क्या वर्तमान आंकड़ों से भविष्य में मौसमी संक्रमण या फिर इन्फ्लुएंजा का पता लगाया जा सकता है? शायद हां, हाल में हुए एक शोध के शोधकर्ताओं का मानना है कि यह संभव हो सकता है। एक नया अध्ययन है जो बताता है कि शुरुआती जीवन में मौसमी फ्लू भविष्य में इन्फ्लूएंजा संक्रमण या फिर संक्रामक वायरस की संवेदनशीलता और गंभीरता का अनुमान लगा सकता है। इसके अलावा, विभिन्न आयु वर्ग के लोगों पर फ्लू के टीकों की प्रभावशीलता का भी अनुमान लगाया जा सकता है।
जानिए क्या कहता है ये नया शोध?
मौसमी इन्फ्लूएंजा सिर्फ एक वायरल संक्रमण से बहुत अधिक है। यह एक तीव्र संक्रमण है, जो श्वसन मार्ग को प्रभावित करता है और सभी उम्र के लोगों को प्रभावित कर सकता है। हमारा मानना है कि मौसमी संक्रमण उम्र के बावजूद होते हैं और किसी भी समय ट्रिगर हो सकते हैं। पत्रिका 'ई लाइफ' में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पाया है कि इन्फ्लूएंजा होने का आयु-विशिष्ट जोखिम और फ्लू के टीके की प्रभावशीलता, दोनों का अनुमान लगाया जा सकता है।
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अध्ययन के पहले लेखक फिलिप आरवलो, जो कि अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन विभाग में पोस्टडॉक्टरल रिसर्चर हैं, का मानना है, ''चूंकि एक निश्चित आयु वर्ग में इन्फ्लूएंजा संक्रमण का खतरा समय के साथ बदलता है, इसलिए उम्र के अलावा, अन्य कारक संक्रमण के प्रति हमारी संवेदनशीलता को प्रभावित कर सकते हैं।''
3 प्रकार के होते हैं इन्फ्लूएंजा वायरस
इन्फ्लूएंजा वायरस के तीन प्रकार होते हैं- ए, बी और सी, जहां सी सबसे असामान्य है। इन्फ्लुएंजा ए वायरस, जो आम तौर पर मनुष्यों में फैलता है वे हैं- ए A(H1N1) और A(H3N2)। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, इन्फ्लूएंजा स्वास्थ्य के लिए प्रमुख खतरों में से एक है। इन्फ्लूएंजा के एक अरब से अधिक मामले हर साल दर्ज किए जाते हैं और लगभग 5 लाख लोग इन्फ्लूएंजा के कारण होने वाली श्वसन जटिलताओं से मर जाते हैं।
हाल में हुए इस शोध के लिए, रिसर्च टीम ने वर्ष 2007-2018 में मार्शफील्ड एपिडेमिलॉजिक स्टडी एरिया में मार्शफील्ड, विस्कॉन्सिन में मौसमी फ्लू के मामलों के सांख्यिकीय मॉडल का उपयोग किया।
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निष्कर्ष बताते हैं कि जो लोग अपने शुरूआती जीवन में इन्फ्लूएंजा से संक्रमित हो गए थे, वे बाद के जीवन में चिकित्सा सहायता लेने की कम संभावना रखते हैं। लेकिन यदि वे एक ही उपप्रकार के संक्रमण से संक्रमित होते हैं। इसके अलावा, फ्लू के टीके की प्रभावशीलता व्यक्ति की उम्र और जोखिम पर निर्भर करती है।
इस अध्ययन के वरिष्ठ लेखक और इकोलॉजी और इवोल्यूशन विभाग में प्रिंसिपल इन्वेस्टिगेटर सारा कोबे ने निष्कर्ष निकाला, "इससे भविष्य के मौसमी फ्लू का मुकाबला करने में मदद करने के लिए बेहतर पूर्वानुमान और टीकाकरण रणनीतियों को बढ़ावा मिलेगा।" संक्षेप में निष्कर्ष यह बताते हैं, जो लोग शुरुआती जीवन में मौसमी फ्लू से संक्रमित होते हैं, वे भी बाद में संक्रमित हो सकते हैं, लेकिन उन्हें चिकित्सा की आवश्यकता नहीं कम हो सकती है।
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