
हो सकता है कि फ्लू शॉट्स नाम आपके लिए नया हो लेकिन और कुछ नहीं इन्फ्लूएंजा के टीके हैं। आज कोरोनावायरस के संक्रमण ने दुनिया भर के लोगों के अंदर डर पैदा कर दिया है। हर कोई अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग हो गया है और हर छोटी बड़ी बीमारी से बचने के लिए हर संभव उपाय कर रहा है। ऐसे में फ्लू शॉट आपकी ज़िंदगी को बेहतर बना सकते हैं।
सुई, स्टिक या नाक के स्प्रे के जरिए दिया जाने वाला फ्लू शॉट आपकी कई बीमारियों से रक्षा कर सकता है। खासकर इन्फ्लुएंजा और फ्लू से बचाव में भी फ्लू शॉट बेहद लाभकारी होता है। बुजुर्ग, हेल्थकेयर वर्कर्स और प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए यह खासकर काफी कारगर है क्योंकि इन्हें किसी भी इंफेक्शन का खतरा सबसे ज्यादा होता है।
कैसे काम करती है फ्लू वैक्सीन?
साल में एक बार फ्लू की वैक्सीन लगवाना इसलिए जरुरी है क्योंकि यह फ्लू से बचाने में सहायक होती है। वैक्सीन की वजह से शरीर में एंटीबॉडी बनती हैं जो कि इंफेक्शन से लड़ने के लिए शरीर को शक्ति देती हैं। फ्लू वैक्सीन शॉट और इंजेक्शन के फॉर्म में मिलता है। साथ ही बाज़ार में नाक के स्प्रे भी उपलब्ध है।
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किन्हें लगवाना चाहिए वैक्सीन?
हर कोई वैक्सीन का लाभ उठा सकता है लेकिन अगर आपकी उम्र 65 साल से ऊपर है। आप किसी नर्सिंग होम या अस्पताल में काम करते हैं। आप हेल्थकेयर वर्कर हैं या बीमार लोगों के बीच अपनी सेवाएं देते हैं। आपको डायबिटीज, अस्थमा, दिल की बीमारी या एचआईवी संक्रमण है। आपका इम्युन सिस्टम कमजोर है तो आपको वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए।
इसके अलावा गर्भवती महिलाएं चाहे वह गर्भावस्था के किसी भी चरण में हों, उन्हें वैक्सीन लगवाना अनिवार्य है। प्रेग्नेंसी में किसी भी संक्रमण के लगने की आशंका बहुत अधिक होती है जो कि गर्भ में पल रहे बच्चे तक पहुंचकर उसके लिए मुश्किल पैदा कर सकता है इसलिए प्रेग्नेंसी में यह वैक्सीन लगवाने से ना चूकें।
अगर आप स्तनपान करवा रही हैं तो भी आप वैक्सीन लगवा सकती हैं क्योंकि इससे सुरक्षात्मक एंटीबॉडी बच्चे को पास होंगी और उसका स्वास्थ्य बेहतर बनेगा। साथ ही इससे फ्लू होने की संभावना भी कम हो जाएगी। जब बच्चा 6 महीने का हो जाए तो आप उसे भी वैक्सीन लगवा सकते हैं।
किन्हें नहीं लगवानी चाहिए वैक्सीन
अगर आप फ्लू वैक्सीन लगवाना चाहते हैं लेकिन आप बीमार हैं तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें। अगर आपको हल्की सर्दी-खांसी है तो आप वैक्सीन लगवा सकते हैं लेकिन अगर तेज़ फीवर है तो कुछ समय तक रुकना ठीक है। वहीं, निमोनिया, ब्रोंकाइटिस, साइनस इंफेक्शन, कान के इंफेक्शन से जूझ रहे लोगों को वैक्सीन न लगवाने की सलाह दी जाती है। इसके अलावा छह महीने से छोटे बच्चे को भी वैक्सीन नहीं लगवाई जा सकती। साथ ही अगर आपने पहले कभी वैक्सीन लगवाई है और आपको रिएक्शन हो जाता है तो भी इससे बचें।
50 साल से ऊपर के व्यक्ति, प्रेग्नेंट महिलाएं, कमजोर इम्युन सिस्टम वाले लोग और अस्थमा, दिल की बीमारी और फेफड़ों की बीमारी से जूझने वाले लोग इंजेक्शन के बजाए नेज़ल स्प्रे से वैक्सीन लगवाएं।
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फ्लू वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स
आमतौर पर फ्लू वैक्सीन बहुत ही सुरक्षित मानी जाती हैं और इससे होने वाले साइड इफेक्ट्स बहुत ही हल्के होते हैं और अपने आप ही ठीक हो जाते हैं। इंजेक्शन लगवाने के बाद आपको उस जगह पर थोड़ी सूजन हो सकती है। यह वैक्सीन के इम्युन सिस्टम पर रिएक्शन की वजह से होती है। इसके अलावा हल्का बुखार, मासपेशियों में दर्द, सिरदर्द, जी मिचलाना, बेहोशी की परेशानी भी होती है लेकिन कुछ समय में ये अपने आप ही ठीक हो जाती है। आपको बस वैक्सीन लगवाने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श करना है। अपनी बीमारी की हिस्ट्री को डॉक्टर से ना छुपायें, उनसे खुलकर बात करें और उनकी सलाह पर ही वैक्सीन लगवाने का कदम उठाएं और अपने स्वास्थ्य की रक्षा करें।
घरेलू उपचार साइड इफेक्ट कम करने में सहायक
वैक्सीन लगवाने के बाद खासकर छोटे बच्चों को काफी दर्द होता है। ऐसे में कुछ छोटे मोटे उपायों से आप उनके दर्द को कम कर सकते हैं। जब वैक्सीन लगने के बाद ध्यान भटकाएं। कोई खिलौना उसके आसपास रखें ताकि वह इंजेक्शन की ओर ध्यान ना दे। उसे तौलिया में लपेटे या झूला झुलायें।
वैक्सीन के बाद बच्चे को दूध पिलाने से उसे आराम मिलेगा और अगर इस दौरान वह सो जाए तो दर्द कम होगा। वैक्सीन वाले क्षेत्र में सूजन आ जाने पर डॉक्टर की सलाह से कोई क्रीम लगाएं या बर्फ से सिकाई करें। इससे दर्द कम होगा और सूजन में भी कमी आएगी।
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