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सांस लेना हमारे जीने के लिए सबसे जरूरी चीज है। हम रोजाना हजारों बार सांस लेते हैं और सांस के द्वारा ऑक्सीजन पर्याप्त करते हैं, जो हमारे शरीर को एनर्जी देने और काम करने में मदद करती है। ऋषि मुनि और कई योग एक्सपर्ट अक्सर ब्रीदिंग एक्सरसाइज के दौरान या तपस्या करते समय अपने सांस पर नियंत्रण करते हैं और अपनी सांस को रोकते हैं। सांस रोकने से डायाफ्राम को मजबूत करने, तनाव कम करने और फेफड़ों को मजबूत बनाने जैसे कई फायदे मिलते हैं। हालांकि, कई लोगों के मन में अक्सर ये सवाल आता है कि किसी व्यक्ति को कितनी देर तक अपनी सांस रोकनी चाहिए? आज के इस लेख में हम Dr. Pooja Pillai, Consultant - Internal Medicine, Aster CMI Hospital, Bangalore से जानते हैं कि कितनी देर सांस रोकना सुरक्षित होता है और ज्यादा देर सांस रोकने के क्या नुकसान हैं?
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कितनी देर सांस रोकना चाहिए?
डॉ. पूजा पिल्लई का कहना है कि, ज्यादातर हेल्दी लोद बिना किसी साइड इफेक्ट के 30 सेकेंड से 1 मिनट तक अपनी सांस रोक सकते हैं और यह समय आमतौर पर शरीर के लिए सुरक्षित माना जाता है। कुछ ट्रेंड लोग, जैसे तैराक या गोताखो, बहुत ज्यादा देर तक अपनी सांस रोक सकते हैं, लेकिन ऐसा इसलिए होता है क्योंकि वे रेगुलर प्रैक्टिस करते हैं और जानते हैं कि सांस को सुरक्षित तरीके से कैसे मैनेज करना चाहिए। हालांकि, आम लोगों के लिए, थोड़ी देर बाद शरीर को असहज महसूस होने लगता है क्योंकि खून में कार्बन डाइऑक्साइज का लेवल बढ़ जाता है और यह दिमाग को फिर से सांस लेने के लिए सिग्नल भेजता है। हालांकि, आम लोगों के लिए बहुत ज्यादा देर तक सांस रोकना ठीक नहीं होता है क्योंकि शरीर को ठीक से काम करने के लिए ऑक्सीजन की लगातार सप्लाई की जरूरत होती है।
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ज्यादा देर सांस रोकने के नुकसान
डॉ. पूजा पिल्लई के मुताबिक, लंबे समय तक अपनी सांस रोकने से सेहत को कई तरह के नुकसान पहुंच सकता है, जिसके कारण आपको ये स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है
1. चक्कर आना
बहुत देर तक सांस रोकने से दिमाग को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिलता है, जिससे चक्कर आना या सिर भारी महसूस होने की समस्या होना सामान्य है।
2. छाती में दबाव
जब शरीर में ऑक्सीजन लेवल कम होता है तो फेफड़े हवा लेने के लिए ज्यादा दबाव बनाते हैं और इससे सीने में खिंचाव या दर्द महसूस हो सकती है।
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3. हाथ-पैर में झुनझुनी
बहुत देर तक सांस रोकने के कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है, जिसके कारण हाथ-पैर में हल्की झुनझुनी या सुन्नपन हो सकता है।
4. बेहोशी
लंबे समय तक सांस रोकने के कारण ऑक्सीजन की कमी होने से व्यक्ति को बेहोशी हो सकती है। यह शरीर की एक सुरक्षा प्रतिक्रिया है, जो अनियंत्रित रूप से सांस लेने पर मजबूर करती है।
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5. दिल की धड़कनों में अनियमितता
बहुत ज्यादा देर तक सांस रोकने से दिल की धड़कनें तेज या अनियमित हो सकती हैं, जो आपकी सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है।
6. दिमाग पर असर
ज्यादा ऑक्सीजन की कमी से दिमाग सही तरह से काम नहीं कर पाता है, जिससे भ्रम, दिशा न समझ पाना और गंभीर मामलों में दौरे जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। हालांकि, यह स्थिति बहुत कम देखने को मिलती है।
निष्कर्ष
यह समझना बहुत जरूरी है कि मेडिटेशन या ब्रीदिंग एक्सरसाइज करते समय सांस रोकना आपके शरीर की एक अच्छी प्रक्रिया है, जो फायदेमंद होती है। हालांकि अगर आप समय सीमा से ज्यादा सांस रोकते हैं तो शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो सकती है, जो स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का कारण बन सकता है।
Image Credit: Freepik
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FAQ
सांस कितने मिनट तक रोक सकते हैं?
एक व्यक्ति को आमतौर पर 30 से 90 सेकेंड तक ही सांस रोकनी चाहिए, इससे ज्यादा सांस रोकने पर शरीर में ऑक्सीजन की कमी और कार्बन डाइऑक्साइड के बढ़ने का कारण बनता है।सांस रोकने से कौन सी बीमारी हो सकती है?
अगर आपको कुछ समय के लिए ऑक्सीजन की कमी हो जाए तो आपका दिल भी प्रभावित हो सकता है। दिल की मांसपेशियां ऑक्सीजन के प्रति ज्यादा सेंसिटिव होती हैं और बिना ऑक्सीजन के कुछ ही मिनटों में हार्ट अटैक आ सकता है।ज्यादा सांस रोकने से क्या होता है?
ज्यादा देर तक सांस रोकने से दिमाग में ऑक्सीजन की कमी होती है, जिससे बेहोशी, दौरे पड़ना और अन्य कई गंभीर मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
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Dec 10, 2025 16:02 IST
Published By : Katyayani Tiwari