Benefits of Having Sex While Pregnant : प्रेग्नेंसी हर महिला के लिए एक खूबसूरत एहसास होता है। प्रेग्नेंसी जैसे नाजुक समय में महिलाओं के मन में कई तरह के सवाल आते हैं। इन सवालों की लिस्ट में एक है- क्या गर्भावस्था के दौरान सेक्स करना नॉर्मल डिलीवरी में मदद करता है? इस सवाल का जवाब सिर्फ महिला के लिए नहीं बल्कि उनके मेल पार्टनर के लिए बहुत जरूरी होता है। आज इस लेख में हम आपको इसी सवाल का जवाब देने की कोशिश करेंगे।
प्रेग्नेंसी और सेक्स के बीच कनेक्शन- Connection between Pregnancy and Sex
गुरुग्राम स्थित सीके बिड़ला अस्पताल की स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुणा कालरा का कहना है कि प्रेग्नेंसी में महिलाओं के शरीर में कई प्रकार के हार्मोनल बदलाव (Hormonal Issue during Pregnancy) होते हैं। इससे महिला की शारीरिक और मानसिक दोनों ही स्थिति में प्रभावित होती हैं। इस समय यौन इच्छा में कमी या कभी-कभी वृद्धि भी देखी जाती है। मायो क्लीनिक की रिपोर्ट के अनुसार, प्रेग्नेंसी में अगर में किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं है, तो सेक्स करना बिल्कुल सुरक्षित है।
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प्रेग्नेंसी की किस तिमाही में सेक्स सुरक्षित है- In which trimester of pregnancy is sex safe
पहली तिमाही: पहली तिमाही में उल्टी, जी मिचलाना और शारीरिक थकान के कारण सेक्स करने की इच्छा कम हो जाती है। लेकिन इस दौरान सेक्स करना बिल्कुल सुरक्षित है।
दूसरी तिमाही: शरीर थोड़ा सहज होता है और सेक्स करने में किसी प्रकार की परेशानी होती है।
तीसरी तिमाही: पेट का आकार बढ़ने के कारण सेक्स पोजिशन में कठिनाई आना आम बात है। लेकिन अगर मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं, तो तीसरी तिमाही में सेक्स किया जा सकता है।
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क्या प्रेग्नेंसी में सेक्स करने से नॉर्मल डिलीवरी होती है- Does having sex during pregnancy lead to normal delivery
डॉ. अरुणा कालरा कहती हैं कि आज के समय में घरों में काम करने वाली महिलाओं की अक्सर नॉर्मल डिलीवरी होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वो पूरे 9 महीने शारीरिक रूप से एक्टिव रहती हैं। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ का कहना है कि जो महिलाएं अपनी प्रेग्नेंसी में शारीरिक रूप से ज्यादा एक्टिव रहती हैं, उनके लिए नॉर्मल डिलीवरी आसान हो जाती हैं। इसके अलावा जो महिलाएं प्रेग्नेंसी में कम एक्टिव होती हैं, उनके सी-सेक्शन डिलीवरी (C-section delivery) होने की संभावना ज्यादा होती है। घर में काम करने वाली महिलाओं के बारे में डॉक्टर कहती है कि वो प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्सुअली भी बहुत एक्टिव होती हैं।
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं का उदाहरण देते हुए डॉ. अरुणा कालरा बताती हैं कि वहां पर इंडियन स्टाइल की टॉयलेट सीट का इस्तेमाल किया जाता है। इंडियन टॉयलेट सीट पर महिलाएं स्क्वाट पोजीशन में बैठते हैं, जिससे पेल्विक मसल्स को संकुचित होने और फैलने में मदद मिलती है। ग्रामीण भारत में भी महिलाएं सेक्सुअली एक्टिव रहती हैं, जिससे नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ जाती है।
सेक्स कैसे बढ़ती है नॉर्मल डिलीवरी की संभावना- How sex increases the chances of normal delivery
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा की गई एक स्टडी बताती है कि जो महिलाएं प्रेग्नेंसी के अंतिम महीने में सेक्स करती हैं, उनमें लेबर नैचुरली शुरू होने की संभावना ज्यादा होती है।
डॉ. अरुणा कालरा बताती हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स करने से महिला के शरीर का ऑक्सीटोसिन हार्मोन का स्तर बढ़ता है, जो 'लेबर हार्मोन' कहलाता है। यह गर्भाशय की मांसपेशियों में संकुचन को बढ़ाकर नॉर्मल डिलीवरी में मदद करता है।
पुरुषों के सीमन में प्रोस्टाग्लैंडीन नामक तत्व होता है। प्रेग्नेंसी में जब महिलाएं सेक्स करती हैं तो सीमन योनि पर चिपकता है। इससे नॉर्मल डिलीवरी में मदद मिलती है।
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सेक्स करने से एंडोर्फिन रिलीज होते हैं जो तनाव को कम करते हैं। प्रेग्नेंट महिलाओं के सेक्स करने से तनाव कम होता है और नॉर्मल डिलीवरी की संभावना कई गुणा बढ़ जाती है।
स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ सुझाव देती हैं कि जो महिलाएं प्रेग्नेंसी में सेक्स करने से डरती हैं या शुरुआत में सेक्स करना पसंद नहीं करती हैं, तो उन्हें नौंवा महीना शुरु होने के बाद नॉर्मल डिलीवरी की संभावना को बढ़ाने के लिए सेक्स कर सकती हैं।
प्रेग्नेंसी में कब सेक्स नहीं करना चाहिए- When you should not have sex during pregnancy
रिसर्च और डॉक्टर के साथ बातचीत के आधार पर ये कहा जा सकता है कि प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स करने से महिलाओं को नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ती है। लेकिन प्रेग्नेंसी में कुछ परिस्थितियां ऐसी भी आती हैं, जब महिलाओं को सेक्स करने से बचना चाहिए।
- प्लेसेंटा प्रीविया
- प्रीमैच्योर लेबर
- यूट्रस में ब्लीडिंग
- जुड़वां भ्रूण होने की स्थिति में
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प्रेग्नेंसी में सेक्स करते समय सावधानियां- Precautions while having sex during pregnancy
यूं तो प्रेग्नेंसी के दौरान सेक्स करना बिल्कुल सुरक्षित माना जाता है। लेकिन इस दौरान कुछ सावधानियां बरतना जरूरी है।
महिला के लिए आरामदायक और सुरक्षित पोजिशन अपनाएं
गर्भ और पेट पर दबाव न पड़े, सेक्स करते समय इसका ध्यान रखें
किसी भी असुविधा या दर्द में सेक्स बिल्कुल न करें।
अगर प्रेग्नेंसी में सेक्स के दौरान किसी प्रकार तेज दर्द, असहजता और ब्लीडिंग की परेशानी होती है तो तुरंत डॉक्टर से बात करें।
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निष्कर्ष
"प्रेग्नेंसी में सेक्स करने से नॉर्मल डिलीवरी होती है"- ये बात काफी हद तक सच है। डॉक्टर और मेडिकल रिसर्च इस बात को मानती है कि प्रेग्नेंसी में सेक्स करने से नॉर्मल डिलीवरी होती है। अगर आप प्रेग्नेंसी के अंतिम चरण में हैं और नॉर्मल डिलीवरी की संभावना बढ़ाना चाहती हैं, तो अपने डॉक्टर से इस विषय पर बात जरूर करें।
FAQ
नॉर्मल डिलीवरी कैसे होती है?
नॉर्मल डिलीवरी बच्चे को जन्म देने वाली एक प्राकृतिक प्रक्रिया है। नॉर्मल डिलीवरी में शिशु महिला के गर्भाशय से योनि के जरिए बाहर निकलता है। नॉर्मल डिलीवरी से पहले महिला को गर्भाशय का संकुचन होने के कारण प्रसव पीड़ा होती है। इसके बाद महिलाएं आंतरिक रूप से शिशु को धक्का लगती हैं और नॉर्मल डिलीवरी हो जाती है।Normal delivery में कितना दर्द होता है?
नॉर्मल डिलीवरी में कितना दर्द होता है, इसका अंदाजा लगा पाना किसी के लिए भी मुश्किल काम है। नॉर्मल डिलीवरी में गर्भाशय का संकुचन जैसे-जैसे बढ़ जाता है, दर्द भी बढ़ता चला जाता है।Normal delivery कितने घंटे में हो जाती है?
नॉर्मल डिलीवरी आमतौर पर 6 से 18 घंटे में हो सकती है। पहली बार मां बनने वाली महिला की नॉर्मल डिलीवरी में होने में वक्त लगता है। वहीं, दूसरी बार नॉर्मल डिलीवरी में 2 से 3 घंटों का ही वक्त लगता है।