
योग से शरीर को कई तरह के फायदे मिलते हैं। योग से शरीर को स्वस्थ रखने और मन को शांत रखने में भी मिलती है। ऐसा ही एक योगासन है भुजपीड़ासन। इसे सोल्डर प्रेसिंग पोज भी कहते हैं। भुजपीड़ासन करने से आपका ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है। साथ ही इससे आसन से शरीर की मांसपेशियों में भी मजबूती आती है।शरीर में लचीलापन बढ़ता है और आपके कंधे भी मजबूत होते हैं। भुजपीड़ासन से मन के तनाव और चिंता को भी दूर करने में मदद मिलती है। इससे आपको आत्मविश्वास बढ़ाने में भी मदद मिलती है। आइए विस्तार से जानते है इस योगासन के फायदे और करने की विधि के बारे में।
भुजपीड़ासन के फायदे (Benefits of Bhujapidasana)
1. इस आसन से शरीर का संतुलन और एकाग्रता बनाए रखने में मदद मिलती है।
2. इससे पाचन तंत्र को तंदुरुस्त बनाए रखने में मदद मिलती है।
3. भुजपीड़ासन का अभ्यास करने से ब्लड सर्कुलेशन सही रहता है।
4. इस अभ्यास से तनाव और सिरदर्द को भी ठीक करने में मदद मिलती है।
5. इससे कलाई, हाथ और कंधे की मांसपेशियां मजबूत होती है।
6. इस योगासन के अभ्यास से पेट की मांसपेशियों में भी खिंचाव आता है।
7. इससे जांघों के दर्द में भी आराम मिलता है।
8. इससे बैली फैट कम करने में भी सहायता मिलती है।
Image Credit- Yoga practice
भुजपीड़ासन करने का तरीका (Steps of Bhujapidasana)
1. इस योगासन को करने के लिए योग मैट पर बैठ जाएं।
2. अपने दोनों हाथों को आगे की ओर और पैरों को पीछे की तरफ ले जाएं और हिप्स को ऊपर की तरफ उठाएं।
3. इसके बाद घुटनों को मोड़ें और अपने दोनों पैरों को अपने हाथों के सामने लाएं।
4. फिर अपने दोनों हाथों के कंधों को अपने घुटनों के नीचे से लाएं और हथेलियों को नीचे जमीन पर मजबूती से रखें।
5. अब अपने कुल्हों को थोड़ा नीचे की तरफ लाएं।
6. इसके बाद अब आप अपने पूरे शरीर का वजन हथेलियों पर ले आएं और दोनों पैरों को आपस में लाने की कोशिश करें।
7. अब धीरे-धीरे अपने पैरों को पीछे की तरफ ले जाएं और सिर को जमीन पर रखें।
8. कुछ देर के लिए इस स्थिति में रहें और फिर धीरे-धीरे प्रारंभिक स्थिति में वापस आने की कोशिश करें।
9. इस योगासन के दौरान धीमी गति में सांस लेते और छोड़ते रहें।
इसे भी पढ़ें- शरीर में ब्लड सर्कुलेशन (खून की दौड़ान) को बेहतर बनाना चाहते हैं, तो जरूर खाएं ये 5 फूड्स
Image Credit- Freepik
सावधानियां
1. अगर आपके कंधे, कलाई या लोअर बैक में परेशानी हो, तो इस योगासन को करने से बचें।
2. अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर या सर्वाइकल पेन की समस्या है, तो इस अभ्यास को न करें।
3. शुरुआत में इसे ट्रेनर की निगरानी में ही करें।
4. पेट में दर्द या किसी प्रकार की परेशानी होने पर इसे न करें।
5. डायरिया की समस्या में इसका अभ्यास न करें।