मानसून का मौसम जहां एक ओर ठंडक और राहत लाता है, वहीं दूसरी ओर यह अस्थमा के मरीजों के लिए कई समस्याएं खड़ी कर सकता है। बारिश के कारण वातावरण में नमी बढ़ जाती है, जिससे धूल, फफूंदी जैसे एलर्जन एक्टिव हो जाते हैं। ये एलर्जन अस्थमा के लक्षणों को ट्रिगर कर सकते हैं, जैसे सांस लेने में कठिनाई, सीने में जकड़न, खांसी और घरघराहट (Wheezing)। इसके अलावा, मानसून के दौरान इंफेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है, जो अस्थमा के मरीजों की स्थिति को और गंभीर बना सकता है। ऐसे में जरूरी है कि अस्थमा के रोगी इस मौसम में अतिरिक्त सावधानी बरतें और अपनी दवाएं समय पर लें। कुछ आसान लेकिन असरदार उपायों को अपनाकर मानसून में अस्थमा के लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है और फेफड़ों को सुरक्षित रखा जा सकता है। आइए जानें मानसून में अस्थमा से बचने के 7 जरूरी उपाय, जिन्हें अपनाकर आप इस मौसम का आनंद बिना परेशानी के उठा सकते हैं। इस विषय पर बेहतर जानकारी के लिए हमने लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव से बात की।
1. नमी से बचें- Avoid Humidity
- नमी, फफूंद और एलर्जी पैदा करने वाले तत्वों को बढ़ावा देती है।
- घर में डीह्यूमिडिफायर या एक्स्ट्रा फैन का इस्तेमाल करें।
- गीले कपड़े या चादर को कमरे में न छोड़ें।
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2. साफ-सफाई बनाए रखें- Maintain Cleanliness in Monsoon
- धूल और फफूंद अस्थमा (Asthma) ट्रिगर कर सकते हैं।
- बेडशीट, तकिए के कवर और पर्दे नियमित धोएं।
- किचन और बाथरूम को सूखा और साफ रखें।
3. भीगने से बचें- Avoid Getting Wet in Rain
- भीगने से शरीर कमजोर होता है और इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है।
- अगर भीग जाएं, तो तुरंत कपड़े बदलें और गर्म पानी से नहाएं।
- छाता या रेनकोट हमेशा साथ रखें।
4. स्टीम और गर्म पानी लें- Use Steam and Warm Water
- स्टीम लेने से सांस की नली खुलती है और राहत मिलती है।
- गर्म पानी पीने से कफ और सर्दी-जुकाम से बचाव होता है।
- दिन में कम से कम 1 बार भाप लें।
5. इनहेलर साथ रखें- Keep Inhaler Handy
- अस्थमा मरीजों को इनहेलर हमेशा साथ रखना चाहिए।
- इमरजेंसी में इनहेलर फेफड़ों को तुरंत राहत देता है।
- डॉक्टर द्वारा बताए गए तरीके से ही इनहेलर का इस्तेमाल करें।
6. खान-पान पर ध्यान दें- Watch Your Diet in Monsoon
- तला-भुना और ठंडा खाना अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकता है।
- गुनगुना पानी और गर्म सूप लें, ये श्वसन तंत्र को मजबूत करते हैं।
- इम्यूनिटी बढ़ाने वाले फूड्स जैसे हल्दी, अदरक और तुलसी का सेवन करें।
7. नियमित चेकअप कराएं- Go For Regular Checkups
- मानसून में अस्थमा की निगरानी जरूरी होती है।
- डॉक्टर से नियमित सलाह लें और दवाओं में कोई बदलाव न करें।
- अस्थमा के लक्षण बढ़ने पर तुरंत मेडिकल मदद लें।
सावन में फेफड़ों को स्वस्थ कैसे रखें?- Tips to Keep Lungs Healthy in Monsoon
- रोज सुबह गुनगुना पानी पिएं ताकि बलगम न जमे और श्वसन तंत्र साफ रहे।
- धूल और नमी वाले इलाकों में मास्क पहनें ताकि एलर्जन से बचाव हो सके।
- फेफड़ों की मजबूती के लिए सुबह प्राणायाम और डीप ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें।
- अदरक, तुलसी और काली मिर्च वाली हर्बल चाय का सेवन करें जिससे सूजन कम हो सके।
- घर के अंदर फफूंदी और सीलन से बचने के लिए साफ-सफाई और वेंटिलेशन ठीक रखें।
- भीगने या ठंडी हवा में रहने से बचें ताकि फेफड़ों में इंफेक्शन का खतरा न बढ़े।
- धूम्रपान से दूर रहें और पैसिव स्मोकिंग से भी बचें, इससे फेफड़ों को राहत मिलती है।
- मौसम के अनुसार हल्का, आसानी से पचने वाला और गर्म खाना खाएं जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत रहे।
- अगर अस्थमा की हिस्ट्री है, तो इनहेलर या नेब्युलाइजर जैसी मेडिकल चीजें पास में रखें।
- किसी भी प्रकार की खांसी या सांस लेने में तकलीफ को नजरअंदाज न करें और डॉक्टर से सलाह लें।
मानसून में इन उपायों को अपनाकर आप अस्थमा के लक्षणों को कंट्रोल कर सकते हैं और इस मौसम को बिना किसी स्वास्थ्य समस्या के एंजॉय कर सकते हैं।
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FAQ
क्या बरसात के मौसम में अस्थमा बढ़ता है?
हां, बरसात में बढ़ी हुई नमी, फफूंद और एलर्जन, अस्थमा के लक्षणों को बढ़ा सकते हैं। इससे खांसी, सांस फूलना और घरघराहट जैसी समस्याएं हो सकती हैं।क्या बारिश से सांस लेना मुश्किल हो जाता है?
बारिश में हवा में नमी और प्रदूषण बढ़ जाते हैं, जिससे सांस लेना मुश्किल हो सकता है, खासकर अस्थमा या एलर्जी से पीड़ित लोगों के लिए।क्या अस्थमा 100 % ठीक हो सकता है?
अस्थमा को पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता, लेकिन सही इलाज, सावधानी और स्वस्थ जीवनशैली से इसे पूरी तरह कंट्रोल में रखा जा सकता है।