इन्फ्लुएंजा को फ्लू के रूप में जानते है। बता दें कि ये लोगों में सबसे आम संक्रमणों में से एक है। इसके लक्षणों की बात करें तो यह बुखार, खांसी, गले में खराश और सिरदर्द आदि के साथ नजर आता है। इश समस्या से व्यक्ति लगभग 2 सप्ताह तक परेशान रह सकता है। वैसे तो फ्लू के रोगी कुछ दिनों में खुद ही ठीक हो जाता है लेकिन कभी-कभी स्थिति गंभीर हो जाती है। यह फ्लू साल के कभी भी हो सकता है। हालांकि नवंबर से मार्च के बीच इस समस्या की संभावना बढ़ जाती है। इस स्वास्थ समस्या को रोकने के लिए डॉक्टर्स फ्लू शॉट्स देते हैं।
फ्लू शॉट्स शब्द बहुत से लोगों के लिए नया हो सकता है। आसान शब्दों में इसका नाम इन्फ्लुएंजा का टीके है। इन टीकों को फ्लू शॉट्स के अलावा फ्लू जैब्स के रूप में भी जाना जाता है। यह टीके इन्फ्लूएंजा वायरस के संक्रमण से बचाते हैं। साल में 2 बार इन टीकों के संस्करण में बदलाव किया जाता है क्योंकि इन्फ्लूएंजा वायरस में तेजी से बदलाव आता है, जिसके लिए एक उपयुक्त वैक्सीन का होना बेहद जरूरी है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, यह वैक्सीन आपके शरीर को वायरस से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाने का संकेत देती है। इस वैक्सीन का पूरा असर आने में लगभग 2 सप्ताह लगते हैं। हालांकि, वैक्सीन लगवाने के बाद आपको थोड़ी समस्या महसूस हो सकती है और आप बीमार जैसा महसूस कर सकते हैं लेकिन इसमें घबराने वाली कोई बात नहीं है क्योंकि यह बिल्कुल सामान्य प्रक्रिया है। लेकिन अगर आप वैक्सीन को छोड़ते हैं तो आप बहुत ज्यादा बीमार पड़ सकते हैं।
किन-किन बीमारियों में फ्लू शॉट्स दिए जाते हैं?
फ्लू शॉट्स इन्फ्लूएंजा के अलावा न्यूमोनिया, ब्रोंकाइटिस और अस्थमा के दौरा जैसी बीमारियों में भी बेहद लाभदायक है। यही कारण है कि यह 6 महीने से अधिक उम्र के बच्चों, युवाओं, वयस्कों और बुज़ुर्गों में पुरानी स्वास्थ्य समस्याओं जैसे क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज़, हृदय रोग, मधुमेह, एचआईवी, अस्थमा और कमज़ोर इम्यूनिटी के टीकाकरण के लिए विशेष रूप से इस्तेमाल किया जाता है।
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क्या फ्लू शॉट्स कोरोना से बचाव में प्रभावशाली है?
देश और दुनिया में कोरोना की महामारी से छुटकारा पाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। इसके बावजूद कोरोना के मामले दिन पर दिन बढ़ते जा रहे हैं। सच यह है कि कोरोना की वैक्सीन के बिना इस समस्या से छुटकारा पाना आसान नहीं है।
संक्रमण की सभी खबरों के बीच यह भी खबर आई कि फ्लू की वैक्सीन कोरोना से बचाव में सहायक है। हालांकि, यह खबर लोगों के लिए एक नई उम्मीद की तरह है लेकिन लोग संदेह में हैं कि क्या फ्लू शॉट्स या फ्लू वैक्सीन कोरोना में वाकई सहायक हैं?
जी हां, फ्लू शॉट्स इन्फ्लूएंजा के अलावा कई अन्य बीमारियों की रोकथाम में भी मदद करते हैं, जिसका ज़िक्र हम पहले ही कर चुके हैं। हालांकि, यह कह पाना मुश्किल है कि यह कोरोना से पूरी तरह से छुटकारा दिला सकता है या नहीं लेकिन निश्चित ही यह इम्यूनिटी को मजबूत करने का एक कारगर तरीका है। यह तो जाहिर है कि मजबूत इम्यूनिटी कोरोना से लड़ने में कितनी जरूरी है। इसके अलावा यह वैक्सीन कोरोना में इसलिए भी लाभदायक है क्योंकि यह व्यक्ति में फ्लू के लक्षणों को खत्म कर देती है, जिससे व्यक्ति स्वस्थ और मजबूत महसूस करता है। ऐसे में उस व्यक्ति में कोरोना होने की संभावना बहुत कम रह जाती है।
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चूंकि, यह साफ है कि कोरोना और फ्लू की बीमारी लगभग-लगभग एक जैसी है जो सर्दी, जुकाम, बुखार, सांस की समस्या, फेफड़ों की समस्या आदि को प्रभावित करती हैं। वहीं फ्लू का मौसम भी धीरे-धीरे शुरू हो रहा है। चूंकि कोरोना कमज़ोर इम्यूनिटी वाले व्यक्ति को अपना शिकार बनाता है इसलिए यदि व्यक्ति फ्लू से बचा रहेगा तो जाहिर है उसमें कोरोना की संभावना भी कम रहेगी।
इसलिए कोरोना महामारी के दौरान हर किसी को फ्लू की वैक्सीन लगवाना चाहिए। एक तो यह आपको फ्लू की समस्या से बचाएगा, दूसरा यह आपकी इम्यूनिटू को मजबूत बनाएगा, जो कोरोना से बचाव के लिए बेहद जरूरी है। हालांकि, वैक्सीन लगवाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
(ये लेख इंटरनल मेडिसिन मैक्स हॉस्पिटल, पटपड़गंज के एसोसिएट डायरेक्टर मुकेश मेहरा से बातचीत पर आधारित है।)
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