How To Deal With Excessive Sleeping During Pregnancy In Hindi: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। पूरी प्रेग्नेंसी जर्नी में महिला अलग-अलग तरह का अनुभव करती है। कभी उसका मूड बहुत अच्छा रहता है, तो कभी पूरा दिन मूड स्विंग से परेशान रहती है। इसी तरह, कभी पूरा दिन उल्टी और मतली की वजह से दिक्कतें बढ़ जाती हैं, तो कभी पूरा दिन नींद आती है। हालांकि, हर तरह की परेशानी के होने के पीछे ठोस वजह मौजूद है। कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी के इस सफर में बहुत ज्यादा नींद आती है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी हो जाता है कि क्या वाकई प्रेग्नेंसी के दिनों में बहुत ज्यादा नींद आना सामान्य होता है? या फिर यह किसी तरह की बीमारी का संकेत है। आइए, इस संबंध में वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता विस्तार से जानते हैं।
प्रेग्नेंसी में बहुत ज्यादा नींद आने के कारण
हार्मोनल बदलाव
गर्भावस्था की पहली तिमाही में अक्सर महिला का ब्लड प्रेशर और ब्लड शुगर का स्तर कम हो जाता है। ऐसी स्थिति में शरीर थकान से भरा रहता है। ऐसे में बहुत ज्यादा नींद आना स्वाभाविक हो जाता है। इसके अलावा, इन दिनों प्रोजेस्टेरोन नामक के हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिस वजह से काफी नींद आती है।
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रेस्टलेस लेग सिंड्रोम
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन में बढ़ोत्तरी हो जाती है। इस वजह से रेस्टलेस लेग सिंड्रोम हो जाता है। यह एक ऐसी बीमारी है, जिसमें व्यक्ति को अपने पैरों को बार-बार हिलाने की अर्ज बनी रहती है। अगर सोते समय महिला अपने पैर हिलाती है, तो उसकी नींद बाधित हो जाती है। ऐसे में उसके शरीर में थकान भर जाती है और अच्छी और गहरी नींद की जरूरत महससू होने लगती है।
इनसोमनिया
प्रेग्नेंसी की पहली और तीसरी तिमाही में अक्सर ऐसा होता है कि महिला आराम करने के लिए बिस्तर पर लेटती है, लेकिन उसे नींद नहीं आती है। नींद न आने का कारण, गर्भावस्था के कारण शरीर में दर्द, मतली, उल्टी आदि भी हो सकती है। ऐस में गर्भवती महिला को नींद की जरूरत हमेशा बनी रहती है।
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बार-बार पेशाब आना
प्रेग्नेंसी के सफर में महिलाओं को बार-बार यूरिन पास करने की जरूरत महसूस हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जैसे-जैसे गर्भ का वजन बढ़ता है, वह मूत्राशय पर अतिरिक्त दबाव डालने लगता है। इससे पेशाब करने की चाह महिला में बढ़ जाती है। इस तरह की परेशानी के कारण महिला रात भर सो नहीं पाती है और आंखों में नींद की जरूरत बनी रहती है।
नींद को बेहतर करने के उपाय
गर्भावस्था के दौरान हो रहे शारीरिक-मानसिक बदलाव को रोका नहीं जा सकता है और इनसे बचा भी नहीं जा सकता है। हालांकि, कुछ उपायों की मदद से इनके लक्षणों को कम किया जा सकता है और बेहतर नींद ली जा सकती है।
- रोजाना एक्सरसाइज करेंः हेल्थलाइन में प्रकाशित एक लेख की मानें, तो प्रेग्नेंसी के दौरान नींद को बेहतर करने के लिए हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जरूर करनी चाहिए। यह न सिर्फ नॉर्मल डिलीवरी की संभावनाएं बढ़ाता है, बल्कि इससे अच्छी नींद आने में भी मदद मिलती है। इससे जन्म से ही बच्चा और स्ट्रॉन्ग बनता है।
- मसाज करवाएंः अगर गर्भवती महिलाओं की नींद बार-बार डिस्टर्ब होती है, जिस कारण पूरा दिन बोझिल और डल बना रहता है। यही नहीं, बार-बार नींद भी आती रहती है। ऐसे में आप अपने बॉडी की मसाज करवा सकते हैं। मसाज करने से शरीर रिलैक्स होता है। इससे आप गहरी और अच्छी नींद ले सकते हैं, जिससे पूरा दिन आपमें एनर्जी बनी रहेगी और नींद आने की समस्या भी कम हो जाएगी।
- स्ट्रेस से दूर रहेंः स्ट्रेस के कारण अक्सर लोगों को नींद न आने की समस्या हो जाती है, इसी तरह कुछ लोग पूरा दिन सोने में बिता देते हैं। ऐसा ही गर्भवती महिलाओं के साथ भी होता है। आपको चाहिए कि स्ट्रेस से दूर रहें। इसके लिए सूदिंग सॉन्ग सुनें, मन का कुछ करें और पार्क में चहलकदमी करने जाएं। इससे स्ट्रेस दूर होगा और नींद बेहतर होगी।
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