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3 प्रकार के होते हैं कपालभात‍ि प्राणायाम, जानें इन्हें करने का तरीका और फायदे

कपालभात‍ि प्राणायाम के 3 मुख्‍य प्रकार होते हैं, आइए जानते हैं उनके फायदे और करने का सही तरीका
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3 प्रकार के होते हैं कपालभात‍ि प्राणायाम, जानें इन्हें करने का तरीका और फायदे


कपालभात‍ि प्राणायाम, शरीर को अंदर से साफ करने का एक आसान तरीका है। कपालभात‍ि दो शब्‍दों से म‍िलकर बना है कपाल यानी माथा, भात‍ि यानी तेज। कपालभात‍ि करने से ब्‍लड भी क्‍लीन होता है और अगर आप रोजाना कपालभात‍ि करेंगे तो द‍िमाग शांत रहेगा और वजन भी कंट्रोल रहेगा। कपालभात‍ि के 3 मुख्‍य प्रकार होते हैं-वातक्रम, व्‍युत्‍क्रम और शीतकर्म। इस लेख में हम तीनों प्रकार के योग के फायदे और तरीकों पर बात करेंगे। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के रवींद्र योगा क्लीनिक के योगा एक्सपर्ट डॉ रवींद्र कुमार श्रीवास्तव से बात की।

kapalbhati

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कपालभाति प्राणायाम के प्रकार (Types of kapalbhati in hindi)

कपालभात‍ि के तीन प्रकार होते हैं- वातक्रम, व्‍युत्‍क्रम और शीतकर्म। वातक्रम में व्‍यक्‍त‍ि सीधे ध्‍यान की मुद्रा में बैठकर अपनी एक उंगली से नाक के छेद को बंद करता है और दूसरे छेद से सांस खींचता है और फि‍र क्र‍िया र‍िपीट करता है। वहीं शीतकर्म में व्‍यक्‍त‍ि पानी को मुंह में लेकर नाक से बार न‍िकालता है और व्‍युत्‍क्रम में व्‍यक्‍त‍ि नाक से पानी खींचता है और मुंह से न‍िकालता है। आपको कपालभात‍ि प्राणायाम के फायदे उठाने हैं तो इन्‍हें सुबह के समय करें साथ ही इन्‍हें करने के बाद और पहले कुछ न खाएं। आगे इन्‍हें व‍िस्‍तार से जानेंगे।

1. वातक्रम कपालभाति कैसे करें? (Vatakrama Kapalbhati)

  • सबसे पहले आरामदायक मुद्रा में बैठ जाएं।
  • रीढ़ की हड्डी को सीधे रखते हुए ध्‍यान की मुद्रा बनाएं।
  • गहरी सांस लें और छोड़ें।
  • नाक से सांस को बाहर की ओर न‍िकालें।
  • सांस को बाहर न‍िकालते समय पेट को अंदर की ओर खींचना है।
  • मुंह को बंद रखते हुए आपको सांस छोड़ना या लेना है।
  • आपको नाक से ही केवल सांस को बाहर छोड़ना है और सांस भी नाक से ही लेनी है।

वातक्रम कपालभात‍ि को करने के फायदे (Benefits of vatakrama kapalbhati)

  • इस प्राणायाम को करने से स्‍क‍िन ग्‍लोइंग बनती है और डेड स्‍क‍िन सैल्‍स न‍िकल जाते हैं।
  • इस प्राणायाम को करने से रेस्‍प‍िरेटरी ड‍िसीज जैसे अस्‍थमा या फेफड़ों से संबंध‍ित रोग नहीं होते।
  • एंग्‍जाइटी, ड‍िप्रेशन और नसों की समस्‍या को दूर करने के ल‍िए ये प्राणायाम फायदेमंद है।

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2. शीतक्रम कपालभाति कैसे करें? (Sheetkrama Kapalbhati)

  • आरामदायक मुद्रा में खड़े हो जाएं, अब आप आगे की ओर झुकें।
  • आपको इस प्राणायाम को करने के ल‍िए गुनगुने पानी का प्रयोग करना है।
  • पानी को मुंह में भर लीज‍िए, इसे पीना नहीं है बल्‍क‍ि ऊपर खींचते हु नाक से बाहर न‍िकालना है।
  • ऐसा 2 से 3 बार र‍िपीट करें, फ‍िर नाक को अच्‍छी तरह से सुखा लें।
  • जो लोग पहली बार इस योग को रहे हैं वो ब‍िना एक्‍सपर्ट के इसे ट्राय न करें।

शीतक्रम कपालभात‍ि को करने के फायदे (Benefits of sheetkrama kapalbhati)

  • इस प्राणायाम को करने से शरीर और द‍िमाग को एनर्जी म‍िलती है।
  • शीतक्रम कपालभात‍ि प्राणायाम करने करने से डाइजेशन में समस्‍या, अल्‍सर, गैस, एस‍िड‍िटी की समस्‍या, पेट में दर्द आद‍ि नहीं होता।
  • शीतक्रम कपालभात‍ि को करने से मन शांत रहता है और स्‍ट्रेस कम होता है।

3. व्युत्क्रम कपालभाति कैसे करें? (Vyutkrama Kapalbhati)

  • सीधे होकर आरामदायक मुद्रा में खड़े हो जाएं और आगे की ओर झुकें।
  • अब आपको पानी को हाथ की अंजुल‍ि में भरकर नाक से खींचना है।
  • अब पानी को मुंह के रास्‍ते बाहर न‍िकाल लें।
  • इस प्रक्रिया को करने के दौरान सावधानी बरतते हुए 2 से 4 बार र‍िपीट करें।
  • इस योग को करने के बाद नाक को जरूर सुखा लें।

व्युत्क्रम कपालभाति को करने के फायदे (Benefits of vyutkrama kapalbhati)

kapalbhati types

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  • इस प्राणायाम को करने से गला साफ रहता है और नैज़ल कैव‍िटी नहीं होती।
  • इस प्राणायाम को करने से हाई बीपी की समस्‍या कम हो जाती है।
  • इस प्राणायाम करने से आपका मानस‍िक स्‍वास्‍थ्‍य ठीक रहता है, ड‍िप्रेशन के लक्षण कम होते हैं।

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इन लोगों को कपालभात‍ि नहीं करना चाह‍िए (Who should avoid kapalbhati)

  • अगर आप गर्भवती हैं तो आपको कपालभात‍ि प्राणायाम नहीं करना चाह‍िए।
  • कपालभात‍ि करने से कुछ देर पहले और बाद में कुछ भी खाने या पीने से बचें।
  • ज‍िन्‍हें दमा रोग है उन्‍हें कपालभात‍ि प्राणायाम करने से बचना चाहि‍ए।
  • वैसे तो मह‍िलाएं भी ये प्राणायाम कर सकती हैं पर पीर‍ियड्स के दौरान दर्द की समस्‍या को देखते हुए आप उस समय इस योग को अवॉइड करें।
  • अगर आपको हाई बीपी, हार्ट ड‍िसीज, माइग्रेन, म‍िर्गी, माइग्रेन की श‍िकायत है तो आपको डॉक्‍टर की सलाह जरूर लेनी चाह‍िए।
  • ज‍िन लोगों को खून से जुड़ी बीमारी श‍िकायत है उन्‍हें कपालभात‍ि नहीं करना चाह‍िए। 

कपालभात‍ि प्राणायाम आप अकेले प्रैक्‍ट‍िस कर सकते हैं पर इसके प्रकार को प्रैक्‍ट‍िस करने के ल‍िए आपको एक्‍सपर्ट की सहायता लेनी चाह‍िए और डॉक्‍टर की सलाह पर ही इन्‍हें ट्राय करें।

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