
After Lunch Sleep: अक्सर लोगों की आदत होती है कि लंच के बाद कुछ समय के लिए पॉवर नैप लिया जाए या फिर कुछ देर की डेस्क पर बैठकर ही झपकी ले ली जाए। अगर आप भी लंच के बाद सोते हैं, तो आपको भी इस आदत को बदल देना चाहिए क्योंकि आयुर्वेद के अनुसार, लंच के बाद सोना सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। दोपहर को सोने की आदत से क्या नुकसान हो सकते हैं? यह जानने के लिए हमने फरीदाबाद के सर्वोदय अस्पताल के सीनियर आयुर्वेदिक पंचकर्मा कंसल्टेंट डॉ. चेतन शर्मा (Dr. Chetan Sharma, Sr. Ayurveda Panchakarma Consultant, Sarvodaya Hospital, Faridabad & Noida) से बात की। उन्होंने पाचन को दुरुस्त रखने के आयुर्वेदिक टिप्स भी दिए हैं।
आयुर्वेद में खाने का नियम
इस बारे में आयुर्वेदाचार्य डॉ. चेतन शर्मा बताते हैं, “आयुर्वेद में भोजन के बाद के व्यवहार को विहार नियम के तहत समझाया गया है। चरक संहिता और अष्टांग हृदय में स्पष्ट लिखा है कि भुक्त्वा क्षणं विचरितुं, ततः शयनं हितम्।” जिसका अर्थ है कि भोजन करने के बाद थोड़ी देर टहलना और फिर आराम करना सेहत के लिए महत्वपूर्ण है। दरअसल भोजन के बाद एक्टिविटी करने से अग्नि (digestive fire) एक्टिव रहता है, जिससे खाना पचाने में आसानी होती है। अगर खाना खाने के बाद तुरंत सोने की आदत हो, तो इससे अग्नि यानि डाइजेशन स्लो हो जाता है और खाना पूरी तरह से पचता नहीं है। इस वजह से शरीर में कई तरह के समस्याएं हो सकती हैं।

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लंच के तुरंत बाद सोने के नुकसान
डॉ. चेतन ने बताया कि लंच के बाद सोने की आदत से लोगों को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं।
- भोजन पचाने में दिक्कत - खाने के तुरंत बाद लेटने से शरीर का नेचुरल डाइजेस्टिव फ्लो बाधित होता है। इससे पेट का एसिड ऊपर की ओर बढ़ जाता है, जिससे एसिड रिफ्लक्स की समस्या हो सकती है।
- वजन बढ़ना - जब डाइजेशन कमजोर होता है, तब शरीर में आम यानि डाइजेस्ट न होने से टॉक्सिन्स बनते हैं। ये टॉक्सिन्स धीरे-धीरे फैट बनकर जमा होने लगते हैं। ।
- एसिडिटी - खाते ही लेट जाने पर पेट का एसिड ऊपर आ जाता है, तो सीने में जलन, डकारें और गले में खट्टास जैसी परेशानियां होने लगती हैं। लंबे समय तक यह आदत गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (GERD) का कारण भी बन सकती है।
- नींद की क्वालिटी खराब होना - भरा पेट सोने में प्रोब्लम करता है। जब डाइजेशन अधूरा रहता है, तो नींद गहरी नहीं आती और थकान या सिरदर्द महसूस होता है।
लंच के बाद क्या करना चाहिए?
डॉ. चेतन सलाह देते हैं कि लंच के बाद 10–15 मिनट तक धीरे-धीरे चलते हुए वॉक करनी चाहिए। इसे पोस्ट लंच वॉक कहते हैं। इससे डाइजेशन एक्टिव रहता है और पेट में गैस या एसिडिटी नहीं होती। इसके बाद चाहें 5-10 मिनट आराम किया जा सकता है। अगर किसी को सोने की ही आदत है, तो लंच के 1.5 से 2 घंटे बाद 20–25 मिनट का पॉवर नैप लिया जा सकता है। इससे शरीर रिचार्ज होता है और डाइजेशन पर असर नहीं पड़ता।
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डाइजेशन सुधारने के आयुर्वेदिक टिप्स
डॉ. चेतन ने बताया कि पाचन सुधारने के लिए लोगों को ये आदतें अपने जीवन में अपनानी चाहिए।
- खाने के बाद गुनगुना पानी पीना चाहिए।
- ठंडा पानी या सोडा बिल्कुल न पिएं।
- एक छोटी इलायची या सौंफ चबाएं। इससे गैस, जलन और बदहजमी से राहत मिलती है।
- लंच करते समय और बाद में मोबाइल या टीवी न देखें। इससे ओवरईटिंग होती है।
- दोपहर का खाना हल्का और पचने वाला रखें।
- लंच के बाद दांत साफ करके हल्का टहलें। इसे आयुर्वेद में भोजनानंतर विहार कहा जाता है।
- लंच करने के दो घंटे बाद 20 मिनट का पॉवर नैप लिया जा सकता है।
निष्कर्ष
डॉ. चेतन कहते हैं कि अग्नि कमजोर होने से शरीर की इम्युनिटी पर भी असर पड़ता है। लंच करने के तुरंत बाद सोना चाहे अच्छा लगता हो, लेकिन इससे डाइजेशन कमजोर होता है। इसलिए सभी को लंच के बाद 10-15 मिनट टहलना चाहिए ताकि शरीर में एसिडिटी जैसी समस्याएं न हो।
FAQ
दोपहर में कितनी देर सोना चाहिए?
दोपहर में टहलने के बाद 20-25 मिनट की झपकी ली जा सकती है। इससे शरीर हेल्दी रहता है।लंच का टाइम क्या होना चाहिए?
लंच का सबसे अच्छा टाइम दोपहर 12:30 बजे से लेकर 2 बजे तक होता है। शाम को 4 बजे के बाद कभी लंच नहीं करना चाहिए। इससे सेहत को नुकसान पहुंच सकता है।क्या लंच के ठीक बाद सोना अच्छा है?
लंच के तुरंत बाद नहीं सोना चाहिए क्योंकि भोजन को पचाने के लिए समय चाहिए। सोने पर पचाने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। इस वजह से अक्सर अपच और पेट फूलने की समस्या होती है, जिससे असहज महसूस हो सकता है।
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Current Version
Oct 30, 2025 13:11 IST
Modified By : Aneesh RawatOct 30, 2025 13:10 IST
Published By : Aneesh Rawat