How To Know You Are Emotionally Weak In Hindi: फिजिकली फिट होने से ज्यादा जरूरी मेंटली और इमोशनली फिट होना होता है। क्या आप जानते हैं कि ऐसा क्यों है? दरअसल, जब आप फिजिकली बीमार होते हैं, तो अपनी मजबूत इच्छाशक्ति की मदद से जल्दी रिकवर कर सकते हैं। मजबूत इच्छाशक्ति तभी हो सकती है, जब आप इमोशनली और मेंटली खुद को फिट बनाते हैं। लेकिन, मौजूदा समय में ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो इमोशनली बहुत कमजोर हैं। इमोशनल हेल्थ का कमजोर होना बुरा नहीं है। यह अपनी स्थिति को बेहतर करने की नेचुरल प्रक्रिया होता है। अगर इस स्थिति में एक समय बाद सुधार न हो, आप खुद को मेंटली और इमोशनली मजबूत महसूस न करें, तो यह कंडीशन खराब हो सकती है। इससे आपका कॉन्फिडेंस खत्म हो सकता है और यह आपकी सफलता के आड़े भी आ सकती है। यही नहीं, कमजोर इमोशनल हेल्थ की वजह से आपके शारीरिक स्वास्थ्य पर भी इसका बुरा असर देखने को मिल सकता है। इसलिए, जरूरी है कि यह पहले आप यह जानें कि आप इमोशनली कमजोर हैं या नहीं।
बात-बात पर रो देना- Easily Get Emotional Outbursts
रोना अपने मन को हल्का कर देता है। इसलिए, किसी बात से परेशान हैं, तो रो लेना चाहिए। इससे तनाव का स्तर भी घटता है और फील गुड का अहसास भी होता है। वहीं, अगर आप बात-बात पर रो देते हैं, तो इसका मतलब है कि आप अंदर से बहुत कमजोर हैं। आपको किसी भी बात का बुरा लग जाता है और आप हर नेगेटिव बात को खुद से जोड़कर देखते हैं।
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जिम्मेदारियों से भागते हैं- Run Away From Responsibility
जिम्मेदारियों को न निभाना भी आपको इमोशनली कमजोर बनाता है। दरअसल, आप इसलिए जिम्मेदारियों से बचते हैं, क्योंकि आपको लगता है कि आप चीजों को सही तरह से कर नहीं सकेंगे। ऐसा आपमें आत्मविश्वास की कमी के कारण होता है। यही नहीं, अगर आप इमोशनली वीक होंगे, तो अक्सर हर गलती के लिए दूसरों को ब्लेम करेंगे। आपको बता दें कि जो लोग अपनी गलतियों का भार उठा सकते है, वे मानसिक रूप से काफी मजबूत होते हैं।
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अक्सर पुरानी बातों के बारे में सोचना- Always Live In The Past Or The Future
इमोशनली वीक व्यक्ति कभी भी अपने आज के बारे में नहीं सोचता है। इसके उलट वह पास्ट या फ्यूचर के बारे में चिंतित रहता है। असल में उसके स्ट्रेस की यही सबसे बड़ी वजह होती है। अगर आप अक्सर उन बातों में उलझे रहेंगे कि क्या हो गया और क्या होने वाला है, तो आप कभी भी आज में जी नहीं सकेंगे। असल में आप प्रेजेंट में हो रही चीजों से दूर भागना चाहते हैं। आप स्ट्रेस को सही तरह से मैनेज नहीं कर पाते।
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मन की बातें शेयर करने से डरना- Avoid To Share Their Feelings With Others
अपनी परेशानियों को शेयर करना अच्छी बात होती है। इससे मन हल्का हो जाता है और स्ट्रेस या डिप्रेशन जैसी गंभीर समस्याएं भी दूर रहती हैं। वहीं अगर आप, ऐसे लोगों में शामिल हैं, जो मन की बातें शेयर करने से कतराते हैं, तो एलर्ट हो जाइए। यह सही संकेत नहीं है। दरअसल, आपको लगता है कि आपकी बातें कोई सुनेगा नहीं। अगर कोई सुन लेगा, तो वह आपकी बात का मजाक उड़ा सकता है। इस तरह की सोच आपको अंदर ही अंदर परेशान करके रख देती है।
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खुद पर विश्वास न करना- Low Self-esteem
जिंदगी में आगे बढ़ना हो या फिजिकली-मेंटली फिट रहना हो। बहुत जरूरी है कि आप खुद पर विश्वास करें। खुद पर विश्वास करना अपकी इमोशनल मजबूत की ओर इशारा करता है। वहीं, अगर आप इमोशनली कमजोर हैं, तो आप न सिर्फ खुद पर अविश्वास करेंगे, बल्कि किसी भी तरह का नया काम शुरू करने से भी डरेंगे। यहां तक कि आपको हमेशा सेल्फ डाउट रहेगा, जो कि आपकी लाइफ की परेशानियों को बढ़ा सकता है।
कैसे रहें इमोशनली फिट- How To Stay Emotionally Fit
इमोशनली फिट रहना और खुद को मजबूत बनाना बिल्कुल मुश्किल नहीं है। इसके लिए जरूरी है कि आप अपने मन की सुनें। यहां दिए गए कुछ टिप्स को आजमा सकते हैं-
- खुद पर कभी भी शक न करें।
- अपने इमोशंस का ख्याल रखें।
- अगर किसी की बात बुरी लगे, तो तुरंत उससे कहें।
- दूसरों को अपने स्पेस में जबरदस्ती एंटर करने न दें।
- अपनी लाइफ से जुड़े फैसले खुद करें।
- अपने द्वारा किए गए हर काम की जिम्मेदारी आप खुद लें।
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