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प्रेग्नेंसी के दौरान क्या घर के कामकाज करने से नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ सकती है? जानें डॉक्टर की राय

घर के कुछ काम ऐसे हैं, जिन्हें प्रेग्नेंसी के दौरान करना काफी फायदेमंद हो सकता है। इससे नॉर्मल डिलीवरी की संभावनाएं बढ़ जाती हैं।
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प्रेग्नेंसी के दौरान क्या घर के कामकाज करने से नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ सकती है? जानें डॉक्टर की राय


Does Household Chores Help In Having A Normal Delivery In Hindi: मौजूदा समय में सिजेरियन डिलीवरी के केसेज बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। यह बात तो हम सभी जानते हैं कि सिजेरियन डिलीवरी करवाने की वजह से महिलाओं को भविष्य में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं का समाना करना पड़ता है। इसलिए, विशेषज्ञ भी सलाह देते हैं कि हर प्रेग्नेंट महिला को नेचुरल डिलीवरी को महत्व देना चाहिए। इसके लिए, प्रेग्नेंसी के दौरान फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए, एक्सरसाइज करना चाहिए और स्वस्थ रहने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनानी चाहिए। इसके साथ ही आपने बड़े-बुजुर्गों से भी यह सलाह सुनी होगी कि घर के कामकजा करने से भी नॉर्मल डिलीवरी के चांसेज बढ़ जाते हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या वाकई घर के कामकाज करने से नॉर्मल डिलीवरी संभव है? इस संबंध में हमने नई दिल्ली और वृंदावन स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता से बात की। आप भी जानें जवाब।

क्या घर के काम करने से नेचुरल डिलीवरी की संभावना बढ़ सकती है?- Does Household Chores Help In Having A Normal Delivery

Does Household Chores Help In Having A Normal Delivery

नेचुरल डिलीवरी कई तरह के कारकों पर निर्भर करती है। सबसे पहली बात यह है कि महिला का स्वास्थ्य पूरी तरह से सही होना चाहिए। उसे डायबिटीज, बीपी जैसी बीमारियां नहीं होनी चाहिए। ये ऐसी बीमारियां हैं, जो डिलीवरी के समय कॉम्प्लीकेशन की वजह बन सकती हैं। अगर महिला पूरी तरह स्वस्थ है, किसी तरह की बीमारी नहीं है, तो उन्हें डॉक्टर की सलाह पर नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए। विशेषकर कीगल एक्सरसाइज। इस एक्सरसाइज की मदद से पेल्विक एरिया को खुलने में मदद मिलती है, जिससे डिलीवरी आसाना होती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए कहा जा सकता है कि कुछ खास किस्म के घर के काम करने से नॉर्मल डिलीवरी की संभावनाएं बढ़ सकती हैं। इसमें जमीन पर स्कवॉट पोजिशन में बैठकर पोंछा मारा जाता है। पोंछा मारने के दौरान दोनों पैरों के बीच काफी गैप बनता है, महिला को अपना शरीर हिलाना पड़ता है, जो कि एक्सरसाइज की तरह काम करता है। हालांकि, यह बताना बहुत जरूरी है कि अगर महिला के लिए झुककर बैठने में दिक्कत आती है, तो उन्हें इस तरह एक्टिविटी से दूर रहना चाहिए। इसके अलावा, गर्भवती महिलाओं को भारी सामान उठाने से बचना चाहिए, जैसे भरी पानी की बाल्टी आदि। हां, आप इस अवस्था में बैठकर कपड़े धो सकती हैं। लेकिन भारी या मोटे कपड़े, जैसे चादर या स्वेटर को हाथ से धोने से बचें। पानी में भीगने के कारण ये भारी हो जाते हैं, जिन्हें उठाने में आपको दिक्कत हो सकती है।

इसे भी पढ़ें: नॉर्मल डिलीवरी के लिए प्रेगनेंसी में एक महिला को क्या करना चाहिए और क्या नही?

प्रेग्नेंसी में घर के कौन-से काम नहीं करने चाहिए?- Household Chores To Avoid During Pregnancy In Hindi

मॉप से पोंछा लगानाः बैठकर पोंछा लगाने में कोई दिक्कत नहीं है। हालांकि, मॉप के इस्तेमाल से पोंछा लगाना प्रेग्नेंसी में सही नहीं है। एक्सपर्ट की मानें, तो मॉप की वजह से महिला को बार-बार आगे की ओर झुकना पड़ता है, जिससे पेट पर काफी दबाव बनता है।

बाथरूम की सफाई करनाः शुरुआती 6 महीने तक आप बाथरूम की सफाई आसानी से कर सकते हैं। लेकिन दूसरी तिमाही के खत्म होते ही आप इस काम को न करें। बाथरूम की सफाई के दौरान भी आपको कई बार उठना-बैठना पड़ सकता है। चूंकि बाथरूम में काफी पानी होता है, तो वहां अपना बैलेंस खोने का खतरा भी बढ़ जाता है।

भारी सामान उठानाः प्रेग्नेंसी की आखिरी तिमाही में भारी सामान उठाने से बचना चाहिए। अगर कोई सामान उठाना ही है, तो पहले स्कवॉट पोजिशन पर बैठें, सामान को हाथ में लें और इसके बाद स्टैंडिंग पोजिशन में लौट आएं। सामान बहुत भारी है और अपका डिसबैलेंस होने का खतरा बढ़ता है, तो बेहतर है कि घर के किसी अन्य सदस्य को सामान उठाने के लिए कहें।

image credit: freepik

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