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कपालभाति खाना खाने के कितनी देर बाद करनी चाहिए? एक्सपर्ट से जानें

Kapalbhati benefits in hindi: कपालभाति एक प्रकार का योगाभ्यास है जिसकी मदद से आपके शरीर के कई अंगों की सेहत बेहतर हो सकती है। लेकिन, बहुत से लोगों को इसे करने का तरीका नहीं मालूम होता। आइए, जानते हैं कपालभाति खाने के कितनी देर बाद करें।
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कपालभाति खाना खाने के कितनी देर बाद करनी चाहिए? एक्सपर्ट से जानें


Kapalbhati benefits in hindi: आजकल जहां हमारी लाइफस्टाइल खराब हो रही है वहीं स्ट्रेस तेजी से बढ़ता जा रहा है। ऐसी स्थिति में योग और एक्सरसाइज करना आपको बेहतर महसूस करा सकता है और फिर स्ट्रेस फ्री रहने में मदद कर सकता है। जैसे कि बात अगर हम कपालभाति की करें तो यह एक ब्रीदिंग एक्सरसाइज है जिसमें व्यक्ति सांस लेता है और फिर सांस छोड़ता और इस गति को रोटेट करना होता है। लेकिन, कपालभाति करने का तरीका बहुत से लोगों का मालूम होता है। जैसे कि खाने के बाद कपालभाति करें या नहीं। करें तो कब करें और कैसे करें। जानते हैं इन तमाम चीजों के बारे में Taarika Dave, Holistic Life Coach and Yoga Expert at Luke Coutinho Holistic Healing Systems (LCHHS) से।

कपालभाति खाना खाने के कितनी देर बाद करनी चाहिए?

Taarika Dave कहते हैं कि जब खाने के बाद कपालभाति का अभ्यास करने की बात आती है, तो यहां कुछ दिशा-निर्देश दिए गए हैं जिन पर विचार करना चाहिए। जैसे कि किसी भी योगाभ्यास को आदर्श रूप से खाली या हल्के पेट पर किया जाना चाहिए। जैसे कि कपालभाति में लयबद्ध पेट के संकुचन के साथ सक्रिय, बलपूर्वक सांस छोड़ना शामिल है, जो पाचन तंत्र पर दबाव डाल सकता है। खाने के तुरंत बाद इसका अभ्यास करने से असुविधा, मतली या यहां तक कि एसिड रिफ्लक्स तक की समस्या हो सकती है। खासकर एसिड संवेदनशीलता से ग्रस्त व्यक्तियों में। ऐसे में आपको यहां दिए गए कुछ सामान्य दिशा-निर्देश का पालन करना चाहिए। जैसे कि

  • -नाश्ते के बाद कपालभाति करने से पहले कम से कम 1 से 1.5 घंटे इंतजार करें।
  • -पूरा भोजन करने के बाद, अभ्यास करने से पहले पाचन के लिए 3 से 4 घंटे का समय दें। इसके बाद कपालभाति करें।

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खाली पेट करें कपालभाति

हमेशा खाली पेट ही कपालभाति करने की कोशिश करें। जब पेट हल्का होता है, तो पाचन में लगने वाली ऊर्जा आंतरिक कार्य के लिए उपलब्ध हो जाती है। इस प्रकार, खाली पेट कपालभाति का अभ्यास न केवल आपके शारीरिक आराम की रक्षा करता है, बल्कि अभ्यास के ऊर्जावान लाभों को भी बढ़ाता है। कपालभाति एक योगिक श्वास तकनीक है जिसमें तेजी से और बलपूर्वक सांस छोड़ना और उसके बाद निष्क्रिय सांस लेना शामिल है। जब खाने के बाद कपालभाति का अभ्यास करने की बात आती है, तो यहां कुछ दिशा-निर्देश दिए गए हैं जिन पर विचार करना चाहिए।kapalbhati

 

खाने के बाद कपालभाति करने के नुकसान

खाने के बाद कपालभाति करने के कई नुकसान हैं। जैसे कि खाना खाने के कुछ ही समय बाद कपालभाति करने से आपको बेचैनी या मतली की समस्या हो सकती है। इसकी वजह से आपको बदहजमी की दिक्कत हो सकती है। इसके अलावा आपको ब्लोटिंग की दिक्कत हो सकती है जिससे लगातार मेटाबोलिज्म स्लो हो जाता है।

कपालभाति से पहले क्या न करें:

- कपालभाति का अभ्यास करने से पहले भारी भोजन खाने या कैफीन, निकोटीन या अन्य उत्तेजक पदार्थों का सेवन करने से बचें।
- जब आप तनावग्रस्त, चिंतित या थका हुआ महसूस कर रहे हों तो कपालभाति का अभ्यास न करें।
- मासिक धर्म, गर्भावस्था के दौरान या यदि आपको हाई ब्लड प्रेशर, ग्लूकोमा या हर्नियेटेड डिस्क जैसी कोई अंतर्निहित चिकित्सा स्थिति है, तो कपालभाति का अभ्यास करने से बचें।

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किन बातों का रखें ध्यान:

कपालभाति का अभ्यास करने के लिए अपनी पीठ सीधी रखते हुए आरामदायक स्थिति में बैठें। धीमी और कोमल अभ्यास से शुरू करें, धीरे-धीरे गति और तीव्रता बढ़ाएं क्योंकि आप तकनीक के साथ अधिक सहज हो जाते हैं। अपने शरीर का ध्यान रखें और अगर आपको कोई असुविधा, चक्कर आना या दर्द महसूस हो तो रुक जाएं। एक्सपर्ट की बात मानकर और सही सुझाव लेकर ही सही तकनीक से योग करें। साथ ही कोशिश करें कि खाली पेट ही कपालभाति करें। कभी भी खाना खाने के बाद ही कपालभाति या योग करने से बचें। यह तर्क केवल शारीरिक ही नहीं बल्कि गहन ऊर्जावान भी है। योग केवल गति से कहीं अधिक है क्योंकि यह मन, शरीर और आत्मा को जोड़ने वाला आंतरिक मार्ग है। परंपरागत रूप से, प्राणायाम और ध्यान जैसे अभ्यास उपवास या लगभग उपवास की स्थिति में किए जाते हैं क्योंकि इससे आंतरिक स्पष्टता, संवेदनशीलता और जागरूकता बढ़ती है। संस्कृतियों में कई आध्यात्मिक अनुशासन इसे दोहराते हैं, पाचन तंत्र के भीतर उपवास या शांति के समय अभ्यास को प्रोत्साहित करते हैं।

FAQ

  • कपालभाति से कौन सी बीमारी ठीक होती है?

    कपालभाती, सांस से जुड़ी समस्याओं को कम करने में मददगार है। इसके अलावा, कपालभाति रोजाना करने से लिवर और किडनी से जुड़ी समस्याओं से बचाव में मदद मिलती है। लेकिन, इससे कोई बीमारी ठीक नहीं होती पर रिकवरी में मदद मिलती है।
  • कपालभाति कितने मिनट करनी चाहिए?

    30 मिनट कपालभाती करना आपके लिए फायदेमंद है। कुछ नहीं तो आप सुबह 10 से 15 मिनट खाली पेट इस एक्सरसाइज को कर सकते हैं। इससे आप बेहतर महसूस करेंगे।
  • क्या मोटापा कम करने में मददगार है कपालभाति

    कपालभाति करने से आपके पेट की मांसपेशियों पर प्रेशर पड़ता है जिससे फैट पचाने में मदद मिलती है और वजन तेजी से घटने लगता है। इसके अलावा यह मेटाबोलिज्म तेज करता है जिससे वेट लॉस के प्रोसेस में तेजी आती है।

 

 

 

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