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फेफड़ों की बीमार‍ियों का कारण बन सकता है रूमेटाइड अर्थराइटिस, डॉक्‍टर से जानें इसके प्रभाव और बचाव के उपाय

रूमेटाइड अर्थराइटिस से फेफड़ों में सूजन, श्वसन समस्याएं और लंग डिजीज जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जो सांस लेने में मुश्किल पैदा करती हैं।
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फेफड़ों की बीमार‍ियों का कारण बन सकता है रूमेटाइड अर्थराइटिस, डॉक्‍टर से जानें इसके प्रभाव और बचाव के उपाय

How Rheumatoid Arthritis Impacts Lung Health: रूमेटाइड अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो मुख्य रूप से जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनती है। हालांकि यह बीमारी जोड़ों तक सीमित नहीं रहती, बल्कि इसके प्रभाव शरीर के अन्य हिस्सों, विशेष रूप से फेफड़ों तक भी पहुंच सकते हैं। रूमेटाइड अर्थराइटिस से होने वाली फेफड़ों की समस्याएं धीरे-धीरे गंभीर हो सकती हैं और श्वसन तंत्र को प्रभावित कर सकती हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि रूमेटाइड अर्थराइटिस फेफड़ों की सेहत पर कैसे असर डालता है, इसके कारण, लक्षण और बचाव के उपाय। इसके अलावा, यह भी बताएंगे कि फेफड़ों की बीमारियों को रोकने के लिए क‍िन बातों का ख्‍याल रखना चाह‍िए। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की।

फेफड़ों पर रूमेटाइड अर्थराइटिस के प्रभाव- Impact of Rheumatoid Arthritis on Lung Health

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रूमेटाइड अर्थराइटिस सिर्फ जोड़ों की बीमारी नहीं है, बल्कि यह शरीर के विभिन्न अंगों को भी प्रभावित कर सकती है, जिसमें फेफड़े भी शामिल हैं। अर्थराइटिस के कारण होने वाली फेफड़ों की समस्याओं में प्रमुख रूप से पल्मोनरी फाइब्रोसिस और पल्मोनरी हाइपरटेंशन शामिल हैं। रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण फेफड़ों में सूजन बढ़ने के साथ-साथ फेफड़ों की संरचना में बदलाव हो सकता है। इस स्थिति को पल्मोनरी फाइब्रोसिस कहते हैं, जिसमें फेफड़ों में जलन और स्कार टिशू बन जाते हैं, जिससे फेफड़ों की कार्यक्षमता घटने लगती है। रूमेटाइड अर्थराइटिस से फेफड़ों को होने वाले नुकसान के कारण सांस लेने में तकलीफ और कफ (खांसी) जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं। अगर इसे समय रहते ठीक नहीं किया जाता, तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है।रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारण फेफड़ों में सूजन होने लगती है, जिससे फेफड़ों के ट‍िशूज में बदलाव आता है।

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फेफड़ों पर रूमेटाइड अर्थराइटिस के प्रभाव के लक्षण

फेफड़ों पर रूमेटाइड अर्थराइटिस का प्रभाव पड़ने पर ये लक्षण नजर आ सकते हैं-

फेफड़ों को रूमेटाइड अर्थराइटिस के प्रभाव से बचाने के उपाय

  • रूमेटाइड अर्थराइटिस से प्रभावित व्यक्तियों को नियमित रूप से फेफड़ों की जांच करानी चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की सूजन या इंफेक्‍शन को जल्दी पकड़ा जा सके।
  • रूमेटाइड अर्थराइटिस के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाओं को डॉक्टर की सलाह के अनुसार लेना चाहिए। फेफड़ों की सुरक्षा के लिए समय-समय पर जांच कराना जरूरी है।
  • धूम्रपान फेफड़ों की स्थिति को और खराब कर सकता है इसलिए, धूम्रपान से बचना बहुत जरूरी है।
  • संतुलित आहार और हल्की-फुल्की एक्सरसाइज फेफड़ों और जोड़ों की सेहत को बेहतर रखने में मदद करती है।
  • रूमेटाइड अर्थराइटिस से जुड़ी फेफड़ों की समस्याओं को रोकने के लिए इलाज में देरी नहीं करनी चाहिए। जितनी जल्दी इलाज शुरू होगा, उतना बेहतर होगा।

रूमेटाइड अर्थराइटिस केवल जोड़ों की समस्या नहीं है, बल्कि यह फेफड़ों को भी प्रभावित कर सकता है। इससे बचने के लिए फेफड़ों की नियमित जांच, दवाइयों का सही इस्तेमाल और स्वस्थ जीवनशैली अपनाना जरूरी है।

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