How Much Water Should Body Need While Fasting In Hindi: नवरात्र चल रहे हैं। कई लोग पूरे नौ दिनों तक व्रत रख रहे हैं। नवरात्रों में व्रत के दौरान व्यक्ति फलाहार, चाय और कॉफी जैसी खाते-पीते हैं। इसके साथ ही, पानी को भी विशेष महत्व देते हैं। वैसे, यह बात हम सभी जानते हैं कि पानी पीना हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है। व्रत के दिनों में अगर पर्याप्त मात्रा में पानी न पिया जाए, तो बॉडी डिहाइड्रेट हो सकती है, थकान हो सकती है और चक्कर आने की समस्या भी हो सकती है। यही नहीं, अगर पानी की कमी को अनदेखा कर दिया गया, तो एक समय बाद काफी ज्यादा तबियत बिगड़ सकती है। इसलिए, व्रत के दौरान पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए। हालांकि, यहां यह सवाल जरूर उठता है कि आखिर व्रत रखते हुए एक दिन में कितना पानी पीना पर्याप्त होता है? इस बारे में हमने डाइट एन क्योर की डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से बात की है।
व्रत में कितना पानी पीना चाहिए?- How Much Water To Drink During Fasting In Hindi
व्रत के दौरान बॉडी को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाएह। आपको बता दें कि पानी की आवश्यकता है, आपकी फिजिकल एक्टिविटी, मौसम, फिजिकल जरूरतों जैसे कई फैक्टर्स पर निर्भर करती है। साथ ही, हर व्यक्ति की पानी की जरूरत अलग-अलग हो सकती है। लेकिन एक सामान्य गाइडलानइ की मानें, तो व्रत रखते हुए प्रति दिन कम से कम 8 गिलास (64 औंस या लगभग 2 लीटर) पानी जरूर पीना चाहिए। इससे पानी हाइड्रेटेड रहती है। साथ ही, स्किन और हेल्थ पर भी अच्छा असर देखने को मिलता है।
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व्रत के दौरान पानी पीने के फायदे- Benefits Of Drinking Water During Fasting In Hindi
बॉडी हाइड्रेट होती है- Hydration
जैसा कि हमने पहले भी बताया है कि व्रत के दौरान शरीर को ज्यादा पानी की जरूरत होती है। अगर आप कम मात्रा में पानी पीते हैं, तो इससे शरीर को डिहाइड्रेट हो सकती है। इसलिए, व्रत के समय पानी पीने में लापरवाही नहीं करनी चाहिए।
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भूख कंट्रोल होती है- Appetite control
नवरात्रों में व्रत रखते हुए लोग हैवी मील या अनाज, जैसे रोटी या सब्जी नहीं खाते हैं। इस वजह से अक्सर भूख का अहसास बना रहता है। वहीं, अगर आप व्रत में पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं, तो इससे भूख कंट्रोल होती है।
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इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस रहता है- Electrolyte balance
व्रत में अगर आप पर्याप्त मात्रा में पानी न पिएं, तो इस वजह से शरीर का इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बिगड़ सकता है। इलेक्ट्रोलाइट की कमी की वजह से थकान और मांसपेशियों में ऐंठन जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। पर्याप्त मात्रा में पानी पीने से इस तरह की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
टॉक्सिंस शरीर से बाहर निकलते हैं- Detoxification
पानी शरीर से विषाक्त पदार्थों यानी टॉक्सिंस को बाहर निकालने में मदद करता है। वहीं, अगर आप व्रत में पर्याप्त मात्रा में पानी पीते हैं, तो टॉक्सिंस के बाहर निकलने की प्रक्रिया में तेजी आती है।
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मेंटल हेल्थ में सुधार- Improved mental clarity
व्रत रखने की वजह से व्यक्ति इन दिनों तामसिक भोजन नहीं करता है। साथ ही, मन में अच्छे विचार आते हैं। वहीं, पानी पीने से बॉडी भी हाइड्रेट रहती है, तो इन सब फैक्टर की वजह से मेंटल हेल्थ में भी सुधार होता है और सतर्क रहने तथा फोकस्ड रहने में भी मदद मिलती है।
पाचन स्वास्थ्य बेहतर होता है- Digestive health
नवरात्र में नौ दिनों तक व्रत रखने की वजह से शरीर में कई तरह के पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इसमें फाइबर भी शामिल है। हालांकि, अगर आप पर्याप्त मात्रा में फल खाते हैं, तो इसकी कमी को पूरा किया जा सकता है। लेकिन, अगर आप ऐसा नहीं करते हैं, तो आपको कब्ज की समस्या हो सकती है। वहीं, पानी पीने से कब्ज की परेशानी को रोका सकता है।
वजन घटाने में मदद- Weight loss
व्रत की वजह से शरीर में कैलोरी की मात्रा में कमी आने लगती है। इस वजह से वजन भी अपने आप घटने लगता है। इसके साथ, अगर आप पर्याप्त मात्रा में पानी भी पीते हैं, तो इससे मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है, जो कि फैट को ब्रेकडाउन करने में मदद करता है।
कुल मिलाकर कहने की बात ये है कि आपको कितना पानी पीना चाहिए, यह आपकी बॉडी की रिक्वायरमेंट यानी जरूरत पर निर्भर करता है। अगर आप पूरे 9 दिनों तक व्रत रखने वाले हैं, तो अच्छा होगा कि अपनी डाइट और प्रत्येक दिन कितना पानी पीना है, इस संबंध में एक्सपर्ट से बात कर लें।
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