों से योग मैट छूने का प्रयास करें।
6. इस अभ्यास के समय अपने सिर को जमीन से छुआएं और हिप्स को ऊपर रखने की कोशिश करें।
7. इस योगासन के दौरान कोहनियां मुड़ी हुए रहेंगी और उंगलियों से पैर के अंगूठे को पकड़ें।
8. इस आसन में एक मिनट रूकें और सांस को धीमी गति में लेते और छोड़ते रहें।
9. दोनों हाथों को आगे की तरफ ले जाएं और शरीर फर्श के समानांतर आ जाएं।
10. अब दोनों हाथों को हिप्स पर लें आएं और सांस भीतर की ओर खींचें और शरीर को ऊपर उठाएं।
11. अब वापस ताड़ासन मुद्रा में आ जाएं।
12. इसे आप 30 से 60 सेकेंड कर सकते हैं।
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सावधानियां
1. रीढ़ की हड्डी में दर्द होने पर ये आसन न करें।
2. डायरिया या पेट में दर्द होने पर इस आसन को न करें।
3. गर्दन या पैरों में दर्द होने पर प्रसारित पादोत्तानासन योगासन को न करें।
4. हार्ट या हाई ब्लड प्रेशर होने पर इसका अभ्यास न करें।
5. संतुलन और स्थिरता के लिए भी आप इस योगासन का अभ्यास कर सकते है।
6. घुटने में दर्द या आर्थराइटिस होने पर भी इसे न करें।
7. शुरुआत में इसे ट्रेनर की निगरानी में ही करें।
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