Expert

सत्व, रज और तम का असंतुलन कैसे बढ़ाता है बीमारियों का खतरा, आयुर्वेदाचार्य से जानें बैलेंस करने का तरीका

How to balance Tamas rajas and Sattva: शरीर के तीन गुण सत्व, रज और तम का संतुलन बिगड़ने से बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
  • SHARE
  • FOLLOW
सत्व, रज और तम का असंतुलन कैसे बढ़ाता है बीमारियों का खतरा, आयुर्वेदाचार्य से जानें बैलेंस करने का तरीका


How to balance Tamas rajas and Sattva: प्राचीन भारतीय दर्शन और आयुर्वेद के अनुसार, प्रकृति और मानव शरीर तीन गुणों से प्रभावित होता है: सत्व, रजस और तमस। ये तीन गुण हमारे शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को नियंत्रित करते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, अगर ये तीन गुण संतुलित रहें, तो व्यक्ति स्वस्थ और खुशनुमा महसूस करता है। वहीं, सत्व, रजस और तमस (Tamas rajas and Sattva) के असंतुलन से कई प्रकार की बीमारियों, हार्मोनल बदलाव और मानसिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बीमारियों से बचाव के लिए इन तीन गुणों का संतुलन होना जरूरी है।

इस लेख में हम इन्हीं तीन गुणों को संतुलित करने के आयुर्वेदिक उपायों पर चर्चा करेंगे। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने बटरफ्लाई आयुर्वेद की संस्थापक और सीईओ अक्षी खंडेलवाल (Akshi Khandelwal, Founder & CEO, Butterfly Ayurveda) से बात की।

इसे भी पढ़ेंः Pregnancy Diet: प्रेग्नेंसी के दौरान खाएं पोहा, सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे

How-to-balance-Tamas-rajas-and-Sattva-inside

सत्व गुण को कैसे संतुलित करें?- How to balance Sattva 

आयुर्वेद एक्सपर्ट अक्षी खंडेलवाल का कहना है कि सत्व गुण पवित्रता, ज्ञान, शांति और संतुलन से संबंधित है। यह शरीर में सकारात्मक ऊर्जा और मानसिक स्थिरता को बढ़ावा देता है। शरीर में सत्व गुण को नियंत्रित करने के लिए प्रतिदिन सूर्योदय से पहले उठना चाहिए। सुबह कुछ समय ताजी हवा में बिताएं। सुबह शांत और ताजी हवा में बिताने से मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा मिलता है। प्रतिदिन योग, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास करें। खाने में ताजे फल, हरी सब्जियां, दूध, घी, शहद, साबुत अनाज और हल्का पका हुआ भोजन शामिल करें।

इसे भी पढ़ेंः आयुर्वेद के अनुसार डिलीवरी के बाद महिला की डाइट और लाइफस्टाइल कैसी होनी चाहिए? जानें

रजस गुण को कैसे संतुलित करें- How to Balance Rajas 

रजस गुण को गतिविधि, उत्तेजना, जोश और संघर्ष से जोड़कर देखा जाता है। रजस शरीर और मन की गतिशीलता को बनाए रखने में मदद करता है। आयुर्वेदिक एक्सपर्ट के अनुसार, रजस प्रधान व्यक्ति महत्वाकांक्षी, कार्यशील और ऊर्जा से भरपूर होते हैं, लेकिन कभी-कभी वे क्रोध और अधीर भी हो सकते हैं। रजस बढ़ने के कारण चिंता, डिप्रेशन और ज्यादा गुस्सा आने की परेशानी होती है। इसे संतुलित करने के लिए तैलीय, मसालेदार और बहुत अधिक गर्म भोजन करने से बचें। गाने सुनें, ध्यान केंद्रित करने वाली क्रियाओं को अपनाएं। पर्याप्त नींद लें, ताकि गुस्से को कम किया जाए। एक्सपर्ट की मानें, तो पर्याप्त नींद लेने से आत्मनिरीक्षण में मदद मिलती है और यह भावनाओं को भी नियंत्रित करने में मदद करता है।

इसे भी पढ़ेंः रुके हुए पीरियड्स को जल्द लाने में मदद करेगा ये हर्बल काढ़ा, न्यूट्रिश्निस्ट से जानें रेसिपी

How-to-balance-Tamas-rajas-and-Sattva-inside

तमस गुण संतुलित करने के उपाय- Measures to balance Tamas Guna

तमस गुण जड़ता, अज्ञानता, आलस्य और अंधकार से संबंधित है। यह शरीर में नकारात्मकता को बढ़ावा देता है। व्यक्ति के शरीर में तमस गुण बढ़ने पर व्यक्ति अक्सर आलसी और नकारात्मक महसूस कर सकता है। तमस को संतुलित करने के लिए बासी, अधिक तला-भुना और अधिक मीठा भोजन करने से बचें। शरीर को ज्यादा से ज्यादा सक्रिय रखने की कोशिश करें। सुबह सूरज की रोशनी में कुछ समय बिताएं। ऐसा करने से नकारात्मक शक्ति को नियंत्रित करने में मदद मिलती है।

इसे भी पढ़ेंः महिलाओं के शरीर में कोर्टिसोल हार्मोन बढ़ने पर दिखाई देते हैं ये 7 संकेत, भूलकर भी न करें नजरअंदाज

How-to-balance-Tamas-rajas-and-Sattva-inside

निष्कर्ष

आयुर्वेद में सत्व, रजस और तमस का संतुलन बनाए रखना अत्यंत आवश्यक माना गया है। सत्व को बढ़ावा देना, रजस को नियंत्रित करना और तमस को कम करना जीवन को सुखद बना सकता है। इसके लिए ऊपर बताई गई चीजों का पालन करें। 

Read Next

क्या लौंग ब्लड सर्कुलेशन में सुधार करती है? आयुर्वेदिक डॉक्टर से जानें इस्तेमाल का तरीका

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version